बाराबंकीः लॉकडाउन के कारण गैर प्रान्तों में फंसे हुए लोगों को वापस लाने के लिए सरकार तमाम प्रयास कर रही है. बावजूद इसके अब भी लोग पैदल, साइकिल व स्कूटी आदि साधनों से अपने घरों के लिए निकल रहे है. जहां दो मजदूर मुम्बई से अपने मालिक की स्कूटी लेकर गोरखपुर के लिए निकल पड़े. हजारों किलोमीटर का सफर तय कर जब यह लोग जिले के बॉर्डर पर पहुंचे तो इन्हें समाजसेवियों ने भोजन पानी करवाया.

सरकारी कार्यालयों के काटे थे चक्कर
जिले के बॉर्डर पर पहुंचे दो मजदूर विजय कुमार और जय प्रकाश भांडुप में रहकर मेहनत मजदूरी करते थे. लॉकडाउन के कारण काम बंद हो गया, जिससे इन मजदूरों पर आर्थिक संकट मंडराने लगा. मजदूरों ने घर वापस आने के लिए सरकारी कार्यालयों के भी चक्कर काटे, लेकिन कोई हल न निकलने पर इन्होंने अपने सेठ से गुहार लाई. इसके बाद सेठ ने इन मजदूरों के लिए एक स्कूटी का प्रबंध किया.
स्कूटी खराब होने पर सैकड़ों किलोमीटर चले पैदल
शनिवार को मुम्बई से गोरखपुर के लिए निकले इन गरीब मजदूरों की स्कूटी मध्य प्रदेश में खराब हो गई थी, जिसके बाद इन्होंने सैकड़ों किलोमीटर पैदल ही स्कूटी को खींचा, जिससे इनके पैरों में छाले तक पड़ गए. जिले की सीमा पर पहुंचे इन मजदूरों के लिए कुछ समाजसेवियों ने खाने पीने की व्यवस्था की, जिसके बाद यह गोरखपुर के लिए रवाना हो गए.