बाराबंकी: लॉकडाउन के चलते काम बंद होने से दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर हर हाल में घर पहुंचना चाहते हैं. जिसे जो साधन मिल रहा है, उसी पर सवार हो जा रहा है. कुछ लोग तो ऐसे हैं, जिन्होंने अपना साधन खुद ही तैयार कर लिया है.
जगह-जगह रुककर खाना पकाकर खाते हुए अपने घरों को लौट रहे ये मजदूर बिहार के बेतिया और मोतिहारी जिले के रहने वाले हैं. कोरोना संकट ने इनकी रोजी-रोटी छीन ली. होली के बाद घर से रोजी-रोटी की तलाश में हरियाणा के सुंदरनगर गए इन मजदूरों ने आपस में चंदा लगाकर ये विशेष गाड़ी चार पैसे कमाने के लिए तैयार कराई थी. काम शुरू होता कि लॉकडाउन हो गया. लिहाजा काम बंद हो गया.
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घर वापसी के लिए रेल और बसों के लिए चक्कर लगाए, लेकिन कुछ न हुआ. मजबूरन ये लोग इसी गाड़ी से चल पड़े. कृष्णकुमार, विशम्भर, विशम्भर की पत्नी बेबी, अनमोल महतो और पुट्टनशाह दो दिन पहले हरियाणा के सिकन्दरपुर से चले थे. जगह-जगह रुकते हुए इन लोगों ने रविवार को बाराबंकी में पड़ाव किया और फिर खाना-पीना खाकर यहां से भी चल पड़े. इन्हें खुशी है कि इनकी ये विशेष गाड़ी उनके मुसीबत के समय काम आ गई.