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EduLeaders Award : बाराबंकी के तीन शिक्षकों चयनित, नवाचार कर बढ़ाया लर्निंग आउटकम

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Published : Feb 4, 2023, 7:27 AM IST

बाराबंकी जिले में नवाचार के जरिए छात्र-छात्राओं की बौद्धिक क्षमता बढ़ाने वाले दो महिला शिक्षिकाओं समेत कुल तीन शिक्षकों को एडूलीडर्स अवार्ड के लिए चुना गया है.

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एडूलीडर्स अवार्ड

बाराबंकीः जिले में नवाचार के जरिए छात्र-छात्राओं की बौद्धिक क्षमता बढ़ाने समेत उनमें स्कूल आने की ललक पैदा करने और लर्निंग आउटकम बढ़ाने वाली दो महिला शिक्षिकाओं समेत कुल तीन शिक्षकों को एडूलीडर्स अवार्ड के लिए चुना गया है. शनिवार चार फरवरी को इन शिक्षकों को लखनऊ के सरोजिनी नगर स्थित उद्यमिता विकास संस्थान में निपुण भारत मिशन के अंतर्गत आयोजित होने वाले शैक्षिक गुणवत्ता सेमिनार के दौरान सम्मानित किया जाएगा.

बता दें कि इस बार बाराबंकी जिले से एडूलीडर्स संस्था ने नवाचार कर स्टूडेंट्स इनरोलमेंट बढ़ाने और बच्चों की बौद्धिक कुशलता बढ़ाने में अपना योगदान करने वाले तीन शिक्षकों को चुना है. इनमें विकासखंड त्रिवेदीगंज के प्राथमिक विद्यालय बहुता के प्रधानाध्यापक राहुल कुमार शुक्ला, विकासखंड बंकी के प्राथमिक विद्यालय बनवा की सहायक अध्यापिका अजिता श्रीवास्तव और विकासखंड सिरौलीगौसपुर के प्राथमिक विद्यालय किंतूर की प्रधानध्यापिका अर्पणा श्रीवास्तव हैं.

सम्मान के लिए चयनित अर्पणा श्रीवास्तव ने बताया कि कोविड काल के समय बच्चों की शिक्षा को लेकर लोगों में खासी चिंता थी, उस वक्त उन्होंने व्हाट्सएप पर बच्चों के मनोबल को बढ़ाने का प्रयास किया. उन्होंने बच्चों में संस्कार बढ़ाने के लिए नियमित रूप से नैतिक शिक्षा की एक कहानी पोस्ट करनी शुरू की. आज 284 दिन हो गए, वे लगातार एक कहानी पोस्ट कर रही हैं. इसके अलावा उनके स्कूल में बाउंड्री नही थी और जमीन भी नहीं थी, लिहाजा उन्होंने गांव वालों को मोटिवेट किया और उनसे उनकी जमीन ली फिर बाउंड्री का निर्माण कराया.

इसी तरह बहुता के प्रिंसिपल राहुल शुक्ला ने न केवल बच्चों को सिद्धांतों के बजाय प्रैक्टिकल के आधार पर शिक्षित किया और उनकी समझ बढ़ाने का प्रयास किया. यही नहीं उन्होंने चुनाव के समय मतदाता जागरूकता अभियान को लेकर हैदरगढ़ क्षेत्र में पहल की. उनकी इस मुहिम में बच्चों ने पेंटिंग, रंगोली आदि बनाकर मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित किया. इसी तरह बनवा स्कूल की सहायक अध्यापिका अजिता श्रीवास्तव ने भी अपने नवाचारों के जरिए न केवल ज्यादा से ज्यादा बच्चों का स्कूल में नामांकन कराया, बल्कि उनमें शिक्षा के प्रति ललक पैदा करने की कोशिश की.

क्या है एडूलीडर्स अवार्ड?
एडूलीडर्स यूपी संगठन उस वक्त अस्तित्व में आया, जब कोरोना काल के चलते स्कूल बंद चल रहे थे. ऐसे में वर्ष 2020 में बस्ती जनपद के एक शिक्षक डॉ सर्वेष्ठ मिश्र ने प्रदेश के 100 शिक्षकों के साथ एडूलीडर्स नामक संगठन बनाया. यह यूपी के बेसिक शिक्षकों का एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां सीखने और सिखाने का काम होता है. ग्रुप का मकसद है कि गांव देहात में रहने वाले लाखों बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना. एडू लीडर्स संस्था हर वर्ष नवाचार करने वाले शिक्षकों का सम्मान कर उनको प्रोत्साहित करती है.

बाराबंकीः जिले में नवाचार के जरिए छात्र-छात्राओं की बौद्धिक क्षमता बढ़ाने समेत उनमें स्कूल आने की ललक पैदा करने और लर्निंग आउटकम बढ़ाने वाली दो महिला शिक्षिकाओं समेत कुल तीन शिक्षकों को एडूलीडर्स अवार्ड के लिए चुना गया है. शनिवार चार फरवरी को इन शिक्षकों को लखनऊ के सरोजिनी नगर स्थित उद्यमिता विकास संस्थान में निपुण भारत मिशन के अंतर्गत आयोजित होने वाले शैक्षिक गुणवत्ता सेमिनार के दौरान सम्मानित किया जाएगा.

बता दें कि इस बार बाराबंकी जिले से एडूलीडर्स संस्था ने नवाचार कर स्टूडेंट्स इनरोलमेंट बढ़ाने और बच्चों की बौद्धिक कुशलता बढ़ाने में अपना योगदान करने वाले तीन शिक्षकों को चुना है. इनमें विकासखंड त्रिवेदीगंज के प्राथमिक विद्यालय बहुता के प्रधानाध्यापक राहुल कुमार शुक्ला, विकासखंड बंकी के प्राथमिक विद्यालय बनवा की सहायक अध्यापिका अजिता श्रीवास्तव और विकासखंड सिरौलीगौसपुर के प्राथमिक विद्यालय किंतूर की प्रधानध्यापिका अर्पणा श्रीवास्तव हैं.

सम्मान के लिए चयनित अर्पणा श्रीवास्तव ने बताया कि कोविड काल के समय बच्चों की शिक्षा को लेकर लोगों में खासी चिंता थी, उस वक्त उन्होंने व्हाट्सएप पर बच्चों के मनोबल को बढ़ाने का प्रयास किया. उन्होंने बच्चों में संस्कार बढ़ाने के लिए नियमित रूप से नैतिक शिक्षा की एक कहानी पोस्ट करनी शुरू की. आज 284 दिन हो गए, वे लगातार एक कहानी पोस्ट कर रही हैं. इसके अलावा उनके स्कूल में बाउंड्री नही थी और जमीन भी नहीं थी, लिहाजा उन्होंने गांव वालों को मोटिवेट किया और उनसे उनकी जमीन ली फिर बाउंड्री का निर्माण कराया.

इसी तरह बहुता के प्रिंसिपल राहुल शुक्ला ने न केवल बच्चों को सिद्धांतों के बजाय प्रैक्टिकल के आधार पर शिक्षित किया और उनकी समझ बढ़ाने का प्रयास किया. यही नहीं उन्होंने चुनाव के समय मतदाता जागरूकता अभियान को लेकर हैदरगढ़ क्षेत्र में पहल की. उनकी इस मुहिम में बच्चों ने पेंटिंग, रंगोली आदि बनाकर मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित किया. इसी तरह बनवा स्कूल की सहायक अध्यापिका अजिता श्रीवास्तव ने भी अपने नवाचारों के जरिए न केवल ज्यादा से ज्यादा बच्चों का स्कूल में नामांकन कराया, बल्कि उनमें शिक्षा के प्रति ललक पैदा करने की कोशिश की.

क्या है एडूलीडर्स अवार्ड?
एडूलीडर्स यूपी संगठन उस वक्त अस्तित्व में आया, जब कोरोना काल के चलते स्कूल बंद चल रहे थे. ऐसे में वर्ष 2020 में बस्ती जनपद के एक शिक्षक डॉ सर्वेष्ठ मिश्र ने प्रदेश के 100 शिक्षकों के साथ एडूलीडर्स नामक संगठन बनाया. यह यूपी के बेसिक शिक्षकों का एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां सीखने और सिखाने का काम होता है. ग्रुप का मकसद है कि गांव देहात में रहने वाले लाखों बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना. एडू लीडर्स संस्था हर वर्ष नवाचार करने वाले शिक्षकों का सम्मान कर उनको प्रोत्साहित करती है.

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