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बाराबंकी एसपी अरविंद चतुर्वेदी ने पुलिस क्लब का कराया जीर्णोद्धार

यूपी के बाराबंकी पुलिस क्लब का कायाकल्प हो गया है. पुलिस अधीक्षक के व्यक्तिगत प्रयासों से इस क्लब का जीर्णोद्धार हुआ है. रविवार को लखनऊ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक ने इसका उदघाटन किया.

एसपी ने कराया पुलिस क्लब का जीर्णोद्धार.
एसपी ने कराया पुलिस क्लब का जीर्णोद्धार.
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Published : Aug 17, 2020, 2:49 PM IST

बाराबंकी : पुलिस क्लब का आखिरकार कायाकल्प हो गया. पुलिस अधीक्षक के व्यक्तिगत प्रयासों से बनकर तैयार इस क्लब का रविवार को लखनऊ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक ने उदघाटन किया. खूबसूरत चिन्मय वाटिका, किचन, डायनिंग हॉल, शौचालय और सुसज्जित बाथरूम युक्त 18 कमरों का ये पुलिस क्लब अब किसी गेस्ट हाउस से कम नहीं है.

शहर के पुराने बस स्टेशन के समीप बना पुलिस क्लब पिछले कई वर्षों से बदहाल था. 9 जनवरी 1942 को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक बीपी कोहली के प्रयासों से बने इस पुलिस क्लब का उस वक्त पुलिस के आईजी ने उद्घाटन किया था. कई वर्षों तक तो ये ठीक रहा लेकिन मरम्मत न होने के अभाव में ये बदहाल होता गया. कमरे भी खंडहर में तब्दील हो गए. मैदान में गड्ढे हो गए और उनमें बरसात का पानी भरा रहने लगा.

वर्ष 2016 में गैर जनपद से स्थानांतरित होकर आए सब इंस्पेक्टर दर्शन यादव को यही रहने को मिला. जल्द ही दर्शन यादव पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी के व्यैक्तिक सहायक हो गये. इनकी मांग पर एक दिन पुलिस कप्तान ने पुलिस क्लब का दौरा किया तो वे यहां की बदहाली देख दुखी हो गए. उन्होंने तभी इसके कायाकल्प का खाका तैयार कर लिया. पुलिस कप्तान ने अपने कुछ जानने वालों से इसके निर्माण में सहयोग मांगा. जिसके बाद इसी वर्ष मार्च महीने से इसका पुनर्निर्माण शुरू हो गया. रविवार को इसका उद्घाटन भी हो गया.

देश की नदियों के नाम पर बने कमरे
क्लब में ठहरने वाले पुलिसकर्मियों के लिए हर सुख सुविधा यहां मौजूद है. हर कमरे में बेड, पर्याप्त लाइट, शीशा, खूंटिया, सजावटी तस्वीरें और जरूरी सामान मौजूद हैं. एक बेहतरीन रसोई भी है. जिसे अन्नपूर्णा कक्ष नाम दिया गया है. शानदार डायनिंग हॉल है, जहां बड़ी सी मेज और कुर्सियां हैं. डायनिंग हॉल को तृप्ति हॉल नाम दिया गया है. सबसे खास बात ये है कि राष्ट्रीय भावना को जागृत करने के लिए हर कमरे का नाम देश की नदियों के नाम पर रखा गया है. सामने लॉन में चिन्मय वाटिका की स्थापना की गई है.

अपने स्तर पर एसपी ने कराया कायाकल्प
क्लब के जीर्णोद्धार में आने वाले खर्च का प्रबंध पुलिस कप्तान डॉ अरविंद चतुर्वेदी ने अपने स्तर से किया है. उन्होंने अपने तमाम जानने वालों से इसके लिए सहयोग मांगा. वहीं लोग खुशी-खुशी तैयार हो गए ताकि पुलिसकर्मियों को बेहतर सुविधाएं मिल सके.

बाराबंकी : पुलिस क्लब का आखिरकार कायाकल्प हो गया. पुलिस अधीक्षक के व्यक्तिगत प्रयासों से बनकर तैयार इस क्लब का रविवार को लखनऊ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक ने उदघाटन किया. खूबसूरत चिन्मय वाटिका, किचन, डायनिंग हॉल, शौचालय और सुसज्जित बाथरूम युक्त 18 कमरों का ये पुलिस क्लब अब किसी गेस्ट हाउस से कम नहीं है.

शहर के पुराने बस स्टेशन के समीप बना पुलिस क्लब पिछले कई वर्षों से बदहाल था. 9 जनवरी 1942 को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक बीपी कोहली के प्रयासों से बने इस पुलिस क्लब का उस वक्त पुलिस के आईजी ने उद्घाटन किया था. कई वर्षों तक तो ये ठीक रहा लेकिन मरम्मत न होने के अभाव में ये बदहाल होता गया. कमरे भी खंडहर में तब्दील हो गए. मैदान में गड्ढे हो गए और उनमें बरसात का पानी भरा रहने लगा.

वर्ष 2016 में गैर जनपद से स्थानांतरित होकर आए सब इंस्पेक्टर दर्शन यादव को यही रहने को मिला. जल्द ही दर्शन यादव पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी के व्यैक्तिक सहायक हो गये. इनकी मांग पर एक दिन पुलिस कप्तान ने पुलिस क्लब का दौरा किया तो वे यहां की बदहाली देख दुखी हो गए. उन्होंने तभी इसके कायाकल्प का खाका तैयार कर लिया. पुलिस कप्तान ने अपने कुछ जानने वालों से इसके निर्माण में सहयोग मांगा. जिसके बाद इसी वर्ष मार्च महीने से इसका पुनर्निर्माण शुरू हो गया. रविवार को इसका उद्घाटन भी हो गया.

देश की नदियों के नाम पर बने कमरे
क्लब में ठहरने वाले पुलिसकर्मियों के लिए हर सुख सुविधा यहां मौजूद है. हर कमरे में बेड, पर्याप्त लाइट, शीशा, खूंटिया, सजावटी तस्वीरें और जरूरी सामान मौजूद हैं. एक बेहतरीन रसोई भी है. जिसे अन्नपूर्णा कक्ष नाम दिया गया है. शानदार डायनिंग हॉल है, जहां बड़ी सी मेज और कुर्सियां हैं. डायनिंग हॉल को तृप्ति हॉल नाम दिया गया है. सबसे खास बात ये है कि राष्ट्रीय भावना को जागृत करने के लिए हर कमरे का नाम देश की नदियों के नाम पर रखा गया है. सामने लॉन में चिन्मय वाटिका की स्थापना की गई है.

अपने स्तर पर एसपी ने कराया कायाकल्प
क्लब के जीर्णोद्धार में आने वाले खर्च का प्रबंध पुलिस कप्तान डॉ अरविंद चतुर्वेदी ने अपने स्तर से किया है. उन्होंने अपने तमाम जानने वालों से इसके लिए सहयोग मांगा. वहीं लोग खुशी-खुशी तैयार हो गए ताकि पुलिसकर्मियों को बेहतर सुविधाएं मिल सके.

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