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बाराबंकीः स्वस्थ रहने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां बच्चों को सिखा रहीं तौर तरीके - साफ-सफाई

प्रदेश भर में कुपोषण को मुक्त कराने के लिये सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है. इसके अंतर्गत बाराबंकी जिले में आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों और माताओं को साफ-सफाई रखने के तरीके बताये जा रहे हैं.

कुपोषण को मुक्त कराने के लिये सितंबर माह पोषण माह.
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Published : Sep 22, 2019, 11:44 PM IST

बाराबंकीः सूबे को कुपोषण मुक्त कराने के मकसद से सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है. इस अभियान के अंतर्गत जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों और उनकी माताओं को अपने आस-पास साफ सफाई रखने और खान पान के तौर तरीके बताए जा रहे हैं.

कुपोषण को मुक्त कराने के लिये सितंबर माह पोषण माह.

माताओं को छह माह से छह वर्ष पूर्ण कर चुके बच्चों की ठीक ढंग से देखभाल और किशोरियों को स्वस्थ रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है. वही केंद्रों पर बच्चों का वजन और लंबाई नापकर उनके स्वास्थ्य का परीक्षण भी किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- प्रयागराज: पोषण माह में कुपोषण दर कम होने से बढ़ा उत्साह

सूबे को कुपोषण मुक्त कराने का मकसद

  • शासन की मंशा है कि कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे, इसके लिए पूरे जिले में सितम्बर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है.
  • इस अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को साफ सफाई के तरीके बताए जा रहे हैं.
  • बच्चों की लम्बाई और वजन की जांच करके उनके स्वस्थ होने का परीक्षण किया जा रहा हैं.
  • यही नहीं स्कूलों में भी इस अभियान को लेकर बच्चों को खान-पान के तौर तरीके बताए जा रहे हैं.
  • शासन द्वारा शुरू किए गए इस अभियान का उद्देश्य है कि आर्थिक तंगी के चलते कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे.

इस अभियान में बच्चों को साफ-सफाई और खान-पान के बारे में बताया जा रहा है. विशेष रूप से इस अभियान में किशोरियों को स्वस्थ रहने पर जोर दिया जा रहा है. अगर किशोरियां और गर्भवती महिलाएं एनिमिक होंगी तो बच्चे भी कुपोषित पैदा होंगे.
-संतोष कुमारी , आंगनबाड़ी कार्यकत्री

इस अभियान में खाने से पहले हाथ धोने और उन्हें सुखाने के तरीके सिखाये जा रहे हैं. साफ-सफाई की महत्वता को बताया गया ताकि साफ-सफाई रखने की आदत बनी रहे.
सबीना , छात्रा

बाराबंकीः सूबे को कुपोषण मुक्त कराने के मकसद से सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है. इस अभियान के अंतर्गत जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों और उनकी माताओं को अपने आस-पास साफ सफाई रखने और खान पान के तौर तरीके बताए जा रहे हैं.

कुपोषण को मुक्त कराने के लिये सितंबर माह पोषण माह.

माताओं को छह माह से छह वर्ष पूर्ण कर चुके बच्चों की ठीक ढंग से देखभाल और किशोरियों को स्वस्थ रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है. वही केंद्रों पर बच्चों का वजन और लंबाई नापकर उनके स्वास्थ्य का परीक्षण भी किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- प्रयागराज: पोषण माह में कुपोषण दर कम होने से बढ़ा उत्साह

सूबे को कुपोषण मुक्त कराने का मकसद

  • शासन की मंशा है कि कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे, इसके लिए पूरे जिले में सितम्बर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है.
  • इस अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को साफ सफाई के तरीके बताए जा रहे हैं.
  • बच्चों की लम्बाई और वजन की जांच करके उनके स्वस्थ होने का परीक्षण किया जा रहा हैं.
  • यही नहीं स्कूलों में भी इस अभियान को लेकर बच्चों को खान-पान के तौर तरीके बताए जा रहे हैं.
  • शासन द्वारा शुरू किए गए इस अभियान का उद्देश्य है कि आर्थिक तंगी के चलते कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे.

इस अभियान में बच्चों को साफ-सफाई और खान-पान के बारे में बताया जा रहा है. विशेष रूप से इस अभियान में किशोरियों को स्वस्थ रहने पर जोर दिया जा रहा है. अगर किशोरियां और गर्भवती महिलाएं एनिमिक होंगी तो बच्चे भी कुपोषित पैदा होंगे.
-संतोष कुमारी , आंगनबाड़ी कार्यकत्री

इस अभियान में खाने से पहले हाथ धोने और उन्हें सुखाने के तरीके सिखाये जा रहे हैं. साफ-सफाई की महत्वता को बताया गया ताकि साफ-सफाई रखने की आदत बनी रहे.
सबीना , छात्रा

Intro:बाराबंकी ,22 सितम्बर । सूबे को कुपोषण मुक्त करने के मकसद से सितंबर माह पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है । इस अभियान के अंतर्गत जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चो और उनकी माताओं को अपने आस पास साफ सफाई रखने और खान पान के तौर तरीके बताए जा रहे हैं । माताओं को 6 माह से 6 वर्ष पूर्ण कर चुके बच्चों की ठीक ढंग से देखभाल और किशोरियों को स्वस्थ रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है । केंद्रों पर बच्चों का वजन लेकर और लंबाई नापकर उनके स्वास्थ्य का परीक्षण भी किया जा रहा है ।


Body:वीओ - शासन की मंशा है कि कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे इसके लिए इस माह को पोषण माह के रूप में पूरे जिले में अभियान चलाया जा रहा है । आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चो को साफ सफाई के तरीके बताए जा रहे हैं । उनकी लम्बाई और वजन लेकर उनके स्वस्थ होने का परीक्षण किया जा रहा है । यही नही स्कूलों में भी इस अभियान को लेकर बच्चो को खान पान के तौर तरीके बताए जा रहे हैं । शासन द्वारा शुरू किए गए इस अभियान का उद्देश्य है कि आर्थिक तंगी के चलते कोई भी बच्चा कुपोषित न रह जाए ।
बाईट- संतोष कुमारी , आंगनबाड़ी कार्यकत्री

वीओ - बच्चों को खाने से पहले हाथ धोने और उन्हें सुखाने के तरीके सिखाये जा रहे हैं । ताकि बच्चों में साफ सफाई रखने की आदत पैदा हो ।
बाईट- सबीना , छात्रा
बाईट- विकास , छात्र

वीओ - विशेष रूप से किशोरियों को स्वस्थ रखने पर जोर दिया जा रहा है । कार्यकत्रियों का मानना है कि अगर किशोरियां और गर्भवती महिलाएं एनिमिक होंगी तो बच्चे भी कुपोषित पैदा होंगे ।
बाईट- शशी शुक्ला , आंगनबाड़ी कार्यकत्री


Conclusion:निश्चय ही देश को मजबूत और सुरक्षित बनाने के लिए बच्चों का स्वस्थ रहना जरूरी है । ऐसे में विभागों के साथ साथ जनसहभागिता जरूरी है ।
रिपोर्ट- अलीम शेख बाराबंकी
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