ETV Bharat / state

बाराबंकी: अफीम की खेती करने वाले किसानों की सुरक्षा से हो रहा खिलवाड़ - पोस्ता दाना

जिले में दशकों से अफीम की खेती कर रहे किसानों की सुरक्षा को लेकर प्रशासनिक व्यवस्था ने मुंह मोड़ रखा है. यही वजह है कि किसानों की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं, जिसके चलते किसानों को खासा दिक्कत हो रही है.

अफीम बाजार
author img

By

Published : Apr 13, 2019, 8:06 PM IST

बाराबंकी: अफीम की खेती कई दशकों से की जा रही है, लेकिन किसानों की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं. किसान अपनी अफीम लेकर काफी दूर से आते हैं और बीच में उनके लिए कोई सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. उन्हें एक सम्मन दे दिया जाता है, एक तारीख बता दी जाती है, लेकिन सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया जाता है. रास्ते में उनके साथ किसी भी प्रकार की लूट या दुर्घटना हो सकती है. लेकिन किसानों की सुरक्षा को लेकर कानून व्यवस्था मौन है.

बाराबंकी में अफीम की खेती करने वाले किसान परेशान.


किसानों की ये हैं समस्या

  • अफीम की कालाबाजारी होने के डर से काश्तकारों के लिए रास्ते में सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम होने चाहिए
  • अफीम करने वाले किसानों को सताता है लूट का डर
  • जान जोखिम में डालकर करते हैं अफीम की खेती
  • पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था न होने के कारण इसकी बड़ी संख्या में तस्करी की जाती है

किस काम आती है अफीम

  • इसे तमाम दर्द की दवाई और मेडिकल यूज के लिए उपयोग में लाया जाता है.
  • ऐसे में इसे स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर पैदा करना अत्यंत आवश्यक है.
  • पोस्ता दाना जो मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है उसके लिए भी यह जरूरी है

किसानों का क्या कहना है

  • किसान मोहम्मद अलीम का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था न होने के कारण उन्हें कोई नुकसान पहुंचा सकता है, या फिर उनके पास मौजूद अफीम को छीन भी सकता है.
  • वहीं किसान अंगनलाल का कहना है कि हम अपनी खुशियों को दांव पर लगाकर अफीम की खेती की सुरक्षा करते हैं, फिर भी खतरा बना रहता है. इस बार बरेली में ओला पड़ने के कारण फसल भी खराब हो गई. इनका मानना है कि रास्ते में आते जाते वक्त कोई भी बदमाश इनकी अफीम छीन भी सकता है.


सेंटर पर लाने के बाद सुरक्षा की जिम्मेदारी विभाग की होती है. रास्ते में या फिर घर पर उनकी कोई जिम्मेदारी विभाग की नहीं है. सेंटर पर किसानों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाता है.


राजेंद्र प्रसाद, जिला अफीम अधिकारी, बाराबंकी

बाराबंकी: अफीम की खेती कई दशकों से की जा रही है, लेकिन किसानों की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं. किसान अपनी अफीम लेकर काफी दूर से आते हैं और बीच में उनके लिए कोई सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. उन्हें एक सम्मन दे दिया जाता है, एक तारीख बता दी जाती है, लेकिन सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया जाता है. रास्ते में उनके साथ किसी भी प्रकार की लूट या दुर्घटना हो सकती है. लेकिन किसानों की सुरक्षा को लेकर कानून व्यवस्था मौन है.

बाराबंकी में अफीम की खेती करने वाले किसान परेशान.


किसानों की ये हैं समस्या

  • अफीम की कालाबाजारी होने के डर से काश्तकारों के लिए रास्ते में सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम होने चाहिए
  • अफीम करने वाले किसानों को सताता है लूट का डर
  • जान जोखिम में डालकर करते हैं अफीम की खेती
  • पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था न होने के कारण इसकी बड़ी संख्या में तस्करी की जाती है

किस काम आती है अफीम

  • इसे तमाम दर्द की दवाई और मेडिकल यूज के लिए उपयोग में लाया जाता है.
  • ऐसे में इसे स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर पैदा करना अत्यंत आवश्यक है.
  • पोस्ता दाना जो मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है उसके लिए भी यह जरूरी है

किसानों का क्या कहना है

  • किसान मोहम्मद अलीम का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था न होने के कारण उन्हें कोई नुकसान पहुंचा सकता है, या फिर उनके पास मौजूद अफीम को छीन भी सकता है.
  • वहीं किसान अंगनलाल का कहना है कि हम अपनी खुशियों को दांव पर लगाकर अफीम की खेती की सुरक्षा करते हैं, फिर भी खतरा बना रहता है. इस बार बरेली में ओला पड़ने के कारण फसल भी खराब हो गई. इनका मानना है कि रास्ते में आते जाते वक्त कोई भी बदमाश इनकी अफीम छीन भी सकता है.


सेंटर पर लाने के बाद सुरक्षा की जिम्मेदारी विभाग की होती है. रास्ते में या फिर घर पर उनकी कोई जिम्मेदारी विभाग की नहीं है. सेंटर पर किसानों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाता है.


राजेंद्र प्रसाद, जिला अफीम अधिकारी, बाराबंकी

Intro: बाराबंकी, 13 अप्रैल । बाराबंकी जिले में अफीम की खेती कई दशकों से की जा रही है ,लेकिन किसानों की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं है. किसान अपनी अफीम लेकर काफी दूर से आते हैं और बीच में उनकी कोई सुरक्षा नहीं है. उन्हें एक सम्मन दे दिया जाता है , एक डेट बता दी जाती है लेकिन सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया किया जाता है. रास्ते में उनके साथ किसी भी प्रकार की छिनैती या दुर्घटना हो सकती है. लेकिन किसानों की सुरक्षा को लेकर व्यवस्था मौन है.


Body:दशकों से अफीम की खेती कर रहे किसानों के तरफ प्रशासनिक व्यवस्था ने मुंह मोड़ रखा है. यही वजह है कि किसानों की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं. अफीम की कालाबाजारी और स्थिति को देखते हुए इन काश्तकारों के लिए रास्ते में सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम होने चाहिए ,लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. किसान राम अकबाल वर्मा सुरक्षा नहीं होने से परेशान हैं ,तो वहीं मोहम्मद अलीम का कहना है, कि सुरक्षा व्यवस्था ना होने के कारण उन्हें कोई धक्का दे सकता है, या फिर उनके पास मौजूद अफीम को छीन भी सकता है. बरेली से आए अंगनलाल कहते हैं कि वह अपनी खुशियों को दांव पर लगाकर अफीम की खेती की सुरक्षा करते हैं, फिर भी खतरा बना रहता है इस बार बरेली में ओला पड़ने के कारण फसल खराब भी हो गई. रास्ते में आते वक्त ईट से पैर लड़ने के कारण वह गिर गए, और तरल मात्रा में मौजूद उनकी अफीम गिर गई. इनका मानना है कि रास्ते में आते जाते वक्त कोई डाकू और बदमाश इसे छीन भी सकता है. इस मुद्दे पर जब हमने जिला अफीम अधिकारी राजेंद्र प्रसाद से बात की उन्होंने बताया कि यहां पर लाने के बाद उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी है. रास्ते में या फिर घर पर उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है. अब समस्या इसी बात की है कि किसान इस खेती के लिए इतना जोखिम ले रहा है ,फिर भी प्रशासनिक व्यवस्था उसका ख्याल क्यों नहीं कर रही है.


Conclusion:अफीम की खेती का लाइसेंस इस वजह से दिया जाता है क्योंकि यह दुरुपयोग होने के बाद मादक पदार्थ हो जाता है ,लेकिन इसका सदुपयोग काफी महत्वपूर्ण है ,इसे तमाम दर्द की दवाई और मेडिकल यूज के लिए उपयोग में लाया जाता है. ऐसे में इसे स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर पैदा करना अत्यंत आवश्यक है. पोस्ता दाना जो मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है उसके लिए भी यह जरूरी है, लेकिन पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था ना होने के कारण इसकी बड़ी संख्या में तस्करी की जाती है . इसलिए व्यवस्था को इसके किसानों की सुरक्षा और देखरेख पर भी नजर रखनी चाहिए.




bite -
1- राम अकबाल वर्मा नवाबगंज बाराबंकी
2- मोहम्मद अलीम बाराबंकी
3- आंगन लाल बरेली
4- राजेंद्र प्रसाद जिला अफीम अधिकारी बाराबंकी



रिपोर्ट- आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर बाराबंकी 9628 4769 07
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.