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बहू को जलाकर मारने वाले ससुर को आजीवन कारावास, जानिए क्यों की थी हत्या - life imprisonment for father in law

बाराबंकी जिला न्यायालय ने विवाहिता के ऊपर मिट्टी का तेल डाल जलाकर हत्या कर देने के मामले में दोषी ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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Published : Aug 10, 2023, 10:40 PM IST

बाराबंकी: करीब 6 साल पहले एक महिला के ऊपर मिट्टी का तेल डाल जलाकर हत्या कर देने के मामले में अदालत ने दोषी ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसी के साथ 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-01 आनंद कुमार प्रथम ने सुनाया है. इसी मामले में दोषी एक और किशोरी को एक अगस्त को 10 साल कठोर कारावास और 5 हजार रुपए पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है.

अभियोजक अधिकारी सुनील कुमार दुबे ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि ग्राम धनौली निवासी छोटका पत्नी आशाराम ने 4 अप्रैल 2017 में थाना हैदरगढ़ में तहरीर दी थी. जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी चमेला की शादी लगभग 20 साल पहले दांदूपुर गांव निवासी उदयराज पुत्र भवानी के साथ की थी. इसके बाद दामाद उदयराज का जनकरानी नाम की महिला के साथ अवैध संबंध हो गया और साथ रहने लगे. जनकरानी उदयराज के साथ मिलकर भवानी प्रसाद की जमीन बेचवाकर रुपए लेना चाहते थे. इसका उसकी बेटी चमेला विरोध कर रही थी. जिसकी वजह से 4 अप्रैल 2017 को सभी ने चमेला को कमरे में बंदकर पेट्रोल डाल जलाकर दिया. वहीं, अस्पताल में भर्ती चमेला ने पुलिस को बयान देते हुए बताया था कि उसके ससुर भवानी, सौतन जनकरानी और उसकी भतीजी आरती ने मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी. हैदरगढ़ पुलिस ने चमेला की मां की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया था.

पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू की और फॉरेंसिक टीम ने घटना स्थल से साक्ष्य लिए. जिसके आधार पर पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. अभियोजन ने मामले में ठोस गवाह पेश किए. विचारण के दौरान अभियुक्ता जनकरानी की मौत हो गई.

दोनों पक्षो के गवाहों की गवाही और बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर-01 आनंद कुमार प्रथम ने गुरुवार को अभियुक्त भवानी प्रसद को दोषी पाते हुए उसे आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. वहीं, चमेला के मृत्युकालीन कथन के मुताबिक पति उदयराज घटना के वक्त घर पर नहीं था. इसीलिए कोर्ट ने उसे दोषमुक्त कर दिया. वहीं, किशोरी आरती का मुकदमा किशोर न्यायालय में विचारण हुआ. जिसमें 1 अगस्त को कोर्ट नम्बर-44 ने आरती को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी.

यह भी पढ़ें: Ambulance Case: मुख्तार अंसारी पर गैंगेस्टर एक्ट लगेगा या हटेगा, 5 जून को आएगा फैसला

बाराबंकी: करीब 6 साल पहले एक महिला के ऊपर मिट्टी का तेल डाल जलाकर हत्या कर देने के मामले में अदालत ने दोषी ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसी के साथ 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-01 आनंद कुमार प्रथम ने सुनाया है. इसी मामले में दोषी एक और किशोरी को एक अगस्त को 10 साल कठोर कारावास और 5 हजार रुपए पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है.

अभियोजक अधिकारी सुनील कुमार दुबे ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि ग्राम धनौली निवासी छोटका पत्नी आशाराम ने 4 अप्रैल 2017 में थाना हैदरगढ़ में तहरीर दी थी. जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी चमेला की शादी लगभग 20 साल पहले दांदूपुर गांव निवासी उदयराज पुत्र भवानी के साथ की थी. इसके बाद दामाद उदयराज का जनकरानी नाम की महिला के साथ अवैध संबंध हो गया और साथ रहने लगे. जनकरानी उदयराज के साथ मिलकर भवानी प्रसाद की जमीन बेचवाकर रुपए लेना चाहते थे. इसका उसकी बेटी चमेला विरोध कर रही थी. जिसकी वजह से 4 अप्रैल 2017 को सभी ने चमेला को कमरे में बंदकर पेट्रोल डाल जलाकर दिया. वहीं, अस्पताल में भर्ती चमेला ने पुलिस को बयान देते हुए बताया था कि उसके ससुर भवानी, सौतन जनकरानी और उसकी भतीजी आरती ने मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी. हैदरगढ़ पुलिस ने चमेला की मां की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया था.

पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू की और फॉरेंसिक टीम ने घटना स्थल से साक्ष्य लिए. जिसके आधार पर पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. अभियोजन ने मामले में ठोस गवाह पेश किए. विचारण के दौरान अभियुक्ता जनकरानी की मौत हो गई.

दोनों पक्षो के गवाहों की गवाही और बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर-01 आनंद कुमार प्रथम ने गुरुवार को अभियुक्त भवानी प्रसद को दोषी पाते हुए उसे आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. वहीं, चमेला के मृत्युकालीन कथन के मुताबिक पति उदयराज घटना के वक्त घर पर नहीं था. इसीलिए कोर्ट ने उसे दोषमुक्त कर दिया. वहीं, किशोरी आरती का मुकदमा किशोर न्यायालय में विचारण हुआ. जिसमें 1 अगस्त को कोर्ट नम्बर-44 ने आरती को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी.

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