बाराबंकी: जिले में शुक्रवार को महाप्रबंधक ने बाराबंकी रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने इंजीनियरिंग शाखा द्वारा प्रदर्शित की गई स्मॉल ट्रैक मशीनों, वेल्डिंग मशीनों और अल्ट्रासोनिक फ्लो डिडक्शन मशीनों का निरीक्षण किया. काम से प्रभावित होकर महाप्रबंधक ने इंजीनियर को 50 हजार रुपये पुरस्कार के रूप में दिया. रेलवे ट्रैक मशीन डिपो के इंजीनियर्स की तैयार की गई 10 मशीनें अपने आप में अनोखी हैं. अब तक किसी भी जोन की तरफ से तैयार की गई यह पहली मशीनें हैं, जो खराब हो जाने पर रेलवे ट्रैक को तुरंत दुरुस्त कर देंगी.
इंजीनियरिंग शाखा ने किया नवाचार
रेलवे ट्रैक दुरुस्त करने के दौरान भारी-भरकम मशीनों का प्रयोग किया जाता था. ट्रैक खराब होने पर मशीनों को वहां तक ले जाना मुश्किल भरा काम था. इंजीनियरों ने अपनी मेहनत और लगन से दस नई मशीनें बना डालीं. ये मशीनें न केवल आसान और हल्की हैं, बल्कि इनके प्रयोग से खर्च भी कम आता है. रेलवे ट्रैक खराब होने वाले स्थान पर आसानी से ले जाया भी जा सकता है.
पैडल बेस्ड बनाई ट्रॉली
रेलवे ट्रैक पर चलने वाली ट्रॉली को दो ट्रैक मैन धक्का देकर चलाते थे. इंजीनियरिंग शाखा ने इस परेशानी को महसूस किया और उन्होंने पैडल ऑपरेटेड कोविड ट्रॉली बना डाली. अब इस ट्रॉली को साइकिल की तरह पैडल से चलाया जा सकेगा.
महाप्रबंधक ने किया पुरस्कृत
उत्तर रेलवे महाप्रबंधक आशुतोष गंगल इन मशीनों को देख काफी प्रभावित हुए. उत्तर रेलवे के इन इंजीनियरिंग शाखा के अलावा किसी भी रेलखंड ने ऐसी मशीनें अब तक तैयार नहीं की हैं. इसे देखते हुए महाप्रबंधक ने शाखा को 50 हजार रुपये देकर पुरस्कृत किया. पुरस्कार पाकर इंजीनियरिंग शाखा के कर्मचारियों में जबरदस्त उत्साह है.