बाराबंकी : उत्तर प्रदेश वन और वन्य जीव विभाग टीएसए भारत सरकार के द्वारा नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत तीन सदस्यीय दल रामनगर के घाघरा घाट पहुंचे. सीतापुर के चहलारी घाट से होते हुए आज रामनगर के घाघरा नदी के पुल के पास तीन सदस्यीय टीम का स्वागत किया गया. इस दौरान जलीय जीवों के संरक्षण के संबंध में डॉल्फिन सर्वेक्षण टीम ने जानकारी देते हुए कहा कि कछुआ, मछली, डॉल्फिन, घड़ियाल और ऊदबिलाव नदी के पानी को साफ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वहीं टीम का स्वागत वन विभाग के डीएफओ एनके सिंह, उप जिलाधिकारी रामनगर राजीव कुमार शुक्ला और रामनगर के वन रेंजर सुबोध कुमार शुक्ला ने किया.
इस दौरान सरयू नदी में जलीय जीव जंतुओं की गणना के साथ ही तटवर्ती ग्रामीणों को जलीय जीवों के प्रति जागरूक भी किया गया. प्रोजेक्ट इंचार्ज श्रीप्रणा दत्ता ने बताया कि 2012 में कछुआ संरक्षण कार्यक्रम चल रहा था. जिसके तहत 2015 में जलीय जीव डॉल्फिन, घड़ियाल, कछुआ, ऊदबिलाव की गणना की गई थी. अब 2021 में फिर गणना की जा रही है. इनके संरक्षण से इन जीवों में काफी वृद्धि हुई है.
उन्होंने बताया कि मछली के शिकार में प्रयोग होने वाली जाली में फंसकर छोटी मछलियां, घेंघा, केकड़ा, झींगा जौसे जीव-जंतु नदी से समाप्त हो रहे हैं. नायलॉन की जालियों से जीव-जंतुओं पर काफी नुकसान पहुंचता है. श्रीप्रणा दत्ता ने बताया कि यह सर्वे 21 फरवरी को अयोध्या में पूरा होगा. इस सर्वे से मिलने वाली जलीय जीव जंतुओं की गणना और उनकी रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड कर दी जाएगी. इस मौके पर उपजिलाधिकारी राजीव कुमार शुक्ला ने कहा कि सरयू नदी जीवनदायिनी है. इसमें पाए जाने वाले जीव जंतुओं की रक्षा करना वह नदी के पानी की साफ-सफाई का दायित्व आप लोगों का भी है. यदि कोई इसे नुकसान पहुंचाता है तो शिकायत करें. उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.