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बाराबंकी: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के नए फरमान से निजी अस्पताल संचालकों में हड़कंप

यूपी के बाराबंकी में स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम को अस्पताल में होने वाले प्रसव और मृत्यु के आंकड़े को नियमित रूप से उपलब्ध कराने के आदेश दिए. साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रम जैसे नसबंदी, टीबी, टीकाकरण और संचारी रोगों के मरीजों की संख्या भी बताने के निर्देश दिए हैं.

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Published : Aug 22, 2019, 6:31 PM IST

आंकड़े न मिलने पर पंजीकरण निरस्त.

बाराबंकी: स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम को अस्पताल में होने वाले प्रसव और मृत्यु के आंकड़े नियमित रूप से उपलब्ध कराने के आदेश दिए. इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रम जैसे नसबंदी, टीबी, टीकाकरण और संचारी रोगों के मरीजों की संख्या को भी बताने के निर्देश दिए हैं.

आंकड़े न मिलने पर अस्पताल का पंजीकरण होगा निरस्त.

आंकड़े नहीं मिले तो अस्पताल का पंजीकरण होगा निरस्त-

  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आंकड़ों में सुधार हेतु जन्म-मृत्यु की सूचना अब प्राइवेट अस्पतालों को भी देनी होगी.
  • महीने की 20 और 21 तारीख तक सीएमओ कार्यालय में आंकड़े उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा.
  • सभी अस्पतालों को अस्पताल में हुए गर्भपात केस के आंकड़ों की जानकारी देनी होगी.
  • नसबंदी ,टीबी, टीकाकरण, चिकनगुनिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू आदि मरीजों की संख्या भी सीएमओ कार्यालय को बतानी होगी.
  • भारत सरकार के हेल्थ मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम पोर्टल पर सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों से डाटा अपलोड किया जाएगा.
  • स्वास्थ्य विभाग ने सम्बंधित अस्पतालों को आंकड़े नियमित रूप से उपलब्ध न कराने पर पंजीकरण निरस्त करने के सख्त आदेश दिए हैं.
  • स्वास्थ्य विभाग से जारी की गई इस एडवाइजरी से निजी अस्पताल संचालकों में हड़कम्प मचा है.

इसे भी पढ़ें:- बाराबंकी: कर्मचारी की पिटाई से नाराज महिला जिला अस्पताल के कर्मचारियों ने की हड़ताल

हर महीने की 20 और 21 तारीख तक सीएमओ कार्यालय में आंकड़े उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा. भारत सरकार के हेल्थ मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम पोर्टल पर सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों से दिया गया डाटा अपलोड होगा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले के सभी डिलीवरी पॉइंट चाहे वो प्राइवेट हो या सरकारी सभी का डाटा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा.
डॉ. रमेश चन्द्रा, सीएमओ, बाराबंकी

पहले निजी अस्पताल डाटा उपलब्ध नहीं कराते थे. जिसके चलते जन्म-मृत्यु का वास्तविक आंकड़ा नहीं मिल पाता था. सभी प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम को राष्ट्रीय स्वास्थ्य से जुड़े जैसे नसबंदी, टीबी, टीकाकरण के साथ साथ संचारी रोगों चिकनगुनिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू आदि मरीजों की संख्या भी सीएमओ कार्यालय को बतानी होगी.
डॉ. एसके जैन, निजी अस्पताल संचालक

बाराबंकी: स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम को अस्पताल में होने वाले प्रसव और मृत्यु के आंकड़े नियमित रूप से उपलब्ध कराने के आदेश दिए. इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रम जैसे नसबंदी, टीबी, टीकाकरण और संचारी रोगों के मरीजों की संख्या को भी बताने के निर्देश दिए हैं.

आंकड़े न मिलने पर अस्पताल का पंजीकरण होगा निरस्त.

आंकड़े नहीं मिले तो अस्पताल का पंजीकरण होगा निरस्त-

  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आंकड़ों में सुधार हेतु जन्म-मृत्यु की सूचना अब प्राइवेट अस्पतालों को भी देनी होगी.
  • महीने की 20 और 21 तारीख तक सीएमओ कार्यालय में आंकड़े उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा.
  • सभी अस्पतालों को अस्पताल में हुए गर्भपात केस के आंकड़ों की जानकारी देनी होगी.
  • नसबंदी ,टीबी, टीकाकरण, चिकनगुनिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू आदि मरीजों की संख्या भी सीएमओ कार्यालय को बतानी होगी.
  • भारत सरकार के हेल्थ मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम पोर्टल पर सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों से डाटा अपलोड किया जाएगा.
  • स्वास्थ्य विभाग ने सम्बंधित अस्पतालों को आंकड़े नियमित रूप से उपलब्ध न कराने पर पंजीकरण निरस्त करने के सख्त आदेश दिए हैं.
  • स्वास्थ्य विभाग से जारी की गई इस एडवाइजरी से निजी अस्पताल संचालकों में हड़कम्प मचा है.

इसे भी पढ़ें:- बाराबंकी: कर्मचारी की पिटाई से नाराज महिला जिला अस्पताल के कर्मचारियों ने की हड़ताल

हर महीने की 20 और 21 तारीख तक सीएमओ कार्यालय में आंकड़े उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा. भारत सरकार के हेल्थ मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम पोर्टल पर सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों से दिया गया डाटा अपलोड होगा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले के सभी डिलीवरी पॉइंट चाहे वो प्राइवेट हो या सरकारी सभी का डाटा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा.
डॉ. रमेश चन्द्रा, सीएमओ, बाराबंकी

पहले निजी अस्पताल डाटा उपलब्ध नहीं कराते थे. जिसके चलते जन्म-मृत्यु का वास्तविक आंकड़ा नहीं मिल पाता था. सभी प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम को राष्ट्रीय स्वास्थ्य से जुड़े जैसे नसबंदी, टीबी, टीकाकरण के साथ साथ संचारी रोगों चिकनगुनिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू आदि मरीजों की संख्या भी सीएमओ कार्यालय को बतानी होगी.
डॉ. एसके जैन, निजी अस्पताल संचालक

Intro:बाराबंकी ,22 अगस्त । जन्म-मृत्यु के वास्तविक आंकड़ों का आकलन न हो पाने से शासन गम्भीर है ।स्वास्थ्य महकमे ने सभी प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को अपने यहाँ होने वाले प्रसव और मृत्यु के आंकड़े नियमित रूप से उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं । साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रम जैसे नसबंदी ,टीबी,टीकाकरण और संचारी रोगों के मरीजों की संख्या को भी बताने के निर्देश दिए है ।ऐसा न करने पर सम्बंधित अस्पतालों के पंजीकरण निरस्त करने की कार्यवाई किये जाने के सख्त आदेश है । स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई इस एडवाइजरी से निजी अस्पताल संचालकों में हड़कम्प मचा है ।


Body:वीओ - राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आंकड़ों में सुधार हेतु जन्म मृत्यु की सूचना अब प्राइवेट अस्पतालों को भी देनी होगी । हर महीने की 20 और 21 तारीख तक सीएमओ कार्यालय में आंकड़े उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा । भारत सरकार के हेल्थ मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम पोर्टल पर सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों द्वारा दिया गया डाटा अपलोड होगा । राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले के सभी डिलीवरी पॉइंट चाहे वो प्राइवेट हो या सरकारी सभी का डाटा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा । पहले निजी अस्पताल ये डाटा उपलब्ध नही कराते थे जिसके चलते जन्ममृत्यु का वास्तविक आंकड़ा नही मिल पाता था । यही नहीं सभी प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम को इसके अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रम जैसे नसबंदी ,टीबी, टीकाकरण के साथ साथ संचारी रोगों चिकनगुनिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू आदि मरीजों की संख्या भी सीएमओ कार्यालय को बतानी होगी । उनके अस्पतालों में गर्भपात के कितने केस हुए इसकी भी जानकारी देनी होगी । जिले में कुल 63 निजी अस्पताल और नर्सिंग होम्स पंजीकृत हैं । स्वास्थ्य महकमे द्वारा जारी की गई इस एडवाइजरी से जहां कुछ अस्पताल संचालकों ने इस कदम को राष्ट्रहित का मानते हुए स्वागत किया वहीं तमाम संचालकों में इसको लेकर हड़कम्प मचा है ।
बाईट - डॉ रमेश चन्द्रा , सीएमओ बाराबंकी
बाईट- डॉ एसके जैन , निजी अस्पताल संचालक


Conclusion:निश्चय ही देश के विकास के लिए कोई भी योजना बनाने के लिए जनसंख्या का सही आंकड़ा होना जरूरी है । सरकारी संस्थानों से तो जन्ममृत्यु का आंकड़ा उपलब्ध हो जाता था लेकिन प्राइवेट अस्पतालों से ये डेटा नही मिल पाता था ।
रिपोर्ट- अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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