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दवाई से किसानों की फसल खराब हुई तो पेस्टिसाइड्स कम्पनियों को देना होगा मुआवजा

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में किसानों के लिए काफी राहत भरी खबर है. दरअसल फसलों में दवाओं के छिड़काव से फसलों का नुकसान भी हो जाता था, जिसके बाद प्रशासन दुकानदार पर कार्रवाई करता था. वहीं अब पेस्टिसाइड्स एक्ट में आए नए नियमों के तहत किसानों की शिकायत पर न केवल कम्पनियों पर मुकदमा हो सकेगा, बल्कि उन्हें मुआवजा भी देना होगा.

farmers will get compensate
किसानों को मिलेगा मुआवजा
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Published : Jun 20, 2020, 5:01 PM IST

बाराबंकी: फसलों में दवाओं के छिड़काव से होने वाले नुकसान का मुआवजा किसानों को अब मिल सकेगा. अभी तक कम्पनियां इससे बच जाती थीं और दुकानदारों पर कार्रवाई हो जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. पेस्टिसाइड्स एक्ट में आए नए नियमों के तहत किसानों की शिकायत पर न केवल कम्पनियों पर मुकदमा हो सकेगा, बल्कि उन्हें मुआवजा भी देना होगा. यही नहीं कम्पनियों को मुआवजे के लिए अलग से रिवाल्विंग फंड रखना होगा.

किसानों को मिलेगा मुआवजा.
नए नियमों के मुताबिक अब पेस्टिसाइड्स बेचने वाले दुकानदार जितनी कम्पनियों के प्रोडक्ट्स बेचेगा उन सबकी अथॉरिटी रखनी होगी. यह अथॉरिटी लाइसेंस पर भी दर्ज होना जरूरी है. अभी तक ये दुकानदार एक कम्पनी के कई-कई प्रोडक्ट्स रखते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. बता दें कि जिले में 850 पेस्टिसाइड्स की दुकानें हैं.

जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. प्रीति किरण बाजपेयी ने इन दुकानों के अधिकार पत्रों का वेरिफिकेशन शुरू कर दिया है. जिन दुकानदारों के पास कम्पनियों के अधिकार पत्र नहीं होंगे, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. साथ ही दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. प्रशासन की इस कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है.

किसानों को लाभ पहुंचाने की मंशा
किसान दवाई खरीदकर उसका छिड़काव अपनी फसलों पर करता था. दवा से अगर फसल खराब हो जाती थी तो प्रशासन दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई करता था और कम्पनी बच जाती थी. वहीं नए नियमों के तहत अब उस कम्पनी के खिलाफ केस हो सकेगा, जिसका ये प्रोडक्ट होगा. यही नहीं कम्पनी को पीड़ित किसान को मुआवजे का भुगतान करना होगा. इसके लिए कम्पनी को अलग से रिवोल्विंग फंड भी रखना होगा.

बाराबंकी: फसलों में दवाओं के छिड़काव से होने वाले नुकसान का मुआवजा किसानों को अब मिल सकेगा. अभी तक कम्पनियां इससे बच जाती थीं और दुकानदारों पर कार्रवाई हो जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. पेस्टिसाइड्स एक्ट में आए नए नियमों के तहत किसानों की शिकायत पर न केवल कम्पनियों पर मुकदमा हो सकेगा, बल्कि उन्हें मुआवजा भी देना होगा. यही नहीं कम्पनियों को मुआवजे के लिए अलग से रिवाल्विंग फंड रखना होगा.

किसानों को मिलेगा मुआवजा.
नए नियमों के मुताबिक अब पेस्टिसाइड्स बेचने वाले दुकानदार जितनी कम्पनियों के प्रोडक्ट्स बेचेगा उन सबकी अथॉरिटी रखनी होगी. यह अथॉरिटी लाइसेंस पर भी दर्ज होना जरूरी है. अभी तक ये दुकानदार एक कम्पनी के कई-कई प्रोडक्ट्स रखते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. बता दें कि जिले में 850 पेस्टिसाइड्स की दुकानें हैं.

जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. प्रीति किरण बाजपेयी ने इन दुकानों के अधिकार पत्रों का वेरिफिकेशन शुरू कर दिया है. जिन दुकानदारों के पास कम्पनियों के अधिकार पत्र नहीं होंगे, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. साथ ही दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. प्रशासन की इस कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है.

किसानों को लाभ पहुंचाने की मंशा
किसान दवाई खरीदकर उसका छिड़काव अपनी फसलों पर करता था. दवा से अगर फसल खराब हो जाती थी तो प्रशासन दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई करता था और कम्पनी बच जाती थी. वहीं नए नियमों के तहत अब उस कम्पनी के खिलाफ केस हो सकेगा, जिसका ये प्रोडक्ट होगा. यही नहीं कम्पनी को पीड़ित किसान को मुआवजे का भुगतान करना होगा. इसके लिए कम्पनी को अलग से रिवोल्विंग फंड भी रखना होगा.

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