बरेली: जिले के दियोसास की उर्मिला देवी पत्नी ज्ञान प्रकाश ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत करते हुए बताया कि उन्होंने अपने बेटे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अपने ग्राम विकास अधिकारी लवश्रेष्ठ को 12 दिन पहले आवेदन फार्म दिया था. सोमवार को जब वह जन्म प्रमाण पत्र लेने गई तो ग्राम विकास अधिकारी लवश्रेष्ठ ने राजीव गंगवार रोजगार सेवक से बात करने को कहा.
आरोप है कि राजीव गंगवार नें पीड़ित से रिसीविंग पर हस्ताक्षर कराए और प्रमाण पत्र दिया और 100 रुपये मांगे. पीड़ित ने पैसे मांगने का कारण पूछा तो राजीव ने तुरंत पहले तो प्रमाण पत्र छीन लिया और कहा कि बिना पैसे के प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा. इसके बाद पीड़ित ने ग्राम विकास अधिकारी से संपर्क किया तो ग्राम विकास अधिकारी ने राजीव से ही बात करने को कहा कि यदि वो मांग रहा हैं तो देने पड़ंगे. इसके बाद राजीव ने कहा कि "आपको 100 रुपये तो देने ही पड़ेंगे साहब ने कहा है. अन्यथा प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा. आप चाहे किसी भी अधिकारी के पास चले जाओं. मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे."
पीड़ित जब दोबारा प्रमाण पत्र लेने गई तो ग्राम विकास अधिकारी ने कहा कि यदि आप पैसे नहीं देंगी तो कागज पूरे देने होंगे. पीड़िता ने कहा कि जब प्रमाण पत्र कल तैयार था तो अब कागज अपूर्ण कैसे हो गए. इसके बाद रोजगार सेवक राजीव कुमार नें यह ग्राम विकास अधिकरी के सामने भी कही कि आप पैसे नहीं दोगे तो प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा. ग्राम विकास अधिकारी काजग पूर्ण करने की बात कह कर अपने कार्यालय से चले गए. जबकि प्रमाण पत्र 08/2/2021 को तैयार किया जा चुका है.