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अब महिलाएं घर-घर जाकर वसूलेंगी बिजली का बिल

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Published : Feb 18, 2021, 2:22 PM IST

यूपी के बाराबंकी जिले में अब महिलाएं घर-घर जाकर बिजली बिल वसूलेंगी. ट्रेनिंग के बाद ये घर-घर जाकर न केवल बिजली का बिल वसूलेंगी, बल्कि मीटर रीडिंग भी लेंगी.

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महिलाएं घर-घर जाकर वसूलेंगी बिजली बिल

बाराबंकी: शासन की पहल पर बिजली विभाग ने राष्ट्रीय आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ मिलकर अनोखा प्रयोग शुरू किया है. स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं जल्द ही बिजली बिलिंग मशीन के साथ नजर आएंगी. महिलाएं घर-घर जाकर मीटर रीडिंग लेंगी और उपभोक्ताओं को बिजली का बिल भी देंगी.

महिलाएं घर-घर जाकर वसूलेंगी बिजली बिल
समूह की महिलाएं घर-घर जाकर लेंगी बिजली मीटर रीडिंग राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं बिजली बिलिंग की ट्रेनिंग ले रही हैं. दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों से बिजली बिलों की वसूली हमेशा से विभाग के लिए बड़ा चैलेंजिग रहा है. इसी वजह से विभाग ने आजीविका मिशन से जुड़ी समूह की महिलाओं को ये काम सौंपा है. विभाग की मंशा है कि उनके ज्यादा से ज्यादा कलेक्शन सेंटर हों, ताकि समय से बिलिंग हो और उनका भुगतान हो जाए. शासन की इस पहल से उपभोक्ताओं को उनके दरवाजे पर ही सुविधा मिलेगी.महिलाओं को दिया जा रहा प्रशिक्षणसमूह से जुड़ी इन महिलाओं को मीटर रीडिंग, बिल निकालने और जमा करने के तौर-तरीके सिखाए जा रहे हैं. इसके लिए महिलाओं को एक थर्मल प्रिंटर खरीदना होगा. दो इंच के थर्मल प्रिंटर को मोबाइल से कनेक्ट कर उन्हें क्या प्रक्रिया अपनानी है, इसकी खास तकनीक बताई जा रही है. जिससे महिलाएं ज्यादा से ज्यादा काम कर आर्थिक लाभ उठा सकें.महिलाओं में उत्साहऊर्जा विभाग का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों से राजस्व वसूली का कार्य हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है. पूरे प्रदेश में लगभग 20 से 25 फीसदी ही वसूली हो पाती है. इसी समस्या से निपटने के लिए विभाग ने यह नया तरीका अपनाया है. इससे राजस्व तो बढ़ेगा ही साथ ही महिलाओं की आमदनी भी बढ़ेगी. स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं में खासा उत्साह है. महिलाओं का मानना है कि सरकार ने उन्हें घर बैठे रोजगार से जोड़ दिया है.कैसे करेंगी कामराष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन का एमओयू यानी मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग हुआ है कि स्वयं सहायता समूह की सक्रिय महिलाएं, जो पढ़ी लिखी हैं और जो ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती हैं. वे बिजली का बिल कलेक्शन करें. ये महिलाएं डोर टू डोर जाकर कलेक्शन कर सकती हैं या फिर उपभोक्ता उनके पास खुद जाकर भी अपना बिल जमा कर सकता है.

दो हजार रुपये तक के एक बिजली का बिल वसूलने पर इन्हें 20 रुपये दिए जाएंगे. इसके लिए इन्हें एनआरएलएम से जो धनराशि दी जाती है, उससे ये 2 इंच का थर्मल प्रिंटर खरीदेंगी. फिर उसको मोबाइल से कनेक्ट कर विभाग ई-वालेट यूपीपीसीएल पर रजिस्टर करके एक यूनिक आईडी देगा. इसी आईडी के जरिए ये बिल वसूलेंगी. निश्चय ही शासन की पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक मजबूती देगी, बल्कि इससे समय से राजस्व की वसूली भी हो सकेगी.

बाराबंकी: शासन की पहल पर बिजली विभाग ने राष्ट्रीय आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ मिलकर अनोखा प्रयोग शुरू किया है. स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं जल्द ही बिजली बिलिंग मशीन के साथ नजर आएंगी. महिलाएं घर-घर जाकर मीटर रीडिंग लेंगी और उपभोक्ताओं को बिजली का बिल भी देंगी.

महिलाएं घर-घर जाकर वसूलेंगी बिजली बिल
समूह की महिलाएं घर-घर जाकर लेंगी बिजली मीटर रीडिंग राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं बिजली बिलिंग की ट्रेनिंग ले रही हैं. दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों से बिजली बिलों की वसूली हमेशा से विभाग के लिए बड़ा चैलेंजिग रहा है. इसी वजह से विभाग ने आजीविका मिशन से जुड़ी समूह की महिलाओं को ये काम सौंपा है. विभाग की मंशा है कि उनके ज्यादा से ज्यादा कलेक्शन सेंटर हों, ताकि समय से बिलिंग हो और उनका भुगतान हो जाए. शासन की इस पहल से उपभोक्ताओं को उनके दरवाजे पर ही सुविधा मिलेगी.महिलाओं को दिया जा रहा प्रशिक्षणसमूह से जुड़ी इन महिलाओं को मीटर रीडिंग, बिल निकालने और जमा करने के तौर-तरीके सिखाए जा रहे हैं. इसके लिए महिलाओं को एक थर्मल प्रिंटर खरीदना होगा. दो इंच के थर्मल प्रिंटर को मोबाइल से कनेक्ट कर उन्हें क्या प्रक्रिया अपनानी है, इसकी खास तकनीक बताई जा रही है. जिससे महिलाएं ज्यादा से ज्यादा काम कर आर्थिक लाभ उठा सकें.महिलाओं में उत्साहऊर्जा विभाग का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों से राजस्व वसूली का कार्य हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है. पूरे प्रदेश में लगभग 20 से 25 फीसदी ही वसूली हो पाती है. इसी समस्या से निपटने के लिए विभाग ने यह नया तरीका अपनाया है. इससे राजस्व तो बढ़ेगा ही साथ ही महिलाओं की आमदनी भी बढ़ेगी. स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं में खासा उत्साह है. महिलाओं का मानना है कि सरकार ने उन्हें घर बैठे रोजगार से जोड़ दिया है.कैसे करेंगी कामराष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन का एमओयू यानी मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग हुआ है कि स्वयं सहायता समूह की सक्रिय महिलाएं, जो पढ़ी लिखी हैं और जो ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती हैं. वे बिजली का बिल कलेक्शन करें. ये महिलाएं डोर टू डोर जाकर कलेक्शन कर सकती हैं या फिर उपभोक्ता उनके पास खुद जाकर भी अपना बिल जमा कर सकता है.

दो हजार रुपये तक के एक बिजली का बिल वसूलने पर इन्हें 20 रुपये दिए जाएंगे. इसके लिए इन्हें एनआरएलएम से जो धनराशि दी जाती है, उससे ये 2 इंच का थर्मल प्रिंटर खरीदेंगी. फिर उसको मोबाइल से कनेक्ट कर विभाग ई-वालेट यूपीपीसीएल पर रजिस्टर करके एक यूनिक आईडी देगा. इसी आईडी के जरिए ये बिल वसूलेंगी. निश्चय ही शासन की पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक मजबूती देगी, बल्कि इससे समय से राजस्व की वसूली भी हो सकेगी.

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