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बाराबंकी: कटे होंठ और तालू वाले बच्चों का नि:शुल्क किया जाएगा इलाज, स्वास्थ्य विभाग करेगा सहयोग - lucknow sips hospital

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में कटे होंठ और तालू वाले बच्चों का नि:शुल्क इलाज किया जाएगा. जन्मजात बीमारी से पीड़ित बच्चों का इलाज लखनऊ के सिप्स अस्पताल में किया जाएगा. जिसके लिए 58 बच्चों का परीक्षण किया गया है.

कटे होंठ और तालू पीड़ित बच्चे.
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Published : Nov 20, 2019, 12:07 PM IST

बाराबंकी: जिले में जल्द ही कटे होंठ और तालू वाले बच्चों के चेहरों पर मुस्कान नजर आएगी. लखनऊ के सिप्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में इन बच्चों की नि:शुल्क सर्जरी की जाएगी. मंगलवार को लखनऊ से आए विशेषज्ञों ने ऐसे 58 बच्चों का परीक्षण कर उनके इलाज का करने का निर्णय लिया.

कटे होंठ और तालू वाले बच्चों का नि:शुल्क किया जाएगा इलाज.

नि:शुल्क किया जाएगा इलाज

  • जन्म से होने वाली इस बीमारी के बहुत सारे कारण हैं.
  • डॉक्टरों के मुताबिक सात सौ बच्चों में एक बच्चे का होंठ कटा पाया जाता है.
  • डॉक्टर ने बताया कि एक हजार बच्चों में से एक बच्चे के होंठ और तालू दोनों कटे हो सकते हैं.
  • जिला महिला अस्पताल में कैम्प लगाकर ऐसे बच्चों का परीक्षण किया गया.
  • लखनऊ के सिप्स हॉस्पिटल से आई विशेषज्ञों की टीम ने ऑपरेशन के लिए 58 बच्चों का चयन किया.
  • चयनित बच्चों में से 15 बच्चों को टीम अस्पताल ले गई.
  • शेष बचे बच्चों का अगले हफ्ते ऑपरेशन किया जाएगा.
  • स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से गरीब बच्चों का नि:शुल्क इलाज किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: सिविल अस्पताल में संविदा कर्मचारियों के हटाए जाने से व्यवस्था चरमराई

जिले में होंठ या तालू कटे कम से कम 3 महीने के वे बच्चे जिनका वजन 5 किलो का हो उनकी तलाश कर उनके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग पिछले 3 वर्षों से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चला रहा है. इसके तहत गांव-गांव ऐसे नवजात बच्चों की खोज की जाती है.
- डॉ. अवधेश कुमार सिंह, डिस्ट्रिक्ट मैनेजर, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम

बाराबंकी: जिले में जल्द ही कटे होंठ और तालू वाले बच्चों के चेहरों पर मुस्कान नजर आएगी. लखनऊ के सिप्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में इन बच्चों की नि:शुल्क सर्जरी की जाएगी. मंगलवार को लखनऊ से आए विशेषज्ञों ने ऐसे 58 बच्चों का परीक्षण कर उनके इलाज का करने का निर्णय लिया.

कटे होंठ और तालू वाले बच्चों का नि:शुल्क किया जाएगा इलाज.

नि:शुल्क किया जाएगा इलाज

  • जन्म से होने वाली इस बीमारी के बहुत सारे कारण हैं.
  • डॉक्टरों के मुताबिक सात सौ बच्चों में एक बच्चे का होंठ कटा पाया जाता है.
  • डॉक्टर ने बताया कि एक हजार बच्चों में से एक बच्चे के होंठ और तालू दोनों कटे हो सकते हैं.
  • जिला महिला अस्पताल में कैम्प लगाकर ऐसे बच्चों का परीक्षण किया गया.
  • लखनऊ के सिप्स हॉस्पिटल से आई विशेषज्ञों की टीम ने ऑपरेशन के लिए 58 बच्चों का चयन किया.
  • चयनित बच्चों में से 15 बच्चों को टीम अस्पताल ले गई.
  • शेष बचे बच्चों का अगले हफ्ते ऑपरेशन किया जाएगा.
  • स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से गरीब बच्चों का नि:शुल्क इलाज किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: सिविल अस्पताल में संविदा कर्मचारियों के हटाए जाने से व्यवस्था चरमराई

जिले में होंठ या तालू कटे कम से कम 3 महीने के वे बच्चे जिनका वजन 5 किलो का हो उनकी तलाश कर उनके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग पिछले 3 वर्षों से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चला रहा है. इसके तहत गांव-गांव ऐसे नवजात बच्चों की खोज की जाती है.
- डॉ. अवधेश कुमार सिंह, डिस्ट्रिक्ट मैनेजर, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम

Intro:बाराबंकी ,20 नवम्बर । जिले में जल्द ही कटे होंठ और तालू वाले बच्चों के साथ-साथ उनके मां बाप के चेहरों पर भी मुस्कान नजर आएगी क्योंकि लखनऊ का सिप्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल इन बच्चों की निशुल्क सर्जरी करेगा। मंगलवार को लखनऊ से आए विशेषज्ञों ने ऐसे 58 बच्चों का परीक्षण कर उनके इलाज का फैसला किया है। इसे रोग कहिए या डिफेक्ट लेकिन जन्मजात होने वाली इस बीमारी के बहुत सारे कारण हैं ।डॉक्टरों के मुताबिक सात सौ बच्चों में एक बच्चे का होंठ कटा पाया जाता है तो एक हजार बच्चों में से एक बच्चे के होंठ और तालू दोनों कटे हो सकते हैं ।


Body:वीओ- जिला महिला अस्पताल में कैम्प लगाकर ऐसे बच्चों का परीक्षण किया गया । लखनऊ के सिप्स हॉस्पिटल से आई विशेषज्ञों की टीम ने ऑपरेशन के लिए ऐसे 58 बच्चों का चयन किया । जिनमे से 15 बच्चों को टीम अस्पताल ले गई । बाकी के बच्चों का अगले हफ्ते ऑपरेशन किया जाएगा ।
बाईट- डॉ रितेश पुरवार , विशेषज्ञ, सिप्स हॉस्पिटल

वीओ- यह एक खतरनाक बीमारी है ।इससे बच्चे ठीक ढंग से दूध भी नहीं पी पाते और कभी-कभी तो बच्चों की मौत भी हो जाती है ।इसका इलाज काफी महंगा होता है ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से निशुल्क रूप से होने वाला इलाज गरीबों के लिए किसी वरदान से कम नहीं।
बाईट- डॉ अवधेश कुमार सिंह, डिस्ट्रिक्ट मैनेजर,राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम,बाराबंकी

वीओ- जिले में होंठ या तालू कटे कम से कम 3 महीने के वे बच्चे जिनका वजन 5 किलो का हो उनकी तलाश कर उनके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग पिछले 3 वर्षों से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चला रहा है । इसके तहत गांव-गांव ऐसे नवजात बच्चों की खोज की जाती है । इस कार्यक्रम में आरबीएसके कार्यकर्ता ,आशा बहुएं और आंगनबाड़ी की मदद ली जाती है ।
बाईट- बिस्मिल्ला नाज़ , आरबीएसके कार्यकत्री


Conclusion:रिपोर्ट- अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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