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बरेली में एसीएमओ ने खुद को बताया CMO, झोलाछाप डॉक्टर से ठगे 55,000

यूपी के बरेली में एक झोलाछाप डॉक्टर ने एक एसीएमओ पर ठगी करने का आरोप लगाया है. दरअसल शिकायतकर्ता का आरोप है कि एसीएमओ ने सीएमओ बनकर उससे 55,000 रुपये ठगे हैं.

सीएमओ, विनीत कुमार शुक्ला
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Published : Nov 19, 2019, 8:25 AM IST

बरेली: स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है, जहां एसीएमओ पर झोला छाप डॉक्टर से रुपये लेने के गंभीर आरोप लगे हैं. वहीं इस घटना के सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. इस मामले में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सीएमओ विनीत कुमार शुक्ला ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

ACMO ने डॉक्टर से ठगे 55,000 हजार रुपये.

जानिए क्या है पूरा मामला
झोलाछाप डॉक्टर बाबूराम ने एसीएमओ अशोक कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बाबूराम का आरोप है कि एसीएमओ अशोक कुमार शुक्रवार को सिरौली थाना क्षेत्र स्थित शिवपुरी गांव में उनके क्लीनिक पर पहुंचे थे और अपने आप को सीएमओ बताया था और 60,000 रुपये की मांग की थी. रुपये नहीं देने पर जेल भेजने की धमकी दे रहे थे. काफी गिड़गिड़ाने के बाद एसीएमओ ने 55,000 की डिमांड की, जिसके बाद बाबूराम ने ब्याज पर रुपए उधार लेकर एसीएमओ को सीएमओ समझ कर 55,000 दे दिए. वहीं सोमवार जब बाबूराम सीएमओ कार्यालय पहुंचा, तो इस बात का खुलासा हुआ और उसे पता चला कि सीएमओ तो विनीत कुमार शुक्ला है, जबकि अशोक कुमार एसीएमओ है. जिसके बाद पीड़ित बाबूराम ने सीएमओ से एसीएमओ की लिखित शिकायत की. वहीं बाबूराम का कहना है की वो गांव में क्लीनिक चलाता है और उसके पास कोई डिग्री नहीं है.

सीएमओ ने दिया जांच का आश्वासन
वहीं जब मामला सीएमओ विनीत कुमार शुक्ला के संज्ञान में आया तो उनका कहना है, यह काफी गंभीर मामला है और इसकी वह जांच कराएंगे. जांच में अगर एसीएमओ अशोक कुमार दोषी साबित होते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उनका कहना है कि उनके पास किसी तरीके का कोई पैसा नहीं पहुंचा है न ही वह किसी से कोई पैसा लेते हैं. अगर एसीएमओ अशोक कुमार ने बाबूराम से रुपये लिए है तो यह बहुत ही गंभीर मामला है. सीएमओ का कहना है कि एसीएमओ डॉ अशोक कुमार के पास झोलाछाप डॉक्टरों की जांच की कोई जिम्मेदारी भी नहीं है, ऐसे में अगर वह जांच करने गए थे तो यह गलत है.

पढ़ें: बरेली: 2 साल की बच्ची से दुष्कर्म, कोर्ट ने 14 दिनों में सुनाई दोषी को उम्रकैद की सजा

बरेली: स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है, जहां एसीएमओ पर झोला छाप डॉक्टर से रुपये लेने के गंभीर आरोप लगे हैं. वहीं इस घटना के सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. इस मामले में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सीएमओ विनीत कुमार शुक्ला ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

ACMO ने डॉक्टर से ठगे 55,000 हजार रुपये.

जानिए क्या है पूरा मामला
झोलाछाप डॉक्टर बाबूराम ने एसीएमओ अशोक कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बाबूराम का आरोप है कि एसीएमओ अशोक कुमार शुक्रवार को सिरौली थाना क्षेत्र स्थित शिवपुरी गांव में उनके क्लीनिक पर पहुंचे थे और अपने आप को सीएमओ बताया था और 60,000 रुपये की मांग की थी. रुपये नहीं देने पर जेल भेजने की धमकी दे रहे थे. काफी गिड़गिड़ाने के बाद एसीएमओ ने 55,000 की डिमांड की, जिसके बाद बाबूराम ने ब्याज पर रुपए उधार लेकर एसीएमओ को सीएमओ समझ कर 55,000 दे दिए. वहीं सोमवार जब बाबूराम सीएमओ कार्यालय पहुंचा, तो इस बात का खुलासा हुआ और उसे पता चला कि सीएमओ तो विनीत कुमार शुक्ला है, जबकि अशोक कुमार एसीएमओ है. जिसके बाद पीड़ित बाबूराम ने सीएमओ से एसीएमओ की लिखित शिकायत की. वहीं बाबूराम का कहना है की वो गांव में क्लीनिक चलाता है और उसके पास कोई डिग्री नहीं है.

सीएमओ ने दिया जांच का आश्वासन
वहीं जब मामला सीएमओ विनीत कुमार शुक्ला के संज्ञान में आया तो उनका कहना है, यह काफी गंभीर मामला है और इसकी वह जांच कराएंगे. जांच में अगर एसीएमओ अशोक कुमार दोषी साबित होते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उनका कहना है कि उनके पास किसी तरीके का कोई पैसा नहीं पहुंचा है न ही वह किसी से कोई पैसा लेते हैं. अगर एसीएमओ अशोक कुमार ने बाबूराम से रुपये लिए है तो यह बहुत ही गंभीर मामला है. सीएमओ का कहना है कि एसीएमओ डॉ अशोक कुमार के पास झोलाछाप डॉक्टरों की जांच की कोई जिम्मेदारी भी नहीं है, ऐसे में अगर वह जांच करने गए थे तो यह गलत है.

पढ़ें: बरेली: 2 साल की बच्ची से दुष्कर्म, कोर्ट ने 14 दिनों में सुनाई दोषी को उम्रकैद की सजा

Intro:एसीएमओ अशोक कुमार ने सीएमओ बन झोला छाप डॉक्टर से की 55 हजार रुपये की वसूली, मामला खुलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कम्प*


एंकर- बरेली में स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है, जहां एसीएमओ पर झोला छाप डॉक्टर से रुपए लेने के गंभीर आरोप लगे हैं। वही इस घटना के सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। सीएमओ ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है।




Body:वीओ- यह वही एसीएमओ अशोक कुमार है जिन पर झोला छाप डॉक्टर बाबूराम ने गंभीर आरोप लगाए हैं। बाबूराम का आरोप है कि एसीएमओ अशोक कुमार शुक्रवार को सिरौली थाना क्षेत्र स्थित शिवपुरी गांव में उनके क्लीनिक पर पहुंचे थे और अपने आप को सीएमओ बताया था और ₹60000 की मांग की थी। रुपए नहीं देने पर जेल भेजने की धमकी दे रहे थे। काफी गिड़गिड़ाने के बाद एसीएमओ ने ₹55000 में बात मानी। जिसके बाद बाबूराम ने ब्याज पर रुपए उधार लेकर एसीएमओ को सीएमओ समझ कर ₹55000 दे दिए। आज जब बाबूराम सीएमओ कार्यालय पहुंचा तो इस बात का खुलासा हुआ। उसे पता चला कि सीएमओ तो विनीत कुमार शुक्ला है जबकि अशोक कुमार एसीएमओ है। जिसके बाद बाबूराम ने सीएमओ से एसीएमओ की लिखित शिकायत की है। बाबूराम का कहना है की वो गांव में क्लीनिक चलाता है और उसके पास कोई डिग्री नहीं है।


*बाइट- बाबूराम, शिकायतकर्ता थैला छाप डॉक्टर*


वीओ2- वही जब बाबूराम एसीएमओ अशोक कुमार के ऑफिस में पहुंचा तो दोनों लोगों के बीच जमकर कहासुनी हुई पहले तो एसीएमओ मीडिया से यह कहते रहे कि वह किसी बाबूराम को नहीं जानते लेकिन जब बाबूराम सामने आया तो एसीएमओ ने इस बात को स्वीकार किया कि वह उसके क्लीनिक पर गए थे लेकिन उन्होंने किसी तरह के पैसे की डिमांड नहीं की। फिलहाल भ्रष्ट एसीएमओ पर पहले भी कई बार इस तरीके के आरोप लगते रहे हैं। 


*बाइट- अशोक कुमार, एसीएमओ*


वीओ3- वही जब मामला सीएमओ विनीत कुमार शुक्ला के संज्ञान में आया तो उनका कहना है यह काफी गंभीर मामला है और इसकी वह जांच कराएंगे। जांच में अगर एसीएमओ अशोक कुमार दोषी साबित होते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना है कि उनके पास किसी तरीके का कोई पैसा नहीं पहुंचा है ना ही वह किसी से कोई पैसा लेते हैं। अगर एसीएमओ अशोक कुमार ने बाबूराम से रुपये लिए है तो यह बहुत ही गंभीर मामला है। सीएमओ का कहना है कि एसीएमओ डॉ अशोक कुमार के पास झोलाछाप डॉक्टरों की जांच की कोई जिम्मेदारी भी नहीं है। ऐसे में अगर वह जांच करने गए थे तो यह गलत है।




Conclusion:fvo- बरेली जिले में सैकड़ों झोलाछाप डॉक्टर ग्रामीण इलाकों में प्रैक्टिस कर रहे हैं और लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इनसे जमकर वसूली करते हैं और लोगों की जान से खिलवाड़ करने का लाइसेंस देते हैं। अब यह मामला सामने आने के बाद देखना यह है कि दोषी एसीएमओ पर क्या कार्रवाई होती है।

रंजीत शर्मा

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