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होशियार! कहीं आपका ट्रक हाइवे किनारे तो नहीं खड़ा है - बाराबंकी

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में ट्रक लूटने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. अन्य की तलाश की जा रही है.

बाराबंकीः
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Published : May 30, 2021, 5:47 AM IST

बाराबंकीः पुलिस ने हाइवे के किनारे ढाबों पर खड़े ट्रकों को लूटने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए अभियुक्तों के कब्जे से चोरी के दो ट्रक बरामद किए गए हैं. चोरी के इन ट्रकों को उत्तराखंड ले जाकर फर्जी रजिस्ट्रेशन कराकर बेच दिया जाता था.

चोरी करके बेचते थे ट्रक

अप्रैल में लिखी थी रिपोर्ट
2 अप्रैल को गोंडा जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र के इस्माइलपुर निवासी शैलेश सिंह ने हैदरगढ़ कोतवाली में ट्रक लूट की रिपोर्ट लिखाई थी. शैलेश ने बताया था कि उनके ट्रक का ड्राइवर जीतू प्रसाद गिट्टी लादने जा रहा था कि रास्ते में संगम ढाबे पर नींद लगने की वजह से ट्रक खड़ा करके वह सो गया. वहीं से अज्ञात लोग ट्रक, नकदी और मोबाइल लूट कर भाग गए थे.

लूट करने का ढंग अनोखा
इसी तरह की एक दूसरी घटना 22 अप्रैल को हुई जिसमें बस्ती जिले के कोतवाली थानांतर्गत सियरापार के रहने वाले विजय कुमार यादव ने हैदरगढ़ कोतवाली में ट्रक लूट का मुकदमा दर्ज कराया था.विजय कुमार यादव ने बताया था कि उसके ड्राइवर सतीश कुमार वर्मा ने पोखरा चीनी मिल के पास ट्रक खड़ा किया था, तभी चार अज्ञात लोगों ने उसे बंधक बनाकर ट्रक और उसमें रखी नकदी को लूट लिया था. उनमें से एक व्यक्ति ट्रक लेकर फरार हो गया. बाकी के तीन लोगों ने मेरे ड्राइवर व क्लीनर को ट्रक से उतार कर जबरन एक प्राइवेट गाड़ी में बैठा लिया और उसी जगह के आसपास घुमाते हुए कनवा नहर के पास उतार कर भाग गए थे.

हाइवे पर लूट को लेकर पुलिस गंभीर
हाइवे पर हुई ट्रक लूट की इन दोनों वारदातों को पुलिस अधीक्षक ने गंभीरता से लिया और इसके खुलासे के लिए सर्विलांस, स्वाट समेत तीन टीमों का गठन किया था. मैनुअल इंटेलीजेंस और सर्विलांस के आधार पर शनिवार को आखिरकार पुलिस ने इन वारदातों को अंजाम देने वाले 03 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया.

प्रतापगढ़ जिले के हैं अपराधी
पकड़े गए तीनों अभियुक्त प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले हैं और बहुत ही शातिर हैं. इनमे समीर उर्फ ननकऊ सांगीपुर थाने के असोव और मो. अकलीम लालगंज थाने के उद्दरनपुर के रहने वाले हैं, जो बहुत ही खतरनाक लुटेरे हैं जिनके खिलाफ विभिन्न जनपदों में दर्जनभर मुकदमे दर्ज हैं. जबकि तीसरा अभियुक्त उदय वर्मा लालगंज अझारा थाने के पूरे मौलहा का रहने वाला है.

करते थे रेकी
पकड़े गए अभियुक्तों का एक संगठित गिरोह है. ये लोग हाइवे पर स्थित ढाबों पर खड़े ट्रकों को अपना निशाना बनाते थे. अपने साथ ये लोग एक ट्रक और स्विफ्ट डिजायर कार लेकर चलते थे. पहले ये रेकी कर किसी ट्रक को लूटने के लिए चिह्नित करते थे फिर अपनी ट्रक को उसकी साइड में खड़ा कर आड़ कर देते थे उसके पीछे अपनी कार लगा देते थे.

ऐसे गायब कर देते थे ट्रक
अभियुक्त चिह्नित ट्रक में चढ़कर ड्राइवर और क्लीनर को बंधक बना लेते थे.अभियुक्त अकलीम ट्रक चलाते हुए उसे थोड़ी दूर ले जाता था फिर बंधक बने ड्राइवर और क्लीनर को जबरन उतारकर कार में बैठा लिया जाता था. चोरी किए हुए ट्रक को एक अभियुक्त लेकर चला जाता था जबकि कार को उसी इलाके में ये लोग घुमाते रहते थे और मौका देखकर ड्राइवर और क्लीनर को रास्ते में कहीं उतार देते थे.

इसे भी पढ़ेंः दारोगा ने पटरी दुकानदार को जमकर पीटा, हाथ में हुआ फ्रैक्चर

उत्तराखंड में बेची जाती थीं चोरी की ट्रकें
लूटे गए ट्रकों को ये लोग उत्तराखंड के सितारगंज ले जाकर पहले ट्रक के चेचिस नंबर और इंजन नंबर को कूटरचना करके बदल देते थे फिर किसी दूसरे राज्य मणिपुर वगैरह से उसका रजिस्ट्रेशन कराकर बेच देते थे.

बाराबंकीः पुलिस ने हाइवे के किनारे ढाबों पर खड़े ट्रकों को लूटने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए अभियुक्तों के कब्जे से चोरी के दो ट्रक बरामद किए गए हैं. चोरी के इन ट्रकों को उत्तराखंड ले जाकर फर्जी रजिस्ट्रेशन कराकर बेच दिया जाता था.

चोरी करके बेचते थे ट्रक

अप्रैल में लिखी थी रिपोर्ट
2 अप्रैल को गोंडा जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र के इस्माइलपुर निवासी शैलेश सिंह ने हैदरगढ़ कोतवाली में ट्रक लूट की रिपोर्ट लिखाई थी. शैलेश ने बताया था कि उनके ट्रक का ड्राइवर जीतू प्रसाद गिट्टी लादने जा रहा था कि रास्ते में संगम ढाबे पर नींद लगने की वजह से ट्रक खड़ा करके वह सो गया. वहीं से अज्ञात लोग ट्रक, नकदी और मोबाइल लूट कर भाग गए थे.

लूट करने का ढंग अनोखा
इसी तरह की एक दूसरी घटना 22 अप्रैल को हुई जिसमें बस्ती जिले के कोतवाली थानांतर्गत सियरापार के रहने वाले विजय कुमार यादव ने हैदरगढ़ कोतवाली में ट्रक लूट का मुकदमा दर्ज कराया था.विजय कुमार यादव ने बताया था कि उसके ड्राइवर सतीश कुमार वर्मा ने पोखरा चीनी मिल के पास ट्रक खड़ा किया था, तभी चार अज्ञात लोगों ने उसे बंधक बनाकर ट्रक और उसमें रखी नकदी को लूट लिया था. उनमें से एक व्यक्ति ट्रक लेकर फरार हो गया. बाकी के तीन लोगों ने मेरे ड्राइवर व क्लीनर को ट्रक से उतार कर जबरन एक प्राइवेट गाड़ी में बैठा लिया और उसी जगह के आसपास घुमाते हुए कनवा नहर के पास उतार कर भाग गए थे.

हाइवे पर लूट को लेकर पुलिस गंभीर
हाइवे पर हुई ट्रक लूट की इन दोनों वारदातों को पुलिस अधीक्षक ने गंभीरता से लिया और इसके खुलासे के लिए सर्विलांस, स्वाट समेत तीन टीमों का गठन किया था. मैनुअल इंटेलीजेंस और सर्विलांस के आधार पर शनिवार को आखिरकार पुलिस ने इन वारदातों को अंजाम देने वाले 03 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया.

प्रतापगढ़ जिले के हैं अपराधी
पकड़े गए तीनों अभियुक्त प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले हैं और बहुत ही शातिर हैं. इनमे समीर उर्फ ननकऊ सांगीपुर थाने के असोव और मो. अकलीम लालगंज थाने के उद्दरनपुर के रहने वाले हैं, जो बहुत ही खतरनाक लुटेरे हैं जिनके खिलाफ विभिन्न जनपदों में दर्जनभर मुकदमे दर्ज हैं. जबकि तीसरा अभियुक्त उदय वर्मा लालगंज अझारा थाने के पूरे मौलहा का रहने वाला है.

करते थे रेकी
पकड़े गए अभियुक्तों का एक संगठित गिरोह है. ये लोग हाइवे पर स्थित ढाबों पर खड़े ट्रकों को अपना निशाना बनाते थे. अपने साथ ये लोग एक ट्रक और स्विफ्ट डिजायर कार लेकर चलते थे. पहले ये रेकी कर किसी ट्रक को लूटने के लिए चिह्नित करते थे फिर अपनी ट्रक को उसकी साइड में खड़ा कर आड़ कर देते थे उसके पीछे अपनी कार लगा देते थे.

ऐसे गायब कर देते थे ट्रक
अभियुक्त चिह्नित ट्रक में चढ़कर ड्राइवर और क्लीनर को बंधक बना लेते थे.अभियुक्त अकलीम ट्रक चलाते हुए उसे थोड़ी दूर ले जाता था फिर बंधक बने ड्राइवर और क्लीनर को जबरन उतारकर कार में बैठा लिया जाता था. चोरी किए हुए ट्रक को एक अभियुक्त लेकर चला जाता था जबकि कार को उसी इलाके में ये लोग घुमाते रहते थे और मौका देखकर ड्राइवर और क्लीनर को रास्ते में कहीं उतार देते थे.

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उत्तराखंड में बेची जाती थीं चोरी की ट्रकें
लूटे गए ट्रकों को ये लोग उत्तराखंड के सितारगंज ले जाकर पहले ट्रक के चेचिस नंबर और इंजन नंबर को कूटरचना करके बदल देते थे फिर किसी दूसरे राज्य मणिपुर वगैरह से उसका रजिस्ट्रेशन कराकर बेच देते थे.

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