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बाराबंकी: ऑनलाइन फूड डिलीवरी शुरू, जिलाधिकारी ने दिए आदेश - बाराबंकी में ऑनलाइन खाना ऑर्डर

यूपी के बाराबंकी में लॉकडाउन के दौरान आप घर बैठे ही बाहर होटल-रेस्टोरेंट का खाना मंगाकर खा सकते हैं. डीएम के आदेश पर ऑनलाइन फूड कंपनी स्विगी और जौमेटो ने यह सुविधा शहर में शुरू कर दी है. बता दें कि प्रशासन ने करीब 6 रेस्टोरेंट और होटल को खाना सप्लाई करने के आदेश दिए हैं.

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लॉकडाउन में भी रेस्टोरेंट से आप मंगा सकते हैं ऑनलाइन फ़ूड
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Published : Apr 16, 2020, 7:35 AM IST

बाराबंकी: लॉकडाउन के दौरान लोगों को ऑनलाइन फ़ूड उपलब्ध कराने के लिए कई नई पुरानी कम्पनियां काम कर रही हैं. साथ ही करीब दर्जन भर डिलीवरी ब्वाय इस काम में लगे हैं. करीब पांच रेस्टोरेंट्स को पैक फ़ूड सप्लाई करने का आदेश मिला है.

इन्हीं रेस्टोरेंट से जोमैटो और स्विगी जैसी कंपनियां अपने डिलीवरी ब्वाय से फ़ूड लोगों के घरों तक पहुंचा रही हैं. हालांकि ऑर्डर कम मिलने से डिलीवरी मैन निराश हैं. साथ ही संकट के इस वक्त में इनको भी रोजी रोटी का संकट गहराया हुआ है.

बता दें कि लॉकडाउन के दौरान वैसे तो जिले के सभी होटल और रेस्टोरेंट बंद हैं. वहीं जिले में तकरीबन पांच दर्जन रेस्टोरेंट हैं, जहां आम दिनों में छोला भटूरा, छोला चावल और दूसरी खाद्य सामग्री मिलती रहती थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते सभी रेस्टोरेंट बंद हैं.

करीब आधा दर्जन रेस्टोरेंट प्रशासन से अनुमति लेकर पैक खाद्य सामग्री ऑनलाइन बुकिंग पर डिलीवरी दे रहे हैं. वहीं जोमैटो और स्विगी जैसे प्लेटफार्म पर बुकिंग करके फ़ूड मंगवाया जा रहा है. डिलीवरी मैन वसीम बेग का कहना है कि कम लोग ऑर्डर दे रहे हैं. दिन में महज चार-पांच ऑर्डर ही मिल रहे हैं.

इसके चलते उनको सही मेहनताना नहीं मिल पा रहा है. बता दें कि एक डिलवरी पर महज 20 रुपये मिलते हैं. ऐसे में दिनभर में करीब 100 रुपये का काम हो पाता है. वहीं दिनभर दौड़ भाग भी करनी पड़ती है. बाइक में पेट्रोल का खर्च अलग से देना पड़ता है.

इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में 45 नए कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए, 705 पहुंचा आंकड़ा

बाराबंकी: लॉकडाउन के दौरान लोगों को ऑनलाइन फ़ूड उपलब्ध कराने के लिए कई नई पुरानी कम्पनियां काम कर रही हैं. साथ ही करीब दर्जन भर डिलीवरी ब्वाय इस काम में लगे हैं. करीब पांच रेस्टोरेंट्स को पैक फ़ूड सप्लाई करने का आदेश मिला है.

इन्हीं रेस्टोरेंट से जोमैटो और स्विगी जैसी कंपनियां अपने डिलीवरी ब्वाय से फ़ूड लोगों के घरों तक पहुंचा रही हैं. हालांकि ऑर्डर कम मिलने से डिलीवरी मैन निराश हैं. साथ ही संकट के इस वक्त में इनको भी रोजी रोटी का संकट गहराया हुआ है.

बता दें कि लॉकडाउन के दौरान वैसे तो जिले के सभी होटल और रेस्टोरेंट बंद हैं. वहीं जिले में तकरीबन पांच दर्जन रेस्टोरेंट हैं, जहां आम दिनों में छोला भटूरा, छोला चावल और दूसरी खाद्य सामग्री मिलती रहती थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते सभी रेस्टोरेंट बंद हैं.

करीब आधा दर्जन रेस्टोरेंट प्रशासन से अनुमति लेकर पैक खाद्य सामग्री ऑनलाइन बुकिंग पर डिलीवरी दे रहे हैं. वहीं जोमैटो और स्विगी जैसे प्लेटफार्म पर बुकिंग करके फ़ूड मंगवाया जा रहा है. डिलीवरी मैन वसीम बेग का कहना है कि कम लोग ऑर्डर दे रहे हैं. दिन में महज चार-पांच ऑर्डर ही मिल रहे हैं.

इसके चलते उनको सही मेहनताना नहीं मिल पा रहा है. बता दें कि एक डिलवरी पर महज 20 रुपये मिलते हैं. ऐसे में दिनभर में करीब 100 रुपये का काम हो पाता है. वहीं दिनभर दौड़ भाग भी करनी पड़ती है. बाइक में पेट्रोल का खर्च अलग से देना पड़ता है.

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