बाराबंकीः जिले में 'मेयो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज' के 21 डॉक्टरों द्वारा एक साथ इस्तीफा देने की खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. जिसे लेकर इंस्टीट्यूट प्रशासन ने अपनी सफाई दी है. इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ. राहुल सिंह ने डॉक्टरों के इस्तीफे की खबर को गलत बताया है. साथ ही उन्होंने 'मेयो इंस्टीट्यूट' लगाए गए सभी आरोप का खंडन किया है.
डॉ. राहुल सिंह ने एक वीडियो संदेश जारी कर इस मुद्दे पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि दो डॉक्टरों ने 19 डॉक्टरों को भ्रमित किया है.इसमें से एक डॉक्टर की शिकायत मिल रही थी जिनको टर्मिनेट कर दिया गया था. इसके अलावा एक दूसरे डॉक्टर ने कोविड काल में रिजाइन दिया था. जिसे महामरी एक्ट के नियमों के तहत स्वीकार नहीं किया जा सकता.
इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर ने दी सफाई
बाराबंकी जिले में स्थित 'मेयो इंस्टीट्यूट' में एक साथ 21 डॉक्टरों के इस्तीफा देने का मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था. इस मामले पर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ. राहुल सिंह ने अपना बयान जारी किया है. डॉ. राहुल सिंह ने कहा कि दो डॉक्टरों ने 19 डॉक्टरों को भ्रमित किया है.
डॉ. राहुल सिंह ने कहा कि, एक डॉक्टर नीरज कुमार मिश्रा के खिलाफ कई बार शिकायतें मिली थीं. उनको कई बार समझाया भी गया लेकिन वो हमेशा देर से आते थे. इसके अलावा डॉ. नीरज कुमार मिश्रा कई दूसरे अस्पतालों में भी काम करते थे और इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स को पढ़ाने में भी लापरवाही करते थे.
कई बार समझाने के बाद भी उन्होंने अपनी आदत नही बदली. इसलिए बीते गुरुवार को उन्हें बर्खास्त कर दिया गया. इसके अलावा दूसरे डॉ. राकेश शर्मा हैं, जिन्होंने कोरोना काल मे इस्तीफा दिया था. लेकिन महामरी एक्ट के प्रावधानों के तहत उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया. इसी बात को लेकर इन दोनों डॉक्टरों ने 19 और डॉक्टरों को भ्रमित करते हुए इस्तीफे की बात वायरल कर दी. इन दोनों डॉक्टरों ने जो आरोप इंस्टीट्यूट प्रबंधन पर लगाये हैं वो पूरी तरह गलत हैं.
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