ETV Bharat / state

बाराबंकीः कनविक्शन रेट बढ़ाने के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला की नई मुहिम

लखनऊ में विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अधिकारी जोनल स्तर पर पुलिसकर्मियों की प्रतियोगिता करा रहे हैं. पुलिस की विवेचना की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ ही वैज्ञानिक साक्ष्यों को बढ़ावा देने के मकसद से आयोजित इस प्रतियोगिता में दस जनपदों के पुलिसकर्मी शामिल होंगे.

विधि विज्ञान प्रयोगशाला की नई मुहिम.
विधि विज्ञान प्रयोगशाला की नई मुहिम.
author img

By

Published : Nov 27, 2019, 5:29 PM IST

बाराबंकीः वैज्ञानिक साक्ष्य के अभाव के चलते तमाम अपराधियों को सजा नहीं मिल पा रही है. वहीं कनविक्शन रेट कम होने की समस्या को शासन ने गम्भीरता से लिया है. जिसके तहत किसी भी आपराधिक घटना में ज्यादा से ज्यादा वैज्ञानिक साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए विवेचकों को प्रेरित किया जा रहा है.

विधि विज्ञान प्रयोगशाला की नई मुहिम.

चारदिवसीय प्रतियोगिता का आयोजन

  • लखनऊ में विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अधिकारी जोनल स्तर पर पुलिसकर्मियों की प्रतियोगिता करा रहे हैं.
  • अधिकारी ये जानना चाहते हैं कि पुलिस वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र करने में कितनी पारंगत है.
  • चार दिनों तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में लखनऊ जोन के दस जिलों को शामिल किया गया हैं.
  • जिनमें बाराबंकी, हरदोई, लखीमपुर, सीतापुर, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अम्बेडकर नगर और फैजाबाद शामिल हैं.
  • प्रतियोगिता में हर जिले से 1 इंस्पेक्टर, 2 सब इंस्पेक्टर, 1 हेड कांस्टेबल समेत 1 कांस्टेबल को शामिल किया गया है.
  • पुलिसकर्मियों की फिंगर प्रिंट, हुलिया बयान, घटनास्थल निरीक्षण, विधि विज्ञान, क्राइम सीन, मेडिकोलीगल जैसी विधाओं की परीक्षा ली जाएगी.

आपराधिक घटनाओं के अनावरण में वैज्ञानिक साक्ष्य महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं. जरा सी चूक से अपराधी छूट जाते हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अधिकारी पुलिसकर्मियों की प्रतियोगिता के जरिए उन्हें इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं.
-डॉ. अजय कुमार श्रीवास्तव, बैलेस्टिक इंचार्ज, विधि विज्ञान प्रयोगशाला, लखनऊ

वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र करने की प्रतियोगिता हो रही है, जिससे यह पता किया जा सकेगा कि पुलिसकर्मी इस विधा में कितने पारंगत हैं.
- डॉ. अनिल कुमार यादव, डिप्टी डायरेक्टर, विधि विज्ञान प्रयोगशाला, लखनऊ

प्रतियोगिता में हर जिले से 1 इंस्पेक्टर, 2 सब इंस्पेक्टर, 1 हेड कांस्टेबल, 1 कांस्टेबल समेत कुल पांच पुलिसकर्मी शामिल होंगे. जहां पर इसकी जरूरत होगी, इस प्रणाली को इस्तेमाल में लाएंगे.
- आरएस गौतम, एडिशनल एसपी, बाराबंकी

बाराबंकीः वैज्ञानिक साक्ष्य के अभाव के चलते तमाम अपराधियों को सजा नहीं मिल पा रही है. वहीं कनविक्शन रेट कम होने की समस्या को शासन ने गम्भीरता से लिया है. जिसके तहत किसी भी आपराधिक घटना में ज्यादा से ज्यादा वैज्ञानिक साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए विवेचकों को प्रेरित किया जा रहा है.

विधि विज्ञान प्रयोगशाला की नई मुहिम.

चारदिवसीय प्रतियोगिता का आयोजन

  • लखनऊ में विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अधिकारी जोनल स्तर पर पुलिसकर्मियों की प्रतियोगिता करा रहे हैं.
  • अधिकारी ये जानना चाहते हैं कि पुलिस वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र करने में कितनी पारंगत है.
  • चार दिनों तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में लखनऊ जोन के दस जिलों को शामिल किया गया हैं.
  • जिनमें बाराबंकी, हरदोई, लखीमपुर, सीतापुर, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अम्बेडकर नगर और फैजाबाद शामिल हैं.
  • प्रतियोगिता में हर जिले से 1 इंस्पेक्टर, 2 सब इंस्पेक्टर, 1 हेड कांस्टेबल समेत 1 कांस्टेबल को शामिल किया गया है.
  • पुलिसकर्मियों की फिंगर प्रिंट, हुलिया बयान, घटनास्थल निरीक्षण, विधि विज्ञान, क्राइम सीन, मेडिकोलीगल जैसी विधाओं की परीक्षा ली जाएगी.

आपराधिक घटनाओं के अनावरण में वैज्ञानिक साक्ष्य महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं. जरा सी चूक से अपराधी छूट जाते हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अधिकारी पुलिसकर्मियों की प्रतियोगिता के जरिए उन्हें इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं.
-डॉ. अजय कुमार श्रीवास्तव, बैलेस्टिक इंचार्ज, विधि विज्ञान प्रयोगशाला, लखनऊ

वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र करने की प्रतियोगिता हो रही है, जिससे यह पता किया जा सकेगा कि पुलिसकर्मी इस विधा में कितने पारंगत हैं.
- डॉ. अनिल कुमार यादव, डिप्टी डायरेक्टर, विधि विज्ञान प्रयोगशाला, लखनऊ

प्रतियोगिता में हर जिले से 1 इंस्पेक्टर, 2 सब इंस्पेक्टर, 1 हेड कांस्टेबल, 1 कांस्टेबल समेत कुल पांच पुलिसकर्मी शामिल होंगे. जहां पर इसकी जरूरत होगी, इस प्रणाली को इस्तेमाल में लाएंगे.
- आरएस गौतम, एडिशनल एसपी, बाराबंकी

Intro:बाराबंकी ,27 नवम्बर । वैज्ञानिक साक्ष्य के अभाव में तमाम अपराधियों को सजा नही मिल पा रही है । कनविक्शन रेट कम होने को शासन ने गम्भीरता से लिया है । लिहाजा किसी भी आपराधिक घटना में ज्यादा से ज्यादा वैज्ञानिक साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए विवेचकों को प्रेरित किया जा रहा है । लखनऊ स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अधिकारी जोनल स्तर पर पुलिसकर्मियों की प्रतियोगिता करा रहे हैं । अधिकारी ये जानना चाहते हैं कि उनकी पुलिस वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र करने में कितनी पारंगत है ताकि इनमे और सुधार किया जा सके ।


Body:वीओ- आपराधिक घटनाओं के अनावरण में वैज्ञानिक साक्ष्य महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं । जरा सी चूक से अपराधी छूट जाते हैं । इसी को ध्यान में रखते हुए विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अधिकारी पुलिसकर्मियों की प्रतियोगिता के जरिये उन्हें इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं ।
बाईट- डॉ अजय कुमार श्रीवास्तव, बैलेस्टिक इंचार्ज, विधि विज्ञान प्रयोगशाला, लखनऊ

वीओ- चार दिनों तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में लखनऊ ज़ोन के दस जिले बाराबंकी,हरदोई,लखीमपुर,सीतापुर,रायबरेली, अमेठी,सुल्तानपुर, अम्बेडकर नगर और फैजाबाद शामिल हैं । हर जिले से एक इंस्पेक्टर,2 सब इंस्पेक्टर, एक हेडकांस्टेबल, एक कांस्टेबल यानी कुल पांच पुलिसकर्मी इस प्रतियोगिता में शामिल हो रहे हैं । इसमें शामिल पुलिसकर्मियों की फिंगर प्रिण्ट, हुलिया बयान ,घटना स्थल निरीक्षण,विधि विज्ञान,क्राइम सीन,मेडिकोलीगल जैसे विधाओं की परीक्षा ली जा रही है ।
बाईट- डॉ अनिल कुमार यादव, डिप्टी डायरेक्टर, विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ
बाईट- आरएस गौतम , एडिशनल एसपी ,बाराबंकी


Conclusion:रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.