बाराबंकी: अगर आपके घरों में सांप आते हैं या आपको सांपों से भय बना रहता है, तो आप बाराबंकी के श्री नाग देवता मंजीठा धाम (Shri Nag Devta Manjitha Dham) आइए. मान्यता है कि यहां के नाग देवता (Nag devta) को मंदिर में दूध और चावल से भरी मिट्टी की मठिया चढ़ाने से सांपों के भय से मुक्ति मिल जाती है. जी हां, सैकड़ों वर्षों से तो यहां यही परंपरा (Tradition) चली आ रही है. देखिए हमारी इस विशेष रिपोर्ट में.....
बाराबंकी-हैदरगढ़ (Barabanki-Haidargarh) मार्ग पर जिला मुख्यालय से तकरीबन 6 किमी दूर मंजीठा गांव में स्थित ये है श्री नाग देवता मंदिर (Shri Nag Devta Manjitha Dham). वैसे तो यहां स्थित नाग देवता मंदिर में श्रद्धालुओं का पूरे साल आना जाना लगा रहता है, लेकिन हर साल सावन (savan) के महीने में यहां भव्य मेला लगता है. नाग पंचमी (nag panchami) के दिन तो यहां आस-पास के जिलों से हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं. दूध और चावल (milk and rice) से भरी मठिया चढ़ाकर मन्नतें मांगते हैं. मान्यता है कि जिनके घर में सांप आते हैं या जिन्हें सांपों से भय बना रहता है, वे यहां की मठिया घरों में ले जाकर रख देते हैं और उससे छुटकारा पा जाते हैं. यहां की मठिया ले जाकर लोग अपने घरों में रख देते हैं, जिससे घरों में कोई भी विषैला जीव-जन्तु नहीं आता.
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मंदिर के इतिहास की बाबत लोगों के अलग-अलग मत है. बताया जाता है कि इस पूरे इलाके में कभी घना जंगल था और इधर से महात्मा बुद्ध (Mahatama Buddh) गुजरे थे. वहीं, कुछ लोगों का मत है कि महात्मा बुद्ध के शिष्य ने यहां तपस्या की थी. तपस्या के दौरान ही भगवान ने उन्हें सर्प रूप में दर्शन दिया था. तपस्वी ने नाग देवता को दूध और चावल दिया और तभी से यह परंपरा शुरू हुई.
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