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बाराबंकी: इस महिला ग्राम प्रधान ने खोला साइकिल बैंक ताकि लड़कियों की पढ़ाई न छूटे - girl education

यूपी के बाराबंकी में ग्राम प्रधान प्रकाशिनी जायसवाल गांव की बच्चियों को आत्मनिर्भर बनना सिखा रही हैं. बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कंप्यूटर की शिक्षा और ई-रिक्शा चलाने की ट्रेनिंग भी दिलाई जा रही है.

लड़कियों को जागरुक करती ग्राम प्रधान
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Published : Aug 14, 2019, 9:13 PM IST

बाराबंकी: जिले में चंदवारा गांव की ग्राम प्रधान प्रकाशिनी जायसवाल गांव की बच्चियों को आत्मनिर्भर बनना सिखा रही हैं. बच्चियों को कंप्यूटर ट्रेनिंग से लेकर आत्मरक्षा और कौशल विकास के तमाम आयाम से जोड़ रही है. बिना डरे अपने मुकाम पर पहुंचने के लिए बेटियों का सेल्फ कॉन्फिडेंस डिवेलप और उन्हें मोटिवेट करने का भी काम कर रही हैं. आजादी के 73 वें वर्षगांठ पर ऐसी ओजस्वी और तेजस्वी महिला ग्राम प्रधान को स्वयं प्रधानमंत्री भी सम्मानित कर चुके हैं.

लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने में ग्राम प्रधान की अच्छी पहल

लड़कियों को आगे बढ़ाने में ग्राम प्रधान प्रकाशिनी जायसवाल का अहम योगदान:

  • चंदवारा गांव की ग्राम प्रधान महिला होते हुए गांव की बच्चियों के लिए दर्द को समझा.
  • बच्चियों के लिए ऐसी तमाम व्यवस्थाएं की जिनसे वो आत्मनिर्भर बना सकें.
  • सुरक्षा के नजरिए को मद्देनजर रखकर गांव में सीसीटीवी कैमरा लगवाया.
  • आत्मनिर्भर बनाने के लिए कंप्यूटर की शिक्षा और ई -रिक्शा चलाने की ट्रेनिंग दिलाई.
  • जो लड़कियां पढ़ाई पूरी कर और बाहर कॉलेज जाने में दिक्कतों का सामना कर रही हैं, उनके लिए साइकिल बैंक बनाया है.
  • लड़कियां घर पर पढ़ाई कर सकें इसलिए उन्होंने सभी बच्चों के लिए वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई है.

बच्चों का मानसिक विकास होने के साथ-साथ शारीरिक विकास भी हो सके, इसके निमित्त पार्क का निर्माण भी कराया. गांव में स्वच्छता बनी रहे इसलिए जगह-जगह जागरूकता बोर्ड लगवाने का भी काम किया है. खुले में शौच मुक्त करने के लिए उन्होंने कैमरे से निगरानी रखी, और सभी को जागरूक किया है. ग्राम प्रधान के इस सराहनीय कार्य से बच्चियों में बेहद उत्साह है और उन्हें आजादी के सही स्वरूप के दर्शन हो रहे हैं.

बाराबंकी: जिले में चंदवारा गांव की ग्राम प्रधान प्रकाशिनी जायसवाल गांव की बच्चियों को आत्मनिर्भर बनना सिखा रही हैं. बच्चियों को कंप्यूटर ट्रेनिंग से लेकर आत्मरक्षा और कौशल विकास के तमाम आयाम से जोड़ रही है. बिना डरे अपने मुकाम पर पहुंचने के लिए बेटियों का सेल्फ कॉन्फिडेंस डिवेलप और उन्हें मोटिवेट करने का भी काम कर रही हैं. आजादी के 73 वें वर्षगांठ पर ऐसी ओजस्वी और तेजस्वी महिला ग्राम प्रधान को स्वयं प्रधानमंत्री भी सम्मानित कर चुके हैं.

लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने में ग्राम प्रधान की अच्छी पहल

लड़कियों को आगे बढ़ाने में ग्राम प्रधान प्रकाशिनी जायसवाल का अहम योगदान:

  • चंदवारा गांव की ग्राम प्रधान महिला होते हुए गांव की बच्चियों के लिए दर्द को समझा.
  • बच्चियों के लिए ऐसी तमाम व्यवस्थाएं की जिनसे वो आत्मनिर्भर बना सकें.
  • सुरक्षा के नजरिए को मद्देनजर रखकर गांव में सीसीटीवी कैमरा लगवाया.
  • आत्मनिर्भर बनाने के लिए कंप्यूटर की शिक्षा और ई -रिक्शा चलाने की ट्रेनिंग दिलाई.
  • जो लड़कियां पढ़ाई पूरी कर और बाहर कॉलेज जाने में दिक्कतों का सामना कर रही हैं, उनके लिए साइकिल बैंक बनाया है.
  • लड़कियां घर पर पढ़ाई कर सकें इसलिए उन्होंने सभी बच्चों के लिए वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई है.

बच्चों का मानसिक विकास होने के साथ-साथ शारीरिक विकास भी हो सके, इसके निमित्त पार्क का निर्माण भी कराया. गांव में स्वच्छता बनी रहे इसलिए जगह-जगह जागरूकता बोर्ड लगवाने का भी काम किया है. खुले में शौच मुक्त करने के लिए उन्होंने कैमरे से निगरानी रखी, और सभी को जागरूक किया है. ग्राम प्रधान के इस सराहनीय कार्य से बच्चियों में बेहद उत्साह है और उन्हें आजादी के सही स्वरूप के दर्शन हो रहे हैं.

Intro: बाराबंकी 14 अगस्त । आजादी के असल मायने हैं आत्मनिर्भर होना, इसी प्रेरणा के साथ चंदवारा की ग्राम प्रधान प्रकाशिनी जायसवाल गांव की बच्चियों को बना रही है स्वयं पर निर्भर. बच्चियों को कंप्यूटर ट्रेनिंग से लेकर आत्मरक्षा एवं कौशल विकास के तमाम आयाम से जोड़ रही है. बेटियां पढ़ेंगी तभी बढ़ेंगी और समाज देश का नाम रोशन करेंगी. बिना डरे अपने मुकाम पर पहुंचने के लिए , बेटियों का सेल्फ कॉन्फिडेंस डिवेलप करने और उन्हें मोटिवेट करने का भी काम कर रही हैं. आजादी के 73 वें वर्षगांठ पर ऐसी ओजस्वी और तेजस्वी महिला ग्राम प्रधान को स्वयं प्रधानमंत्री भी सम्मानित कर चुके हैं, ईटीवी भारत का सलाम.


Body:बाराबंकी जिले के चंदवारा ग्राम सभा की ग्राम प्रधान प्रकाशिनी जायसवाल एक महिला होते हुए, उन्होंने गांव की बच्चियों के लिए दर्द को समझा ,और उनके लिए तमाम ऐसी व्यवस्थाएं की जिनसे वह अपने आप को आत्मनिर्भर बना सकें.
सुरक्षा के नजरिए से गांव में जहां सीसीटीवी लगवाई , वहीं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कंप्यूटर की शिक्षा दी,और ई -रिक्शा चलाने की ट्रेनिंग भी दिलाई. गांव की बच्चियां जो स्कूलों की पढ़ाई पूरी कर चुकी थी, और बाहर कॉलेज की पढ़ाई करने जाने के लिए दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था , उनके लिए साइकिल बैंक बनाया . घर पर पढ़ाई कर सकें इसलिए उन्होंने सभी बच्चों के लिए वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई. बच्चों का मानसिक विकास होने के साथ-साथ शारीरिक विकास भी हो सके, इसके निमित्त पार्क का निर्माण भी कराया.
गांव में स्वच्छता बनी रहे इसके लिए निगरानी करना तथा, जगह-जगह जागरूकता के लिहाज से बोर्ड लगवाने का भी काम किया.
खुले में शौच मुक्त करने के लिए उन्होंने कैमरे से निगरानी रखी, और सभी को जागरूक किया . अब लोग जागरूक और व्यवस्थित हो गए हैं. जिसके कारण उनके मन में गांव को स्वच्छ रखने का भाव भी पैदा हो गया है. ग्राम प्रधान के इस सराहनीय कार्य से बच्चियों में बेहद उत्साह है ,और उन्हें आजादी के सही स्वरूप के अब दर्शन हो रहे हैं.
ऐसी महिला ग्राम प्रधान जिन्हें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सम्मानित किया. वास्तव में ऐसे लोग आजादी के असल मायनों को सिद्ध करने वाले हैं. ऐसे लोगों को इस आजादी के 73वें वर्ष पर ईटीवी भारत सलाम करता है.


Conclusion:सचमुच ऐसे जनप्रतिनिधि और बेहतर सोच रखने वाले ही राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे सकते हैं और दे भी रहे हैं. आज के इस दौर में जब लोग बेहतर करियर और ज्यादा पैसा कमाने के लिए तमाम चीजों को पीछे छोड़ देते हैं . वहीं इस प्रकार की सोच एक जनप्रतिनिधि के नाते रखना कि गांवों की बच्ची और गांव के विकास के लिए कार्य करना है. वास्तव में दिल को छू जाता है, और लोकतंत्र के इस व्यवस्था पर विश्वास अटूट हो जाता है.


bite -

1- छाया देवी ,छात्रा ,,ग्राम चंदवारा बाराबंकी

2- दीपमाला यादव, छात्रा, ग्राम चंदवारा बाराबंकी

3- निशी जायसवाल, छात्रा, ग्राम चंदवारा बाराबंकी

4- प्रकाशिनी जयसवाल ,ग्राम प्रधान ,चंदवारा , बाराबंकी



रिपोर्ट-  आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर बाराबंकी, 96284 76907
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