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AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ केस में राष्ट्रीय गौरव के अपमान का मामला भी शामिल - ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन

AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ केस में राष्ट्रीय गौरव के अपमान का मामला भी शामिल कर लिया गया है. बाराबंकी में नगर कोतवाली पुलिस ने राष्ट्रीय गौरव के अपमान को लेकर धारा 2 और बढ़ाई गई.

section 2 added in case agianst aimim president asaduddin owaisi in barabanki
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Published : Sep 10, 2021, 10:48 PM IST

बाराबंकी: यूपी के बाराबंकी में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ दर्ज हुए केस में शुक्रवार को एक और प्रकरण बढ़ाया गया. नगर कोतवाली में दर्ज हुए मुकदमे में राष्ट्रीय गौरव के अपमान का मामला बढ़ाया गया है.

दरअसल गुरुवार को हुई जनसभा में कोविड गाइडलाइंस के उल्लंघन और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में एआईएमआईएम राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और कार्यक्रम के आयोजक मंडल के खिलाफ धारा 153 ए, 188, 269, 270 आईपीसी एवं 3 महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. शुक्रवार को इस मुकदमे में राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम की धारा 2 और बढ़ाई गई.

नगर कोतवाल अमर सिंह ने बताया कि मोहल्ला कटरा चन्दना में 9 सितम्बर को एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के कार्यक्रम में शासन द्वारा जारी कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठा की गई और प्रशासन की अनुमति का स्पष्ट उल्लंघन किया गया. इस कार्यक्रम के दौरान न तो किसी ने मास्क का प्रयोग किया और न ही सामाजिक दूरी का पालन किया था.

नगर कोतवाल अमर सिंह ने कहा कि एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कार्यक्रम में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला भड़काऊ भाषण दिया. ओवैसी ने यह कहा कि रामसनेहीघाट में प्रशासन ने 100 वर्ष पुरानी मस्जिद को तुड़वा दिया तथा उसका मलबा भी वहां से पूरी तरह हटा दिया. इस बयान से एक समुदाय विशेष को भड़काने एवं सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया गया.

पुलिस कप्तान ने बताया कि ओवैसी ने पीएम मोदी, मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ भी अभद्र एवं निराधार टिप्पणी की थी. इस प्रकार ओवैसी और आयोजक मंडल ने आयोजन की शर्तों का एवं कोविड के प्रोटोकॉल का स्पष्ट उल्लंघन किया तथा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया.

ये भी पढ़ें- महबूबा मुफ्ती पर बरसे राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल, कहा- हलाल होना है तो अफगानिस्तान चली जाएं


जनसभा के दौरान जो मंच बनाया गया था. उसके सामने तीन खम्भे थे. उनमें से बीच वाले खम्भे पर राष्ट्रीय ध्वज को लपेटा गया था. नियमानुसार ऐसा नहीं होना चाहिए. राष्ट्रीय ध्वज को इस तरह लपेटना राष्ट्रीय गौरव का अपमान है. प्रशासन ने इसे गम्भीरता से लिया है. नगर कोतवाल अमर सिंह ने बताया कि हरिशंकर साहू की शिकायत पर मुकदमे में राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम की धारा बढ़ाई गई है.

बाराबंकी: यूपी के बाराबंकी में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ दर्ज हुए केस में शुक्रवार को एक और प्रकरण बढ़ाया गया. नगर कोतवाली में दर्ज हुए मुकदमे में राष्ट्रीय गौरव के अपमान का मामला बढ़ाया गया है.

दरअसल गुरुवार को हुई जनसभा में कोविड गाइडलाइंस के उल्लंघन और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में एआईएमआईएम राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और कार्यक्रम के आयोजक मंडल के खिलाफ धारा 153 ए, 188, 269, 270 आईपीसी एवं 3 महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. शुक्रवार को इस मुकदमे में राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम की धारा 2 और बढ़ाई गई.

नगर कोतवाल अमर सिंह ने बताया कि मोहल्ला कटरा चन्दना में 9 सितम्बर को एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के कार्यक्रम में शासन द्वारा जारी कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठा की गई और प्रशासन की अनुमति का स्पष्ट उल्लंघन किया गया. इस कार्यक्रम के दौरान न तो किसी ने मास्क का प्रयोग किया और न ही सामाजिक दूरी का पालन किया था.

नगर कोतवाल अमर सिंह ने कहा कि एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कार्यक्रम में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला भड़काऊ भाषण दिया. ओवैसी ने यह कहा कि रामसनेहीघाट में प्रशासन ने 100 वर्ष पुरानी मस्जिद को तुड़वा दिया तथा उसका मलबा भी वहां से पूरी तरह हटा दिया. इस बयान से एक समुदाय विशेष को भड़काने एवं सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया गया.

पुलिस कप्तान ने बताया कि ओवैसी ने पीएम मोदी, मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ भी अभद्र एवं निराधार टिप्पणी की थी. इस प्रकार ओवैसी और आयोजक मंडल ने आयोजन की शर्तों का एवं कोविड के प्रोटोकॉल का स्पष्ट उल्लंघन किया तथा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया.

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जनसभा के दौरान जो मंच बनाया गया था. उसके सामने तीन खम्भे थे. उनमें से बीच वाले खम्भे पर राष्ट्रीय ध्वज को लपेटा गया था. नियमानुसार ऐसा नहीं होना चाहिए. राष्ट्रीय ध्वज को इस तरह लपेटना राष्ट्रीय गौरव का अपमान है. प्रशासन ने इसे गम्भीरता से लिया है. नगर कोतवाल अमर सिंह ने बताया कि हरिशंकर साहू की शिकायत पर मुकदमे में राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम की धारा बढ़ाई गई है.

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