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बाराबंकी की घाघरा बनेगी घड़ियालों का पॉपुलेशन सेंटर

बाराबंकी में स्थित घाघरा नदी के तराई इलाके में रविवार को 25 घड़ियाल छोड़े गए. यूपी में अब तक केवल दो चंबल और कर्तनिया घाट घड़ियालों के पॉपुलेशन केंद्र थे. लेकिन अब बाराबंकी भी इस श्रेणी में नजर आयेगा.

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Published : Mar 24, 2019, 12:53 AM IST

Updated : Mar 24, 2019, 7:31 AM IST

बाराबंकी की घाघरा नदी के तराई इलाके में बनेगा घड़ियालों का पॉपुलेशन केंद्र.

बाराबंकी: घाघरा नदी का तराई इलाका जल्द ही घड़ियालों का पॉपुलेशन सेंटर के रूप में नजर आएगा. चंबल और कर्तनिया घाट की तरह अब बाराबंकी भी इस श्रेणी में शामिल होने जा रहा है. सूबे में अभी तक महज दो केंद्र हैं एक चंबल और दूसरा बहराइच का कर्तनिया घाट. नदियों का पर्यावरण सुधारने और घड़ियालों की संख्या बढ़ाने के लिए ये कदम उठाया जा रहा है.

बाराबंकी की घाघरा नदी के तराई इलाके में बनेगा घड़ियालों का पॉपुलेशन केंद्र.

घड़ियालों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ नदियों का पर्यावरण सुधारने के लिए जिले का गनेशपुर का तराई इलाका अब घड़ियालों का पॉपुलेशन केंद्र बनने जा रहा है. यहां बहने वाली घाघरा नदी में घड़ियालों को छोड़ा जा रहा है. ये इलाका घड़ियालों , डॉल्फिन और कछुओं के लिए काफी मुफीद है. अभी तक सूबे में इस तरह के महज दो केंद्र ही हैं एक चंबल में और दूसरा कर्तनिया घाट. वर्ष 2014 से वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन के तहत ये अभियान चलाया जा रहा है. साल 2014 से इस इलाके में घड़ियालों का विमोचन जारी है.

अभी तक यहां से 156 घड़ियाल छोड़े जा चुके हैं. रविवार को लखनऊ की टार्टिल सरवाइवल अलाइंस टीम ने कुकरैल पुनर्वास केंद्र के 25 घड़ियालों को घाघरा नदी में डाले हैं. इनके साथ जिले के वन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे. टीम के हेड शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि इन घड़ियालों की लंबाई एक मीटर है और ये 3 साल से ऊपर के हैं. उन्होने बताया की इन घडियालों में एक विशेष रूप से जियोटैगिंग की गई है. ताकि बाद में इनका अध्ययन किया जा सके. कि ये कहां-कहां पहुंच रहे हैं.

बाराबंकी: घाघरा नदी का तराई इलाका जल्द ही घड़ियालों का पॉपुलेशन सेंटर के रूप में नजर आएगा. चंबल और कर्तनिया घाट की तरह अब बाराबंकी भी इस श्रेणी में शामिल होने जा रहा है. सूबे में अभी तक महज दो केंद्र हैं एक चंबल और दूसरा बहराइच का कर्तनिया घाट. नदियों का पर्यावरण सुधारने और घड़ियालों की संख्या बढ़ाने के लिए ये कदम उठाया जा रहा है.

बाराबंकी की घाघरा नदी के तराई इलाके में बनेगा घड़ियालों का पॉपुलेशन केंद्र.

घड़ियालों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ नदियों का पर्यावरण सुधारने के लिए जिले का गनेशपुर का तराई इलाका अब घड़ियालों का पॉपुलेशन केंद्र बनने जा रहा है. यहां बहने वाली घाघरा नदी में घड़ियालों को छोड़ा जा रहा है. ये इलाका घड़ियालों , डॉल्फिन और कछुओं के लिए काफी मुफीद है. अभी तक सूबे में इस तरह के महज दो केंद्र ही हैं एक चंबल में और दूसरा कर्तनिया घाट. वर्ष 2014 से वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन के तहत ये अभियान चलाया जा रहा है. साल 2014 से इस इलाके में घड़ियालों का विमोचन जारी है.

अभी तक यहां से 156 घड़ियाल छोड़े जा चुके हैं. रविवार को लखनऊ की टार्टिल सरवाइवल अलाइंस टीम ने कुकरैल पुनर्वास केंद्र के 25 घड़ियालों को घाघरा नदी में डाले हैं. इनके साथ जिले के वन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे. टीम के हेड शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि इन घड़ियालों की लंबाई एक मीटर है और ये 3 साल से ऊपर के हैं. उन्होने बताया की इन घडियालों में एक विशेष रूप से जियोटैगिंग की गई है. ताकि बाद में इनका अध्ययन किया जा सके. कि ये कहां-कहां पहुंच रहे हैं.

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बाराबंकी ,23 मार्च । बाराबंकी स्थित घाघरा नदी का तराई इलाका जल्द ही घड़ियालों का पॉपुलेशन केंद्र नजर आएगा । चंबल और कर्तानियाघट की तरह अब बाराबंकी भी इस श्रेणी में शामिल होने जा रहा है । सूबे में अभी तक महज दो केंद्र हैं एक चंबल और दूसरा बहराइच का कर्तनिया घाट । नदियों का पर्यावरण सुधारने और घड़ियालों की संख्या बढ़ाने के लिए ये कदम उठाया जा रहा है । आज यहाँ 25 घड़ियाल घाघरा नदी में डाले गए। इससे पहले 156 घड़ियाल डाले जा चुके हैं । खास बात ये कि इन घड़ियालों की जिओ टैगिंग भी की जा रही है ताकि बाद में इनका अध्ययन किया जा सके ।


Body:वीओ - घड़ियालों की संख्या बढ़ाने के साथ साथ नदियों का पर्यावरण सुधारने के लिए बाराबंकी के गनेशपुर का तराई इलाका अब घड़ियालों का पॉपुलेशन केंद्र बनने जा रहा है । यहां बहने वाली घाघरा नदी में घड़ियालों को छोड़ा जा रहा है । ये इलाका घड़ियालों , डॉल्फिन और कछुओं के लिए काफी मुफीद है । अभी तक सूबे में इस तरह के महज दो केंद्र ही हैं एक चंबल में और दूसरा कर्तनिया घाट में । वर्ष 2014 से वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन के तहत ये अभियान चलाया जा रहा है । साल 2014 से इस इलाके में घड़ियालों का विमोचन जारी है । अभी तक यहाँ से 156 घड़ियाल छोड़े जा चुके हैं । आज लखनऊ की टार्टिल सरवाइवल अलाइंस टीम ने कुकरैल पुनर्वास केंद्र के 25 घड़ियाल घाघरा नदी में डाले ।इनके साथ बाराबंकी वन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे । टीम के अगुआ शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि इन घड़ियालो की लंबाई एक मीटर है और ये 3 साल से ऊपर के हैं । जिन्होंने बत्तया की इन घडियालों में एक विशेष रूप से जिओ टैगिंग की गई है ताकि बाद में इनका अध्यन किया जा सके कि ये कहाँ कहाँ पहुंच रहे हैं ।

बाईट - शैलेन्द्र सिंह , हेड टीएसए टीम लखनऊ


Conclusion:रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
9839421515
Last Updated : Mar 24, 2019, 7:31 AM IST
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