बाराबंकी: स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम को अस्पताल में होने वाले प्रसव और मृत्यु के आंकड़े नियमित रूप से उपलब्ध कराने के आदेश दिए. इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रम जैसे नसबंदी, टीबी, टीकाकरण और संचारी रोगों के मरीजों की संख्या को भी बताने के निर्देश दिए हैं.
आंकड़े नहीं मिले तो अस्पताल का पंजीकरण होगा निरस्त-
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आंकड़ों में सुधार हेतु जन्म-मृत्यु की सूचना अब प्राइवेट अस्पतालों को भी देनी होगी.
- महीने की 20 और 21 तारीख तक सीएमओ कार्यालय में आंकड़े उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा.
- सभी अस्पतालों को अस्पताल में हुए गर्भपात केस के आंकड़ों की जानकारी देनी होगी.
- नसबंदी ,टीबी, टीकाकरण, चिकनगुनिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू आदि मरीजों की संख्या भी सीएमओ कार्यालय को बतानी होगी.
- भारत सरकार के हेल्थ मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम पोर्टल पर सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों से डाटा अपलोड किया जाएगा.
- स्वास्थ्य विभाग ने सम्बंधित अस्पतालों को आंकड़े नियमित रूप से उपलब्ध न कराने पर पंजीकरण निरस्त करने के सख्त आदेश दिए हैं.
- स्वास्थ्य विभाग से जारी की गई इस एडवाइजरी से निजी अस्पताल संचालकों में हड़कम्प मचा है.
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हर महीने की 20 और 21 तारीख तक सीएमओ कार्यालय में आंकड़े उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा. भारत सरकार के हेल्थ मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम पोर्टल पर सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों से दिया गया डाटा अपलोड होगा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले के सभी डिलीवरी पॉइंट चाहे वो प्राइवेट हो या सरकारी सभी का डाटा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा.
डॉ. रमेश चन्द्रा, सीएमओ, बाराबंकीपहले निजी अस्पताल डाटा उपलब्ध नहीं कराते थे. जिसके चलते जन्म-मृत्यु का वास्तविक आंकड़ा नहीं मिल पाता था. सभी प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम को राष्ट्रीय स्वास्थ्य से जुड़े जैसे नसबंदी, टीबी, टीकाकरण के साथ साथ संचारी रोगों चिकनगुनिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू आदि मरीजों की संख्या भी सीएमओ कार्यालय को बतानी होगी.
डॉ. एसके जैन, निजी अस्पताल संचालक