ETV Bharat / state

बाराबंकीः सावन के महीने में बुढ़वा बाबा महादेव मंदिर की बढ़ जाती है महिमा - बम बम भोले

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में स्थित बुढ़वा बाबा महादेव के प्रति भक्तों की अटूट आस्था है. भक्तों की समस्याओं का निराकरण भोलेनाथ करते हैं. इसके एक नहीं तमाम किस्से हैं. जिन्हें सुनकर लोगों में बाबा के प्रति लोगों में अटूट विश्वास पैदा होता है.

बुढ़वा बाबा मंदिर का इतिहास.
author img

By

Published : Jul 29, 2019, 9:53 AM IST

बाराबंकीः भिटरिया दरियाबाद मार्ग किनारे ताशी पुर गांव में स्थित कल्याणी नदी के तट पर बुढ़वा बाबा महादेव का प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर पर हर दिन श्रद्धालु आते हैं. सावन माह में जलाभिषेक का विशेष महत्व है. कल्याणी नदी में स्नान कर के गीले वस्त्रों में जलाभिषेक करते हैं.

बुढ़वा बाबा मंदिर का इतिहास.


मंदिर का है इतिहास पुरानाः

  • बुढ़वा बाबा महादेव मंदिर सावन में सुबह 4:00 बजे से ही कपाट खुल जाता है.
  • भगवान सत्यनारायण की कथा भी मंदिर परिसर में सुनते हैं और भंडारा भी आयोजित करते हैं.
  • बताया जाता है कि करीब डेढ़ सौ साल पुराना है मंदिर का इतिहास.
  • शिव कैलाश द्विवेदी के पूर्वज जो शिव भक्त थे, उन्होंने स्वप्न में देखा था कि कल्याणी नदी के तट पर शिवलिंग है.
  • खेत की खुदाई के दौरान मिले शिवलिंग के ऊपर का सिर कटा हुआ है.
  • अंग्रेजों ने शिवलिंग तोड़ने की कोशिश की थी पर सफल नहीं हो सके.

बाराबंकीः भिटरिया दरियाबाद मार्ग किनारे ताशी पुर गांव में स्थित कल्याणी नदी के तट पर बुढ़वा बाबा महादेव का प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर पर हर दिन श्रद्धालु आते हैं. सावन माह में जलाभिषेक का विशेष महत्व है. कल्याणी नदी में स्नान कर के गीले वस्त्रों में जलाभिषेक करते हैं.

बुढ़वा बाबा मंदिर का इतिहास.


मंदिर का है इतिहास पुरानाः

  • बुढ़वा बाबा महादेव मंदिर सावन में सुबह 4:00 बजे से ही कपाट खुल जाता है.
  • भगवान सत्यनारायण की कथा भी मंदिर परिसर में सुनते हैं और भंडारा भी आयोजित करते हैं.
  • बताया जाता है कि करीब डेढ़ सौ साल पुराना है मंदिर का इतिहास.
  • शिव कैलाश द्विवेदी के पूर्वज जो शिव भक्त थे, उन्होंने स्वप्न में देखा था कि कल्याणी नदी के तट पर शिवलिंग है.
  • खेत की खुदाई के दौरान मिले शिवलिंग के ऊपर का सिर कटा हुआ है.
  • अंग्रेजों ने शिवलिंग तोड़ने की कोशिश की थी पर सफल नहीं हो सके.
Intro:बाराबंकी .रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्र के ताशी पुर गांव के पास कल्याणी नदी के किनारे स्थित बुढ़वा बाबा शिवलिंग महाभारत कालीन शिवलिंग है.
बताया जाता है .कि करीब डेढ़ सौ साल पहले ग्राम रायपुर राय साहब निवासी शिव कैलाश द्विवेदी के पूर्वज जो शिव भक्त थे उन्होंने स्वप्न में देखा था कि कल्याणी के तट पर शिवलिंग है. उन्होंने सुबह ग्रामीणों के साथ मिलकर नदी के किनारे खेत में खुदाई की तो शिवलिंग दिखाई पड़ा उसे वहीं पर स्थापित कर पूजा-अर्चना शुरू कर दी गई मंदिर भी बन गया शिवलिंग के ऊपर का सिर कटा हुआ है जिसके बारे में कहा जाता है. कि एक बार अंग्रेजों ने शिवलिंग तोड़ने की कोशिश की थी पर सफल नहीं हो सके ग्रामीणों ने बुढवा बाबा मंदिर समिति का गठन कर 7 साल पहले मंदिर का उद्धार कराया है.



Body:भिटरिया दरियाबाद मार्ग किनारे ताशी पुर गांव में स्थित कल्याणी नदी के तट पर बुढ़वा बाबा मंदिर महादेव का प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर पर हर दिन श्रद्धालु आते हैं. सावन माह में जलाअभिषेक का विशेष महत्व है.
सावन माह के प्रत्येक सोमवार को यहां दूरदराज के श्रद्धालु आते हैं .रुद्रा अभिषेक व जलाअभिषेक के साथ ही भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए अनुष्ठान करते हैं. पैदल व लेटकर भी भक्तगण मंदिर पर पहुंचते हैं .कल्याणी नदी में स्नान कर के गीले वस्त्रों में भी जलाभिषेक करते हैं.



Conclusion:बुढ़वा बाबा महादेव मंदिर सावन भर सुबह 4:00 बजे से ही कपाट खुल जाता है . और शाम को 8:30 बजे आरती होती है. सावन माह के सभी दिनों में यहां रुद्राभिषेक के आयोजन भी होते है. सोमवार को भक्तजन ओम नमः शिवाय का पाठ भगवान सत्यनारायण की कथा भी मंदिर परिसर में सुनते हैं और भंडारा भी आयोजित करते हैं.
मंदिर के पुजारी अरविंद गोस्वामी बताते हैं. कि बुढ़वा बाबा महादेव भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं. भक्तों में बाबा के प्रति अटूट आस्था है. भक्तों की समस्याओं का निराकरण भोलेनाथ करते हैं. इसके एक नहीं तमाम किस्से हैं. जिन्हें सुन अटूट विश्वास पैदा होता है.

वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता इंद्र प्रताप सिंह बताते हैं कि यह शिवलिंग महाभारत कालीन है .


बाइट. मंदिर पुजारी अरविंद गोस्वामी।

बाइक .भाजपा के वरिष्ठ नेता इंद्र प्रताप सिंह.


ईटीवी भारत के लिए दरियाबाद विधानसभा से लक्ष्मण तिवारी 97 9421 7543 बाराबंकी उत्तर प्रदेश
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.