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लूट की ऐसी रची फर्जी कहानी जिसे सुनकर आप भी रह जाएंगे हैरान

यूपी के बाराबंकी में दो सगे भाइयों ने उधार के रुपये वापस न करना पड़े इसलिए अपने साथ हुई लूट की एक फर्जी कहानी रच डाली. पुलिस ने इन दोनों भाइयों के खिलाफ धोखाधड़ी और गलत सूचना देने का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.

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Published : Aug 31, 2021, 8:12 PM IST

लूट की फर्जी कहानी
लूट की फर्जी कहानी

बाराबंकी: जिले के हैदरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम लाही में दो सगे भाइयों ने उधारी चुकाने से बचने के लिए लूट की फर्जी कहानी गढ़ डाली. इतना ही नहीं प्लांड तरीके से तैयार किये गए ड्रामे से दोनो भाइयों ने पुलिस को घण्टों हलकान किया, लेकिन पुलिस ने जब कड़ाई से दोनों से पूछताछ की तो पूरी कहानी से पर्दा उठ गया. पुलिस ने इन दोनों भाइयों के खिलाफ धोखाधड़ी और गलत सूचना देने का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.

बताते चलें कि हैदरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम लाही निवासी दिलीप कुमार सोनी पुत्र ठाकुर कुमार सोनी ने हैदरगढ़ थाने में सूचना दी कि बीती 28 अगस्त की शाम को वह अपने भाई दीपक कुमार सोनी के साथ अपनी नेरथुआ मोड़ स्थित ज्वेलर्स की दुकान बंद करके घर जा रहा था. रास्ते में शराब के ठेके से आगे आने पर 3 अज्ञात प्लेटिना सवार व्यक्तियों ने पीछे से आकर धक्का दे दिया और गोली चला दी जो मुझे लगी और मैं नीचे गिर गया. इस दौरान अज्ञात हमलावर मेरे भाई दीपक सोनी से बैग छीनकर रायबरेली की तरफ भाग गए. उसने बैग में 25 जोड़ी बिछिया, 2 लॉकेट, 50 पीस नाक की कील तथा 50 हजार रुपये नकद होने की बात पुलिस को बताई. सर्राफा व्यापारी से हुई लूट की इस वारदात ने पुलिस विभाग में हड़कम्प मचा दिया. मौके पर पहुंची पुलिस घटना की पड़ताल में जुट गई थी. वादी दिलीप कुमार की तहरीर पर पुलिस ने 394आईपीसी का मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी.

जानकारी देते एडिशनल एसपी बाराबंकी मनोज पांडे.
लूट जैसी वारदात को गम्भीरता से लेते हुए पुलिस कप्तान यमुना प्रसाद ने इसके खुलासे और अपराधियों की धरपकड़ के लिए 2 टीमों का गठन किया. पुलिस ने डिजिटल और मैनुअल साक्ष्य के आधार पर जब तफ्तीश शुरू की तो मामले की कड़ियां जुड़ने लगी और इस फर्जी वारदात का खुलासा हो गया.जांच के दौरान पुलिस ने लाही मेन रोड पर स्थित पेट्रोल पंप का सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो पाया कि दिलीप सोनी और दीपक सोनी द्वारा पेट्रोल पंप कर्मियों और प्रधान को घटना और घटनास्थल के बारे में बताया गया और फिर वापस जाकर घटनास्थल पर लेट गए. गोली मारने की घटना भी फर्जी निकली,मेडिकल में कोई गन शॉट इंजरी नहीं पाई गई. घटनास्थल के आसपास लोगों के घर हैं, लेकिन सभी ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया.
क्या थी कहानी
पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि वादी दिलीप सोनी की कोई स्थायी दुकान नहीं है. इनके द्वारा अपने ही परिवार के पिंटू सोनी और हैदरगढ़ स्थित आरके ज्वेलर्स से ज्वैलरी लेकर लोगों को बेचा जाता था. इसी बीच दिलीप सोनी ने पिंटू सोनी से ज्वैलरी, आरके ज्वैलर्स से 7500 रुपये और रायबरेली जिले के शिवगढ़ थाना क्षेत्र के शाहपुर निवासी रंजीत गुप्ता से 14 हजार रुपये उधार लिया था. रुपये और ज्वैलरी वापस न करनी पड़े लिहाजा इन दोनों ने योजना बनाई और लूट की कहानी गढ़ी.


इसे भी पढ़ें- कानपुर: दारोगा के बेटे ने मामूली बात पर युवक को पीटा, घटना के बाद हुआ फरार

बाराबंकी: जिले के हैदरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम लाही में दो सगे भाइयों ने उधारी चुकाने से बचने के लिए लूट की फर्जी कहानी गढ़ डाली. इतना ही नहीं प्लांड तरीके से तैयार किये गए ड्रामे से दोनो भाइयों ने पुलिस को घण्टों हलकान किया, लेकिन पुलिस ने जब कड़ाई से दोनों से पूछताछ की तो पूरी कहानी से पर्दा उठ गया. पुलिस ने इन दोनों भाइयों के खिलाफ धोखाधड़ी और गलत सूचना देने का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.

बताते चलें कि हैदरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम लाही निवासी दिलीप कुमार सोनी पुत्र ठाकुर कुमार सोनी ने हैदरगढ़ थाने में सूचना दी कि बीती 28 अगस्त की शाम को वह अपने भाई दीपक कुमार सोनी के साथ अपनी नेरथुआ मोड़ स्थित ज्वेलर्स की दुकान बंद करके घर जा रहा था. रास्ते में शराब के ठेके से आगे आने पर 3 अज्ञात प्लेटिना सवार व्यक्तियों ने पीछे से आकर धक्का दे दिया और गोली चला दी जो मुझे लगी और मैं नीचे गिर गया. इस दौरान अज्ञात हमलावर मेरे भाई दीपक सोनी से बैग छीनकर रायबरेली की तरफ भाग गए. उसने बैग में 25 जोड़ी बिछिया, 2 लॉकेट, 50 पीस नाक की कील तथा 50 हजार रुपये नकद होने की बात पुलिस को बताई. सर्राफा व्यापारी से हुई लूट की इस वारदात ने पुलिस विभाग में हड़कम्प मचा दिया. मौके पर पहुंची पुलिस घटना की पड़ताल में जुट गई थी. वादी दिलीप कुमार की तहरीर पर पुलिस ने 394आईपीसी का मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी.

जानकारी देते एडिशनल एसपी बाराबंकी मनोज पांडे.
लूट जैसी वारदात को गम्भीरता से लेते हुए पुलिस कप्तान यमुना प्रसाद ने इसके खुलासे और अपराधियों की धरपकड़ के लिए 2 टीमों का गठन किया. पुलिस ने डिजिटल और मैनुअल साक्ष्य के आधार पर जब तफ्तीश शुरू की तो मामले की कड़ियां जुड़ने लगी और इस फर्जी वारदात का खुलासा हो गया.जांच के दौरान पुलिस ने लाही मेन रोड पर स्थित पेट्रोल पंप का सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो पाया कि दिलीप सोनी और दीपक सोनी द्वारा पेट्रोल पंप कर्मियों और प्रधान को घटना और घटनास्थल के बारे में बताया गया और फिर वापस जाकर घटनास्थल पर लेट गए. गोली मारने की घटना भी फर्जी निकली,मेडिकल में कोई गन शॉट इंजरी नहीं पाई गई. घटनास्थल के आसपास लोगों के घर हैं, लेकिन सभी ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया.
क्या थी कहानी
पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि वादी दिलीप सोनी की कोई स्थायी दुकान नहीं है. इनके द्वारा अपने ही परिवार के पिंटू सोनी और हैदरगढ़ स्थित आरके ज्वेलर्स से ज्वैलरी लेकर लोगों को बेचा जाता था. इसी बीच दिलीप सोनी ने पिंटू सोनी से ज्वैलरी, आरके ज्वैलर्स से 7500 रुपये और रायबरेली जिले के शिवगढ़ थाना क्षेत्र के शाहपुर निवासी रंजीत गुप्ता से 14 हजार रुपये उधार लिया था. रुपये और ज्वैलरी वापस न करनी पड़े लिहाजा इन दोनों ने योजना बनाई और लूट की कहानी गढ़ी.


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