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बाराबंकी: केजीबीवी की छात्राओं का आरोप, साफ करवाया जाता था टॉयलेट - up news

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में एक अजीब मामला सामने आया है. यहां 6 छात्राएं विद्यालय का हॉस्टल छोड़ कर चली गईं. वापस आने के बाद छात्राओं ने आरोप लगाया कि उनसे टॉयलेट साफ करवाया जाता था.

बाराबंकी में केजीबीवी से 6 छात्राएं हॉस्टल से भागीं.
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Published : Jul 23, 2019, 9:32 PM IST

बाराबंकी: जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में छात्राओं से टॉयलेट साफ करवाए जाने का मामला समाने आया है. इस मामले ने तब जोड़ पकड़ा जब आवासीय विद्यालय से छात्राओं के भागने की खबर आई. घटना के बाद प्रशासनिक तंत्र में अफरा-तफरी का माहौल हो गया. छात्राओं के भागने के बाद प्रशासन हरकत में आया और किसी तरीके से छात्राओं को ढूंढ कर विद्यालय वापस पहुंचाया.

हॉस्टल वार्डन और बीएसए ने दी जानकारी.
सभी छात्राएं किसी एक छात्रा के घर पर रुकी थीं. मीडिया से बातचीत में छात्राओं ने वार्डन पर गंभीर आरोप लगाए. वहीं प्रशासन छात्राओं के इन आरोपों से इनकार कर रहा है. पूरा मामला थाना जहांगीराबाद के मिश्रीपुर गांव का है. यहां पर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राएं विद्यालय से अचानक गायब हो गईं, जिससे विद्यालय एवं प्रशासन दोनों में हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को मौके पर जाकर मामले की जानकारी करने का निर्देश दिया. जानकारी में पता चला कि छात्राएं जेवली गांव में हैं, जहां एक छात्रा का घर है, वहां से सभी छात्राओं को वापस विद्यालय पहुंचाया गया.

छात्राओं का आरोप है कि उनसे वॉर्डन शालिनी द्वारा टॉयलेट इत्यादि साफ कराया जाता था और विद्यालय में पानी भी गंदा आता है, जिसके कारण वह विद्यालय से चली गईं थी. हालांकि वार्डन ने छात्राओं के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. इन लोगों से किसी भी प्रकार का टॉयलेट इत्यादि साफ नहीं कराया जाता था.

इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी बीपी सिंह का कहना है कि उन्हें जानकारी मिली थी कि 6 छात्राएं विद्यालय से चली गई हैं. मैंने स्कूल जाकर सीसीटीवी फुटेज चेक किया तो जानकारी करने पर पता चला कि उनमें से एक लड़की मानसी का घर पास के ही जेवली गांव में है. उसी के घर पर बाकी सभी छात्राएं भी हैं. वहां जाकर मानसी के पिता बनवारीलाल से बातचीत करके बीएसए ने सभी को वापस विद्यालय तक पहुंचाया.

इन छात्राओं का अभी एडमिशन हुआ है, जिसकी वजह से उनका मन नहीं लग रहा है, आने वाले समय में सभी बच्चे ठीक हो जाएंगे. जांच में इस तरह की कोई भी बात नहीं आई है कि बच्चों से टॉयलेट इत्यादि साफ कराया जा रहा है.
वीपी सिंह, बीएसए

बाराबंकी: जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में छात्राओं से टॉयलेट साफ करवाए जाने का मामला समाने आया है. इस मामले ने तब जोड़ पकड़ा जब आवासीय विद्यालय से छात्राओं के भागने की खबर आई. घटना के बाद प्रशासनिक तंत्र में अफरा-तफरी का माहौल हो गया. छात्राओं के भागने के बाद प्रशासन हरकत में आया और किसी तरीके से छात्राओं को ढूंढ कर विद्यालय वापस पहुंचाया.

हॉस्टल वार्डन और बीएसए ने दी जानकारी.
सभी छात्राएं किसी एक छात्रा के घर पर रुकी थीं. मीडिया से बातचीत में छात्राओं ने वार्डन पर गंभीर आरोप लगाए. वहीं प्रशासन छात्राओं के इन आरोपों से इनकार कर रहा है. पूरा मामला थाना जहांगीराबाद के मिश्रीपुर गांव का है. यहां पर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राएं विद्यालय से अचानक गायब हो गईं, जिससे विद्यालय एवं प्रशासन दोनों में हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को मौके पर जाकर मामले की जानकारी करने का निर्देश दिया. जानकारी में पता चला कि छात्राएं जेवली गांव में हैं, जहां एक छात्रा का घर है, वहां से सभी छात्राओं को वापस विद्यालय पहुंचाया गया.

छात्राओं का आरोप है कि उनसे वॉर्डन शालिनी द्वारा टॉयलेट इत्यादि साफ कराया जाता था और विद्यालय में पानी भी गंदा आता है, जिसके कारण वह विद्यालय से चली गईं थी. हालांकि वार्डन ने छात्राओं के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. इन लोगों से किसी भी प्रकार का टॉयलेट इत्यादि साफ नहीं कराया जाता था.

इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी बीपी सिंह का कहना है कि उन्हें जानकारी मिली थी कि 6 छात्राएं विद्यालय से चली गई हैं. मैंने स्कूल जाकर सीसीटीवी फुटेज चेक किया तो जानकारी करने पर पता चला कि उनमें से एक लड़की मानसी का घर पास के ही जेवली गांव में है. उसी के घर पर बाकी सभी छात्राएं भी हैं. वहां जाकर मानसी के पिता बनवारीलाल से बातचीत करके बीएसए ने सभी को वापस विद्यालय तक पहुंचाया.

इन छात्राओं का अभी एडमिशन हुआ है, जिसकी वजह से उनका मन नहीं लग रहा है, आने वाले समय में सभी बच्चे ठीक हो जाएंगे. जांच में इस तरह की कोई भी बात नहीं आई है कि बच्चों से टॉयलेट इत्यादि साफ कराया जा रहा है.
वीपी सिंह, बीएसए

Intro:बाराबंकी 22 जुलाई । जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में बच्चियों से धुलवाएए जाते थे टॉयलेट. यह मामला तब प्रकाश में आया, जब आवासीय विद्यालय से छात्राओं के भागने की खबर आई. जिओ के भागने से प्रशासनिक तंत्र में अफरा-तफरी का माहौल हो गया. छात्राओं के भागने के बाद प्रशासन हरकत में आया ,और किसी तरीके से छात्राओं को ढूंढ कर विद्यालय वापस पहुंचाया. भागने के बाद सभी छात्राएं किसी एक छात्रा के घर पर रुकी थी. मीडिया से बातचीत में छात्राओं ने वार्डन पर गंभीर आरोप लगाए. अपने भागने की वजह भी वह इसी प्रकार के आरोपों को बता रही हैं . वहीं प्रशासन छात्राओं के इन आरोपों से इनकार कर रहा है.Body:यह पूरा मामला थाना जहांगीराबाद के मिश्रीपुर गांव का है. यहां पर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राएं विद्यालय से अचानक गायब हो गई, जिससे विद्यालय एवं प्रशासन दोनों में हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को मौके पर जाकर मामले की जानकारी करने का निर्देश दिया ,और जानकारी में पता चला कि भागी हुई छात्राएं जेवली गांव में है ,जहां एक छात्रा का घर है ,वहां से सभी छात्राओं को वापस विद्यालय पहुंचाया गया.
विद्यालय से भागी छात्राओं ने बताया कि उनसे वार्डन शालिनी के द्वारा टॉयलेट इत्यादि साफ कराया जाता था ,और विद्यालय में पानी भी गंदा आता है, जिसके कारण वह विद्यालय से भागी थी . हालांकि वार्डन ने छात्राओं के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है . इन लोगों से किसी भी प्रकार का टॉयलेट इत्यादि साफ नहीं कराया जाता था.
इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी बी पी सिंह का कहना है कि, उन्हें जानकारी मिली थी कि 6 छात्राएं विद्यालय से भागी है. मैंने स्कूल जाकर सीसीटीवी फुटेज चेक किया तो, जानकारी करने पर पता चला कि उनमें से एक लड़की मानसी का घर पास के ही जेवली गांव में है. और उसी के घर पर बाकी सभी छात्राएं भी हैं. वहां जाकर मानसी के पिता बनवारीलाल से बातचीत करके बीएसए ने सभी को वापस विद्यालय तक पहुंचाया. बीएसए का कहना है कि इन छात्राओं का अभी एडमिशन हुआ है ,जिसकी वजह से उनका मन नहीं लग रहा है आने वाले समय में सभी बच्चे ठीक हो जाएंगे. बीएसए ने भी छात्राओं के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनकी जांच में इस तरह की कोई भी बात नहीं आई है, कि बच्चों से टॉयलेट इत्यादि साफ कराया जा रहा है.Conclusion:कुल मिलाकर एक बात तो साफ है कि इस प्रकार से यदि वास्तव में बच्चियों से टॉयलेट इत्यादि साफ कराया जा रहा है और साफ-सफाई का मामला है तो यह गंभीर मामला है.

Bite -

1- छात्राएं कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय

2- शालिनी मिश्रा वार्डन कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय बाराबंकी

3- वी पी सिंह , बीएसए, बाराबंकी.
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