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बाराबंकी: हादसों के बाद जागा प्रशासन, डबल डेकर बसों की चेकिंग में तेजी - transport department take strict action in checking double decker buses

बाराबंकी बस हादसे से सबक लेते हुए परिवहन विभाग ने डबल डेकर बसों की चेकिंग में तेजी बढ़ा दी है. वहीं, यूपी से होकर दूसरे राज्यों के लिए जानेवाली बसों पर प्रशासन की तरफ से सख्ती बढ़ा दी गई है.

हादसा.
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Published : Jul 30, 2021, 9:33 AM IST

बाराबंकी: परिवहन विभाग ने यूपी के बाराबंकी में हुए बस हादसे से सबक लेते हुए दूसरे राज्यों के लिए यूपी से होकर गुजरने वाली बसों पर सख्ती बढ़ा दी है. इस दौरान डबल डेकर बसों की चेकिंग में तेजी आ गई है. वहीं, परमिट के बिना संचालन पाए जाने पर संबंधित आरटीओ को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.

बाराबंकी में दुर्घटनाग्रस्त हुई बस (UP 22T 7918) का अकेले जुलाई महीने में ही परमिट न होने, ओवरलोडिंग और ओवरस्पीड, सीटबेल्ट जैसे मानकों का तीन बार चालान हुआ था और तीनों बार बस मालिक ने अभी तक चालान का भुगतान भी नहीं किया.हालांकि 27 जुलाई 2017 से 17 जुलाई 2021 तक इस बस का कुल 39 बार चालान हो चुका है. हैरानी की बात ये कि पंजाब हरियाणा, दिल्ली और उत्तरप्रदेश से गुजरने वाली इस ओवरलोड बस को परिवहन विभाग के किसी भी अधिकारी ने चेक नहीं किया.

39 बार हो चुका है इस बस का चालान
बुधवार को बाराबंकी में जिस बस ने 18 गरीब मजदूरों की जान ले ली. इसका रजिस्ट्रेशन 01 अक्टूबर 2014 को हुआ था. इसे उत्तरप्रदेश के रामपुर जिले में भगतसिंह द्वारा अपने नाम पंजीकृत कराया गया था. इसी वर्ष इसे बिहार प्रदेश के सीवान जिले के दरौंधा थाने के कोठूवा सारंगपुर टोला भाऊ छपरा पोस्ट महराजगंज में राजेश कुमार के हाथों बेच दिया गया और इसे सीवान जिले में पंजीकृत कराया गया था, लेकिन नंबर नहीं बदलवाया गया. वर्ष 2017 से जुलाई 2021 तक इस बस का 39 बार चालान हो चुका है.

अकेले जुलाई महीने में ही हुए तीन चालान

4 जुलाई 2021 को इस बस का चालान यूपी के कुशीनगर में हुआ था.उस समय बस के चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था. बस ओवरस्पीड में थी. मानक के विपरीत वाहन का प्रदूषण था. वाहन का परमिट नहीं था और सेफ्टी बेल्ट का प्रयोग नहीं हो रहा था. उस समय ये बस दिल्ली से बिहार जा रही थी लिहाजा प्रवर्तन अधिकारी ने बस का चालान कर 27,500 रुपये जुर्माना लगाया था जिसका भुगतान आज तक नहीं किया गया.

इसी तरह 13 जुलाई 2021 को दिल्ली- नोएडी डायरेक्ट फ्लाईवे, न्यू फ्रेंड्स कालोनी में इसे रोका गया और जांच में परमिट नहीं पाया गया. इसके अलावा भी कई कमियां पाए जाने पर प्रवर्तन अधिकारी ने इसका चालान किया और 10,500 रुपये जुर्माना लगाया. जिसका भी भुगतान बस मालिक ने अभी तक नहीं किया है.

17 जुलाई 2021 को इसका एक बार फिर चालान हुआ. इसे सीवान (बिहार) में रोका गया. जांच में परमिट समेत कई कमियां मिली और 12,500 रुपये जुर्माना लगाया गया. जिसका भुगतान अभी भी पेडिंग है.

बाराबंकी में भी हो चुका है चालान
बाराबंकी में भी इस बस का एक बार चालान हो चुका है. जब इस बस को 14 सितंबर 2020 को बीबीडी फैजाबाद रोड पर रोका गया था. बस द्वारा परमिट का उल्लंघन करने, सीट बेल्ट न लगाने और डीएल न होने प्रवर्तन अधिकारी डॉ. सर्वेश गौतम ने इस पर 11,500 रुपया जुर्माना लगाया गया था. जिसे जमा कराया गया था.

लगातार लापरवाही के बाद भी नहीं हुई कोई ठोस कार्रवाई
हैरानी की बात ये है कि लगातार इस बस द्वारा मानकों की धज्जियां उड़ाई जा रही थी, लेकिन परिवहन विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. जिसका नतीजा रहा है कि बुधवार को बाराबंकी में करीब डेढ़ सौ सवारियों से भरी ओवरलोड इस बस का एक्सेल टूट गया और फिर ट्रक ने पीछे से इसे टक्कर मार दी. जिसके चलते 18 गरीब मजदूरों की जान चली गई.

परिवहन विभाग का प्रवर्तन दल खास तौर पर यही कार्य करता है कि रोड पर चलने वाले वाहन की स्थिति क्या है. सवारियों की संख्या से लगाकर वाहन के परमिट और फिटनेस तक नजर रखनी होती है. टोल प्लाजा और चौराहों पर ड्यूटी लगाकर औचक रूप से चेकिंग किए जाने के निर्देश हैं. इसके बावजूद ये बस तीन राज्यों से होती हुई बाराबंकी तक पहुंच गई, लेकिन कहीं पर भी इसकी चेकिंग तक नहीं हुई.

इसे भी पढे़ं- बाराबंकी सड़क हादसा: बस और ट्रक की टक्कर में 18 की मौत, मोदी-योगी ने जताया दुख

बाराबंकी: परिवहन विभाग ने यूपी के बाराबंकी में हुए बस हादसे से सबक लेते हुए दूसरे राज्यों के लिए यूपी से होकर गुजरने वाली बसों पर सख्ती बढ़ा दी है. इस दौरान डबल डेकर बसों की चेकिंग में तेजी आ गई है. वहीं, परमिट के बिना संचालन पाए जाने पर संबंधित आरटीओ को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.

बाराबंकी में दुर्घटनाग्रस्त हुई बस (UP 22T 7918) का अकेले जुलाई महीने में ही परमिट न होने, ओवरलोडिंग और ओवरस्पीड, सीटबेल्ट जैसे मानकों का तीन बार चालान हुआ था और तीनों बार बस मालिक ने अभी तक चालान का भुगतान भी नहीं किया.हालांकि 27 जुलाई 2017 से 17 जुलाई 2021 तक इस बस का कुल 39 बार चालान हो चुका है. हैरानी की बात ये कि पंजाब हरियाणा, दिल्ली और उत्तरप्रदेश से गुजरने वाली इस ओवरलोड बस को परिवहन विभाग के किसी भी अधिकारी ने चेक नहीं किया.

39 बार हो चुका है इस बस का चालान
बुधवार को बाराबंकी में जिस बस ने 18 गरीब मजदूरों की जान ले ली. इसका रजिस्ट्रेशन 01 अक्टूबर 2014 को हुआ था. इसे उत्तरप्रदेश के रामपुर जिले में भगतसिंह द्वारा अपने नाम पंजीकृत कराया गया था. इसी वर्ष इसे बिहार प्रदेश के सीवान जिले के दरौंधा थाने के कोठूवा सारंगपुर टोला भाऊ छपरा पोस्ट महराजगंज में राजेश कुमार के हाथों बेच दिया गया और इसे सीवान जिले में पंजीकृत कराया गया था, लेकिन नंबर नहीं बदलवाया गया. वर्ष 2017 से जुलाई 2021 तक इस बस का 39 बार चालान हो चुका है.

अकेले जुलाई महीने में ही हुए तीन चालान

4 जुलाई 2021 को इस बस का चालान यूपी के कुशीनगर में हुआ था.उस समय बस के चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था. बस ओवरस्पीड में थी. मानक के विपरीत वाहन का प्रदूषण था. वाहन का परमिट नहीं था और सेफ्टी बेल्ट का प्रयोग नहीं हो रहा था. उस समय ये बस दिल्ली से बिहार जा रही थी लिहाजा प्रवर्तन अधिकारी ने बस का चालान कर 27,500 रुपये जुर्माना लगाया था जिसका भुगतान आज तक नहीं किया गया.

इसी तरह 13 जुलाई 2021 को दिल्ली- नोएडी डायरेक्ट फ्लाईवे, न्यू फ्रेंड्स कालोनी में इसे रोका गया और जांच में परमिट नहीं पाया गया. इसके अलावा भी कई कमियां पाए जाने पर प्रवर्तन अधिकारी ने इसका चालान किया और 10,500 रुपये जुर्माना लगाया. जिसका भी भुगतान बस मालिक ने अभी तक नहीं किया है.

17 जुलाई 2021 को इसका एक बार फिर चालान हुआ. इसे सीवान (बिहार) में रोका गया. जांच में परमिट समेत कई कमियां मिली और 12,500 रुपये जुर्माना लगाया गया. जिसका भुगतान अभी भी पेडिंग है.

बाराबंकी में भी हो चुका है चालान
बाराबंकी में भी इस बस का एक बार चालान हो चुका है. जब इस बस को 14 सितंबर 2020 को बीबीडी फैजाबाद रोड पर रोका गया था. बस द्वारा परमिट का उल्लंघन करने, सीट बेल्ट न लगाने और डीएल न होने प्रवर्तन अधिकारी डॉ. सर्वेश गौतम ने इस पर 11,500 रुपया जुर्माना लगाया गया था. जिसे जमा कराया गया था.

लगातार लापरवाही के बाद भी नहीं हुई कोई ठोस कार्रवाई
हैरानी की बात ये है कि लगातार इस बस द्वारा मानकों की धज्जियां उड़ाई जा रही थी, लेकिन परिवहन विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. जिसका नतीजा रहा है कि बुधवार को बाराबंकी में करीब डेढ़ सौ सवारियों से भरी ओवरलोड इस बस का एक्सेल टूट गया और फिर ट्रक ने पीछे से इसे टक्कर मार दी. जिसके चलते 18 गरीब मजदूरों की जान चली गई.

परिवहन विभाग का प्रवर्तन दल खास तौर पर यही कार्य करता है कि रोड पर चलने वाले वाहन की स्थिति क्या है. सवारियों की संख्या से लगाकर वाहन के परमिट और फिटनेस तक नजर रखनी होती है. टोल प्लाजा और चौराहों पर ड्यूटी लगाकर औचक रूप से चेकिंग किए जाने के निर्देश हैं. इसके बावजूद ये बस तीन राज्यों से होती हुई बाराबंकी तक पहुंच गई, लेकिन कहीं पर भी इसकी चेकिंग तक नहीं हुई.

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