बाराबंकीः सूबे को कुपोषण मुक्त कराने के मकसद से सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है. इस अभियान के अंतर्गत जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों और उनकी माताओं को अपने आस-पास साफ सफाई रखने और खान पान के तौर तरीके बताए जा रहे हैं.
माताओं को छह माह से छह वर्ष पूर्ण कर चुके बच्चों की ठीक ढंग से देखभाल और किशोरियों को स्वस्थ रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है. वही केंद्रों पर बच्चों का वजन और लंबाई नापकर उनके स्वास्थ्य का परीक्षण भी किया जा रहा है.
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सूबे को कुपोषण मुक्त कराने का मकसद
- शासन की मंशा है कि कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे, इसके लिए पूरे जिले में सितम्बर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है.
- इस अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को साफ सफाई के तरीके बताए जा रहे हैं.
- बच्चों की लम्बाई और वजन की जांच करके उनके स्वस्थ होने का परीक्षण किया जा रहा हैं.
- यही नहीं स्कूलों में भी इस अभियान को लेकर बच्चों को खान-पान के तौर तरीके बताए जा रहे हैं.
- शासन द्वारा शुरू किए गए इस अभियान का उद्देश्य है कि आर्थिक तंगी के चलते कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे.
इस अभियान में बच्चों को साफ-सफाई और खान-पान के बारे में बताया जा रहा है. विशेष रूप से इस अभियान में किशोरियों को स्वस्थ रहने पर जोर दिया जा रहा है. अगर किशोरियां और गर्भवती महिलाएं एनिमिक होंगी तो बच्चे भी कुपोषित पैदा होंगे.
-संतोष कुमारी , आंगनबाड़ी कार्यकत्री
इस अभियान में खाने से पहले हाथ धोने और उन्हें सुखाने के तरीके सिखाये जा रहे हैं. साफ-सफाई की महत्वता को बताया गया ताकि साफ-सफाई रखने की आदत बनी रहे.
सबीना , छात्रा