बाराबंकी: 16 साल पहले हुई युवक की हत्या मामले में जिला अदालत ने दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्तों को तीन -तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. अर्थदंड के रूप में वसूल होने वाली कुल धनराशि 50 हजार रुपये को क्षतिपूर्ति स्वरूप मृतक की जीवित संतानों में बराबर-बराबर देने का भी आदेश दिया गया है. ये फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट श्रीमती अनुपमा गोपाल निगम ने सुनाया.
यह था मामला
अभियोजन कथानक के मुताबिक, 25 अक्टूबर 2004 को कस्बा व थाना रुदौली जिला बाराबंकी निवासी मोहम्मद रिजवान ने तहरीर दी थी कि उसकी बहन रुखसाना और बहनोई मो. सगीर जो उसके घर के पास ही रहते हैं. रोज की तरह उसके बहनोई सगीर 25 अक्टूबर की शाम को ईशा की नमाज पढ़ने दरगाह की मस्जिद को गए थे. रोज साढ़े आठ बजे तक लौट आते थे, लेकिन उस दिन जब वो नहीं लौटे तो उनकी खोजबीन शुरू की गई. बाद में पता चला कि सिधौना नहर पुल के पास उसके बहनोई सगीर का शव खून से लथपथ पड़ा हुआ था.
सौतेली मां और बेटे को किया गया नामजद
इस मामले में मो. रिजवान ने अपनी बहन रुखसाना के बताने पर अपने बहनोई सगीर की सौतेली मां गप्पो और उसके बेटे गुड्डू पर सम्पत्ति के लिए हत्या कराने की तहरीर दी थी.
तफ्तीश में निकले चौंकाने वाले तथ्य
मामले की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. अभियोजन के मुताबिक, पुलिस ने जांच में पाया कि सगीर की पत्नी रुखसाना ने खुद ही अपने पति की हत्या कराई है. रुखसाना के सम्बंध इमरान से हो गए थे, जिसके चलते इमरान ने सगीर को रास्ते से हटा दिया. पुलिस ने इस मामले में पत्नी रुखसाना, सगीर के दोस्त इमरान और इमरान के दोस्त तेजराम उर्फ तज्जु गोडिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.
रुखसाना के खिलाफ नहीं मिले साक्ष्य
इस मामले में अभियुक्तों के पक्ष के गवाह पक्षद्रोही हो गए. सौतेली मां गप्पो और उसके बच्चों की गवाही कमजोर साबित हुई, क्योंकि बचाव पक्ष ने कहा कि सौतेली मां और उसका बेटा एफआईआर में नामजद हैं. खुद को बचाने के लिए और सौतेले होने के कारण रुखसाना को फंसाना चाहते हैं.
पकड़ा गया रुखसाना का झूठ
अभियुक्त रुखसाना ने अपने बयान में कहा कि उसके मृतक सगीर से 3 बच्चे हैं और उसने हत्या के बाद निकाह नहीं किया है. इसकी पुष्टि के लिए अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अमित कुमार ने थाने से गोपनीय ढंग से रिपोर्ट मंगाई तो पुलिस ने छानबीन कर बताया कि रुखसाना की चौथी बच्ची है, जो अभियुक्त इमरान से है.
इमरान और तेजराम दोषी करार
अभियोजन द्वारा कोर्ट में ये साक्ष्य पेश किए जाने पर रुखसाना और इमरान ने सम्बन्ध होना स्वीकार कर लिया. इस मामले में रुखसाना के खिलाफ हत्या कराने के साक्ष्य साबित न होने पर अदालत ने उसे दोषमुक्त कर दिया, जबकि इमरान और तेजराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
पति की हत्या में प्रेमी और उसके दोस्त को आजीवन कारावास - barabanki crime news
यूपी के बाराबंकी की एक अदालत ने 16 साल पहले हुई युवक की हत्या के मामले में दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्तों को तीन-तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
बाराबंकी: 16 साल पहले हुई युवक की हत्या मामले में जिला अदालत ने दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्तों को तीन -तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. अर्थदंड के रूप में वसूल होने वाली कुल धनराशि 50 हजार रुपये को क्षतिपूर्ति स्वरूप मृतक की जीवित संतानों में बराबर-बराबर देने का भी आदेश दिया गया है. ये फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट श्रीमती अनुपमा गोपाल निगम ने सुनाया.
यह था मामला
अभियोजन कथानक के मुताबिक, 25 अक्टूबर 2004 को कस्बा व थाना रुदौली जिला बाराबंकी निवासी मोहम्मद रिजवान ने तहरीर दी थी कि उसकी बहन रुखसाना और बहनोई मो. सगीर जो उसके घर के पास ही रहते हैं. रोज की तरह उसके बहनोई सगीर 25 अक्टूबर की शाम को ईशा की नमाज पढ़ने दरगाह की मस्जिद को गए थे. रोज साढ़े आठ बजे तक लौट आते थे, लेकिन उस दिन जब वो नहीं लौटे तो उनकी खोजबीन शुरू की गई. बाद में पता चला कि सिधौना नहर पुल के पास उसके बहनोई सगीर का शव खून से लथपथ पड़ा हुआ था.
सौतेली मां और बेटे को किया गया नामजद
इस मामले में मो. रिजवान ने अपनी बहन रुखसाना के बताने पर अपने बहनोई सगीर की सौतेली मां गप्पो और उसके बेटे गुड्डू पर सम्पत्ति के लिए हत्या कराने की तहरीर दी थी.
तफ्तीश में निकले चौंकाने वाले तथ्य
मामले की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. अभियोजन के मुताबिक, पुलिस ने जांच में पाया कि सगीर की पत्नी रुखसाना ने खुद ही अपने पति की हत्या कराई है. रुखसाना के सम्बंध इमरान से हो गए थे, जिसके चलते इमरान ने सगीर को रास्ते से हटा दिया. पुलिस ने इस मामले में पत्नी रुखसाना, सगीर के दोस्त इमरान और इमरान के दोस्त तेजराम उर्फ तज्जु गोडिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.
रुखसाना के खिलाफ नहीं मिले साक्ष्य
इस मामले में अभियुक्तों के पक्ष के गवाह पक्षद्रोही हो गए. सौतेली मां गप्पो और उसके बच्चों की गवाही कमजोर साबित हुई, क्योंकि बचाव पक्ष ने कहा कि सौतेली मां और उसका बेटा एफआईआर में नामजद हैं. खुद को बचाने के लिए और सौतेले होने के कारण रुखसाना को फंसाना चाहते हैं.
पकड़ा गया रुखसाना का झूठ
अभियुक्त रुखसाना ने अपने बयान में कहा कि उसके मृतक सगीर से 3 बच्चे हैं और उसने हत्या के बाद निकाह नहीं किया है. इसकी पुष्टि के लिए अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अमित कुमार ने थाने से गोपनीय ढंग से रिपोर्ट मंगाई तो पुलिस ने छानबीन कर बताया कि रुखसाना की चौथी बच्ची है, जो अभियुक्त इमरान से है.
इमरान और तेजराम दोषी करार
अभियोजन द्वारा कोर्ट में ये साक्ष्य पेश किए जाने पर रुखसाना और इमरान ने सम्बन्ध होना स्वीकार कर लिया. इस मामले में रुखसाना के खिलाफ हत्या कराने के साक्ष्य साबित न होने पर अदालत ने उसे दोषमुक्त कर दिया, जबकि इमरान और तेजराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.