बाराबंकी: दो अलग-अलग अदालतों में माफिया मुख्तार अंसारी के दो मामलों में बुधवार को सुनवाई हुई. गैंगेस्टर मामले में अपर सत्र न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट में जहां अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए एक गवाह की गवाही हुई. वहीं, एसीजेएम एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहे चर्चित एम्बुलेंस मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा गवाही के लिए हाजिर हुए गवाह को डिस्चार्ज कर दिया गया. इस दौरान बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी और दो अलग-अलग जेलों में बंद दो अन्य आरोपियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी हुई. चार आरोपी कोर्ट में हाजिर हुए, जबकि बाकी के आरोपियों की ओर से हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र दिया गया था. कोर्ट ने दोनों मामलों में अगली सुनवाई के लिए 4 जनवरी की तारीख नियत की है.
मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि बुधवार को मुख्तार अंसारी के दो मामलों की सुनवाई हुई. अपर सत्र न्यायाधीश विशेष कोर्ट एमपी एमएलए कमलकांत श्रीवास्तव की अदालत में गैंगेस्टर मामले की सुनवाई हुई. इस मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा गवाह ब्रजेश सिंह को पेश किया गया. इसके बयान के बाद आरोपियों के अधिवक्ताओं की ओर से जिरह की गई. मामले में अगली गवाही एफआईआर लेखक की होनी है.
एम्बुलेंस प्रकरण का दूसरा मामला एसीजेएम कोर्ट विपिन यादव की अदालत में चल रहा है. सरकार बनाम डॉ अलका रॉय के इस मुकदमे में मुख्तार अंसारी सहित 13 आरोपी हैं. बुधवार को मामले में अभियोजन द्वारा गवाही के लिए उपस्थित हुए एक गवाह मोबीन को डिस्चार्ज कर दिया गया. मामले में अगले गवाह के लिए 4 जनवरी की तारीख नियत की गई है. मामले की सुनवाई के दौरान बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी और इसी मामले के आरोपी जफर उर्फ चंदा की संतकबीरनगर और अफरोज चुन्नू की गाजीपुर जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई. मामले के बाकी आरोपियों में से डॉ अलका रॉय, डॉ शेषनाथ रॉय, आनंद यादव और राजनाथ कोर्ट में उपस्थित हुए. बाकी के आरोपियों की ओर से हाजिरी माफी दी गई थी. दोनों मामलों में अब अगली सुनवाई 4 जनवरी को होगी.
जानिए क्या है एम्बुलेंस मामला
31 मार्च 2021 को बाराबंकी की एम्बुलेंस उस वक्त चर्चा में आई, जब पंजाब के रोपण जेल से मोहाली कोर्ट जाने में इसका प्रयोग मुख्तार अंसारी ने किया था. इस एंबुलेंस पर बाराबंकी जिले का नंबर था. इसके बाद बाराबंकी परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया था. छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि फर्जी दस्तावेज के सहारे वर्ष 2013 में एम्बुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग ने जब इस एम्बुलेंस की पड़ताल की तो पता चला कि इसका रिन्यूअल ही नहीं कराया गया था. कागजात खंगाले गए तो ये डॉ. अलका राय की फर्जी वोटर आईडी से पंजीकृत पाई गई.
इस मामले में मऊ जिले की डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में 2 अप्रैल 2021 को धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120बी, 177, 506 आईपीसी और 7 क्रिमिनल लाॅ एमेंडमेंट एक्ट के तहत एआरटीओ प्रशासन द्वारा मुकदमा लिखाया गया था. बाद में छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए मुख्तार का नाम भी बढ़ाया गया था.
विवेचना के दौरान मामले में 13 आरोपी सामने आए. इनमें मुख्तार अंसारी, डॉ अलका राय, डॉ शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मोहम्मद जाफरी उर्फ शाहिद, आनंद यादव, मुहम्मद सुहैब मुजाहिद, अफरोज खां उर्फ चुन्नू, जफर उर्फ चंदा, सुरेंद्र शर्मा, सलीम, मोहम्मद शाहिद और फिरोज कुरैशी के नाम सामने आए और इन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था. मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद हैं. इस मामले में बाद में मुख्तार अंसारी सहित सभी 13 अभियुक्तों के विरुद्ध गैंगेस्टर की भी कार्रवाई की गई थी. इसका विचारण बाराबंकी की सेशन कोर्ट में चल रहा है.
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