बाराबंकी: जिले के सूरतगंज की महिलाएं राष्ट्रीय आजीविका मिशन से मदद लेकर दोना-पत्तल बनाने का कारोबार कर रही हैं. गांव की महिलाओं के इस छोटे से प्रयास के बाद अब क्षेत्र की दूसरी महिलाएं भी इसको लेकर जागरुक हो रही हैं. इन महिलाओं ने 2017 में राधा प्रेरणा ग्राम संगठन बनाया.
इसके बाद बैंक में खाता खुलवाकर हर महीने 100-100 रुपये जमा करती रहीं. साथ ही राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के फंड से दो लाख रुपये लिया. इसमें से एक लाख 10 हजार 884 रुपये से दोना-पत्तल बनाने वाली मशीन और शेष पैसों से कच्चा माल कागज आदि की खरीदारी की.
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समूह की महिलाओं ने बताया कि वह पहले कच्चे माल की खरीदारी करती हैं. फिर दोना-पत्तल को तैयार कर उसकी पैकिंग करती हैं. उसके बाद तैयार माल बाजार में पहुंचाती हैं. समूह की एक महिला को लेन-देन का हिसाब रखना होता है. दोना-पत्तल बनाने में हैंडप्रेस मशीन, सिल्वर पेपर, छोटा गैस सिलेंडर और पेपर कटिंग ब्लेड आदि का प्रयोग किया जाता है.
उनका कहना है कि वह एक घंटे में पांच हजार दोना-पत्तल तैयार कर लेती हैं. वहीं महिलाओं को प्रशिक्षण देने वाले अरुण कुमार का कहना है कि साल 2017 से ही इन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है. आज ये महिलाएं खुद का मशीन खरीद कर अपने पैरों पर खड़ी हैं. अब ये लोग घर बैठ खुद का कारोबार कर रही हैं.