बरेली: बिजली विभाग (Electricity Department) ने मीरगंज की एक आटा चक्की (Flour Mill) में करीब बीस लाख रुपये की चोरी पकड़ी है. शुक्रवार को जब विभागीय टीम ने यहां छापा मारा तो कनेक्शन में हाईटेक डिवाइस और रिमोट के जरिए बिजली चोरी होते देखकर हैरान रह गई. अफसरों का दावा है कि बरेली जोन में बिजली चोरी का अब तक का यह सबसे बड़ा तीसरा मामला है. आटा चक्की के खिलाफ तहरीर दर्ज कराने के लिए दी गई है. बिजली चोरी के इस मामले में विभागीय लोगों का हाथ होने के संदेह में विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है.
मीरगंज थाना क्षेत्र के गांव सैंजना में जहीर अहमद की आटा चक्की (राइस) मिल में लंबे समय से कनेक्शन से कम खपत होनी की जानकारी थी. उसके बाद अधिकारियों ने गोपनीय जांच कराई. इसमें मामला सही पाया गया. शुक्रवार को सहायक अभियंता मीटर प्रथम महेंद्र कुमार सिंह टीम के साथ चेकिंग के लिए पहुंचे. बिजली विभाग की टीम देखकर राइस मिल के स्टॉफ में खलबली मच गई. सहायक अभियंता ने राइस मिल परिसर को घिरवाने के बाद उसके गेट पर लगे मीटर और बिजली उपकरणों की जांच शुरू कराई.
शुरुआती छानबीन में ही पता चल गया कि राइस मिल में बिजली की खपत काफी कम है. हालांकि ऊपरी तौर पर मीटर सिस्टम भी सही दिख रहा था. अफसरों को लगा कि उन्हें शायद गलत जानकारी मिली है, लेकिन लौटने से पहले उन्होंने मीटर सिस्टम के साथ कुछ उपकरणों को भी खुलवाकर जांच कराई. पूरे सप्लाई सिस्टम की गहराई से जांच की गई तो उसमें अलग से लगाई गई डिवाइस और रिमोट जैसे उपकरण पकड़ में आ गए. इसके बाद अफसर काफी समय तक यह जानने के लिए माथापच्ची करते रहे कि सरकारी मीटरिंग सिस्टम में अलग से डिवाइस आखिर कैसे लगा दी गई. शुरुआती जांच के बाद अधिकारियों का मानना है कि करीब बीस लाख से अधिक की चोरी पकड़ी गई है. अधिकारी जानने में लगे हैं कि आखिर कितने की रुपये की बिजली चोरी होनी की अंशाका है. इसका सही जानकारी मीटर जांच होने के बाद शनिवार को मिलेंगी.
राइस मिल चलाने के लिए बिजली विभाग से 12 केवीए क्षमता का कनेक्शन लिया गया था. राइस मिल मालिक ने तकनीकी जानकारों की मदद से सप्लाई उपकरण में अलग से डिवाइस लगवा ली गई थी, जिसकी वजह से लगातार सप्लाई चलने के बावजूद मीटर रीडिंग पल्स नहीं चलती थी. इससे बिजली विभाग को हर दिन हजारों रुपये के राजस्व की क्षति हो रही थी. ऊपरी तौर पर बिजली चोरी का अंदाजा लगाना मुश्किल था.
मीटरिंग सिस्टम में अलग डिवाइस लगाना उच्चस्तर के तकनीकी जानकार का काम
तकनीकी जानकारों के मुताबिक, सरकारी सिस्टम में अलग से उपकरण लगाकर हर दिन हजारों रुपये की बिजली चोरी करना बगैर विभागीय मिलीभगत के संभव नहीं है. दरअसल मीटर, पीटी, सीटी आदि सप्लाई सिस्टम विभाग ही स्थापित करता है. ये उपकरण लगने के बाद विभागीय इंजीनियर पूरा सिस्टम चेक करते हैं. सूत्रों के मुताबिक, हाईटेंशन लाइन का शटडाउन लिए बगैर सिस्टम में अतिरिक्त डिवाइस नहीं लगाई जा सकती. विभागीय अफसरों ने बताया कि मीटरिंग सिस्टम में ऐसी डिवाइस दूसरी बार पाई गई है. यह उच्चस्तर के तकनीकी जानकार का काम है. दिल्ली या नोएडा में ही ऐसे लोग हैं. इसलिए विभाग ने आंतरिक साठगांठ की संभावना पर भी जांच शुरू कर दी है.
रिछा और देवचरा के बाद अब मीरगंज में पकड़ी गई बड़ी चोरी
रिछा के बिस्मिल्लाह राइस मिल में पकड़ी गई चोरी बरेली जोन में अब तक सबसे बड़ा मामला है. अधीक्षण अभियंता ग्रामीण अशोक कुमार चौरसिया ने बताया कि पिछले साल देवचरा में एक कोल्ड स्टोर में छापा मारकर सवा करोड़ रुपये की बिजली चोरी पकड़ी थी. इस मामले में एसडीओ और जेई निलंबित हुए थे. माना जा रहा है कि रिछा में पकड़े गए मामले में भी इस तरह की विभागीय कार्रवाई संभव है.
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स्थानीय बिजली कर्मचारियों को रखा गया दूर
मीरगंज क्षेत्र के सैजना गांव में राइस मिल में पकड़ी गई 20 लाख से अधिक की बिजली चोरी के मामले में क्षेत्रीय अधिकारियों को पूरी तरीके से दूर रखा गया. गुप्त तरीके से राइस मिल में छापा मारकर 20 लाख से अधिक की चोरी का भंडाफोड़ किया गया है.
अधीक्षण अभियंता देहात अशोक कुमार चौरसिया ने बताया कि मीरगंज क्षेत्र में एक राइस मिल में करीब 2000000 रुपये की बिजली चोरी पकड़ी गई है. संबंधित उपभोक्ता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की कार्रवाई की जा रही है. सही चोरी का अंदाजा शनिवार की शाम तक लग पाएगा.