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बरेली : यहा घंटा चढ़ाने से मनोकामना पूरी करती हैं मां

बदायूं रोड पर मां दुर्गा का एक ऐसा मंदिर है जिसमें घंटा चढ़ाने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आज नवरात्रि का आखिरी दिन है.

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Published : Apr 14, 2019, 6:30 PM IST

बरेली में है एक अनोखा मंदिर

बरेली: आज नवरात्रि के आखिरी दिन के साथ देश में रामनवमी बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है. लोग आज के दिन मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना के साथ मनोकामनाएं मांगते हैं. बरेली के बदायूं रोड पर मां दुर्गा का एक ऐसा मंदिर है, जिसमें घंटा चढ़ाने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. लोगों का मानना है कि मनोकामना पूर्ण होने पर यहां घंटा चढ़ाया जाता है.

बरेली में है एक अनोखा मंदिर.

मंदिर की हैं कई विशेषताएं

  • मां भगवती का यह दरबार 84 घंटों वाली दुर्गा महारानी के नाम से दूर-दूर तक जाना जाता है.
  • यहां भक्तों की आस्था बेहद गहरी है. वे मानते हैं कि यहां आकर हर मुराद पूरी होती है.
  • मुराद पूरी होने पर भक्त मंदिर में घंटा चढ़ाते हैं.
  • इस दरबार में आज एक लाख दस हजार पांच सौ छप्पन घंटे हैं.
  • यह भक्तों और दिव्य शक्ति के बीच आस्था और विश्वास के रिश्ते का अनूठा उदाहरण हैं.
  • लोग यहां मन्नत मांग कर जाते हैं पर इस दरबार में लौटते हैं तो घंटा लेकर.

मेरी मां ने एक दिन सपना देखा था, जिसमें मां भगवती ने मंदिर निर्माण का आदेश दिया था. तब इस मंदिर की स्थापना मार्च 1969 में कराई गई थी. दूर-दूर से भक्त मां भगवती के दर्शन को आते हैं, नवरात्रि को यहां विशेष मेला लगता है.

-सुरेंद्र मोहन गर्ग, संरक्षक मंदिर, बरेली

बरेली: आज नवरात्रि के आखिरी दिन के साथ देश में रामनवमी बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है. लोग आज के दिन मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना के साथ मनोकामनाएं मांगते हैं. बरेली के बदायूं रोड पर मां दुर्गा का एक ऐसा मंदिर है, जिसमें घंटा चढ़ाने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. लोगों का मानना है कि मनोकामना पूर्ण होने पर यहां घंटा चढ़ाया जाता है.

बरेली में है एक अनोखा मंदिर.

मंदिर की हैं कई विशेषताएं

  • मां भगवती का यह दरबार 84 घंटों वाली दुर्गा महारानी के नाम से दूर-दूर तक जाना जाता है.
  • यहां भक्तों की आस्था बेहद गहरी है. वे मानते हैं कि यहां आकर हर मुराद पूरी होती है.
  • मुराद पूरी होने पर भक्त मंदिर में घंटा चढ़ाते हैं.
  • इस दरबार में आज एक लाख दस हजार पांच सौ छप्पन घंटे हैं.
  • यह भक्तों और दिव्य शक्ति के बीच आस्था और विश्वास के रिश्ते का अनूठा उदाहरण हैं.
  • लोग यहां मन्नत मांग कर जाते हैं पर इस दरबार में लौटते हैं तो घंटा लेकर.

मेरी मां ने एक दिन सपना देखा था, जिसमें मां भगवती ने मंदिर निर्माण का आदेश दिया था. तब इस मंदिर की स्थापना मार्च 1969 में कराई गई थी. दूर-दूर से भक्त मां भगवती के दर्शन को आते हैं, नवरात्रि को यहां विशेष मेला लगता है.

-सुरेंद्र मोहन गर्ग, संरक्षक मंदिर, बरेली

Intro:आज नवरात्रि का आखिरी दिन है।पूरे शहर रामनौमी बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है मंदिरो में कन्याओ को भोजन कराया जा रहा है।बरेली के बदायूं रोड पर मां दुर्गा का एक ऐसा मंदिर है जिसने भक्तो की मनोकामनाएं पूरी होती है।लोगो का मानना है कि मनोकामना पूर्ण होने पर यहां घंटा चढ़ाया जाता है। मां भगवती का यह दरबार 84 घंटों वाली दुर्गा महारानी के नाम से दूर दूर तक जाना जाता है। उतने ही सच्चे दरबार के रूप में इसकी पहचान है। यहां से भक्तों की आस्था बेहद गहरी है। वे मानते हैं कि यहां आकर हर मुराद पूरी होती है मुराद पूरी होने पर भक्त मंदिर में घंटा चलाते हैं।इस दरबार में आज एक लाख दस हजार पांच सौ छप्पन घंटे हैं। लगभग हर दिन घंटो की संख्या बढ़ती जाती है।


Body:यह भक्तों और दिव्य शक्ति के बीच आस्था और विश्वास के रिश्ते का अनूठा उदाहरण है। लोग यहां मन्नत मांग कर जाते हैं पर इस दरबार में लौटते हैं तो घंटा लेकर। इसे यहां टांग कर मां भगवती का आभार प्रकट करते हैं। चार दशक से यह सिलसिला कुछ यूं ही चला रहा है कि 84 घंटों के साथ स्थापित हुए इस दरबार में आज एक लाख दस हजार पांच सौ छप्पन घंटे हैं।

इस मंदिर का निर्माण कार्य मार्च 1969 में पूरा हुआ था इसकी स्थापना स्वर्गीय शकुंतला देवी गर्ग एवं स्वर्गीय उमाशंकर गर्ग ने कराई थी इनके बेटे सुरेंद्र मोहन इसे ईश्वरीय अनुकंपा मानते हैं वे बताते हैं कि उनकी माँ ने एक दिन सपना देखा था जिसमें मां भगवती की ओर से निर्माण का आदेश मिला था तब इस मंदिर की स्थापना कराई गई थी।दूर दूर से लोग यहां भक्त माँ भगवती के दर्शन को आते है।नवरात्रि को यहाँ विशेष मेला लगता है।

बाइट--सुरेंद्र मोहन गर्ग (संरक्षण मंदिर)


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