बाराबंकी : जिले के चैनपुरा गांव में बड़े पैमाने पर अवैध कच्ची शराब का निर्माण किया जाता था. इस गांव में 92 परिवार रहता है. लगभग सभी घरों में कच्ची शराब बनाई और बेची जाती थी. जिसमें गरीब महिलाएं और बच्चे भी इस धंधे में लिप्त हो चुके थे. पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि यह गांव जब उनकी जानकारी में आया तब उन्होंने इस गांव का उत्थान करने के लिए मन में प्राण बना लिया.
गांव के विकास के बारे में काफी सोचने के बाद में उन्होंने इस गांव से शराब का अवैध धंधा बंद कराकर समूह का गठन किया. एनजीओ के माध्यम से चैनपुरा गांव में मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग दिलाना शुरू कर दिया. इसके अलावा दीपावली में इस गांव के लगभग साढे़ चार लाख दीए बेचे गए. चेन पुरवा गांव के दीए अयोध्या राम मंदिर के दीप उत्सव में भी शामिल हुए.
पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि एनजीओ की सहायता से इस गांव में विकास के लिए सिलाई सेंटर भी खोले जाएंगे. जिससे महिलाएं सिलाई में भी निपुण बन सकती हैं. धीरे-धीरे इन सब प्रयासों का फल दिखने भी लगी है. आज कई एनजीओ आगे हाथ बढ़ाकर इस गांव के विकास के लिए चैनपुरा गांव पहुंच रहे हैं.
गांव की महिलाओं ने बताया कि पिछली जिंदगी से यह जिंदगी खुशहाल है. वो पुलिस अधीक्षक महोदय का धन्यवाद कर रही हैं. उनके पास इसके आगे कोई शब्द नहीं है. उन्होंने एक नई राह दिखाई और आज वो इज्जत व सम्मान से जी रही हैं. वो लोग अपने पैरों पर खड़े होकर स्वालंबन बन गए हैं. उन्हें आज बोलने और बात करने का सलीका आ गया. उनका कहना था कि ऐसे अधिकारी उन गरीबों के बारे में बहुत कम ही सोचते हैं.