बाराबंकी: सम्पत्ति के लालच में एक बेटा इतना अंधा हो गया कि उसने अपनी मां की ही जान ले ली. इस बेटे ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर मां की गला दबाकर हत्या कर दी. यही नहीं इस हत्या की खबर किसी को न हो, इसके लिए दोनों ने शव को नहर में फेंक दिया. हैरानी की बात तो ये है कि इस मर्डर को मिस्ट्री बनाये रखने के लिए बेटे ने खुद ही थाने में मां की गुमशुदगी भी दर्ज करा दी, लेकिन नहर किनारे पड़ी मां की चप्पल ने उसके इरादों पर पानी फेर दिया.
मोहम्मदपुरखाला थाना क्षेत्र के भिखारीपुर के रहने वाले युवक सत्यनाम की मां प्रेमकुमारी अपना पुश्तैनी घर अपने बड़े बेटे अक्षय के नाम करना चाहती थीं, जिससे सत्यनाम अपनी मां से नाराज रहता था. बीते 22 अक्टूबर को सत्यनाम अपनी पत्नी शांति देवी के साथ अपनी मां को लेकर फतेहपुर रजिस्ट्री दफ्तर पहुंचा, जहां उसने पहले से ही एक व्यक्ति को घर बेचने के लिए तैयार कर रखा था, लेकिन मां प्रेमकुमारी मामला समझ गई और उसने रजिस्ट्री के कागजातों पर दस्तखत नहीं किया.
इस बात से सत्यनाम और गुस्सा हो गया. घर वापस आते समय उसने रास्ते में पड़ने वाली शारदा नहर के पास मौका देखकर मां की गला दबाकर हत्या कर दी. फिर दोनों पति-पत्नी ने शव को नहर में फेंक दिया.
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कई दिन बीत जाने के बाद जब बड़े भाई अक्षय ने मां के बारे में पूछताछ शुरू किया तो इसने सोचा मामला खुल न जाय. लिहाजा बीती 30 अक्टूबर को इसने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई. बड़े भाई ने सत्यनाम पर शक जाहिर करते हुए थानाध्यक्ष से बात की. इसी दौरान नहर किनारे प्रेमकुमारी की एक चप्पल भी बरामद हो गई.
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कुछ लोगों द्वारा पुलिस को ये भी बताया गया कि 22 अक्टूबर को सत्यनाम और उसकी पत्नी नहर के पास देखे गए थे. बस थानाध्यक्ष मनोज शर्मा ने सत्यनाम और उसकी पत्नी दोनों से अलग-अलग कड़ाई से पूछताछ की तो दोनों टूट गए और उन्होंने अपना जुर्म कुबूल कर लिया.