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रामनगर तहसील में नहीं हो रही धान की खरीद, किसानों ने किया प्रदर्शन - तहसील परिसर में खड़ी की ट्रॉली

किसानों ने धान की खरीद नहीं होने से रामनगर तहसील परिसर में धान से लदी 150 ट्रैक्टर-ट्रॉली लाकर खड़ी कर दी. किसान यूनियन के ब्लॉक अध्यक्ष राजन प्रसाद ने बताया कि हम महीनों से क्रय केंद्रों पर खड़े हैं, लेकिन हमारे धान तौले नहीं जा रहे हैं.

farmers protest at ramnagar tehsil
रामनगर तहसील में नहीं हो रही धान की खरीद.
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Published : Dec 3, 2020, 6:06 PM IST

बाराबंकी: रामनगर तहसील में बुधवार को किसान यूनियन टिकैत ग्रुप के लोगों ने धान से लदी लगभग 150 ट्रैक्टर-ट्रॉली को तहसील प्रांगण में खड़ा कर दिया और अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करने लगे. किसानों ने मांग की, कि जिस जगह धान की ज्यादा पैदावार होती है, क्रय केंद्र वहां पर बनाए जाएं. जहां पर गन्ना उत्पादन किया जाता है, वहां पर धान क्रय केंद्र बना कर क्यों खानापूर्ति की जा रही है.

सस्ती दरों पर धान बेच रहा किसान
किसान यूनियन के ब्लॉक अध्यक्ष राजन प्रसाद ने बताया कि हम महीनों से क्रय केंद्रों पर खड़े हैं, लेकिन हमारे धान तौले नहीं जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाजार में 900 और हजार रुपये कुंतल से ऊपर धान नहीं खरीदा जा रहा है. जबकि सरकारी मूल्य 1868 और 1888 का है. इससे किसान मजबूर होकर अपने धान को सस्ती दरों पर बेच रहा है. किसान यूनियन के सदस्य कृष्ण पाल का कहना है कि उपजिलाधिकारी क्रय केंद्र की जांच करवाएं. क्योंकि क्रय केंद्र में धांधली की जा रही है. रसूखदारों के धान खरीदे जा रहे हैं. जबकि गरीब किसान परेशान है. कुछ क्रय केंद्र केवल कागजों पर ही दर्शाया गया है. जबकि किसान क्रय केंद्रों को ढूंढ़ते-ढूंढ़ते परेशान हो रहा है.

किसानों को सरकार की नीति से नहीं मिल रहा लाभ
कृष्ण पाल ने कहा कि उप जिला अधिकारी महोदय बताएं कि क्रय केंद्रों पर रोज कितने कुंटल धान खरीदी जा रही है. अगर खरीदी जा रहे है तो हम लोगों की धान क्यों नहीं खरीदी जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की जो नीति है, उससे किसानों का भरपूर लाभ नहीं मिल पा रहा है. जब किसान बाजार में 900 और हजार रुपये कुंटल धान बेचेगा तो अपने लिए हुए कर्जे को कैसे भरेगा. अगली फसल की तैयारी किस प्रकार करेगा. क्योंकि गरीब किसान तो कर्ज के बोझ के तले से कभी उभर नहीं पाएगा.

तहसीलदार ने दिया आश्वासन
रामनगर के तहसीलदार आरडी निषाद ने बताया किसानों से बातचीत की जा रही है और क्रय केंद्रों का निरीक्षण करवाया जाएगा. क्रय केंद्र पर तौल बाबू और एसएमआई को बुलाया गया है और उनसे पूछताछ कर किसानों की समस्याओं का निराकरण किया जाएगा. अगर ऐसी कोई गड़बड़ी है तो इसकी जांच की जाएगी और इस बात सूचना उच्च अधिकारियों के संज्ञान में दी जाएगी..

बाराबंकी: रामनगर तहसील में बुधवार को किसान यूनियन टिकैत ग्रुप के लोगों ने धान से लदी लगभग 150 ट्रैक्टर-ट्रॉली को तहसील प्रांगण में खड़ा कर दिया और अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करने लगे. किसानों ने मांग की, कि जिस जगह धान की ज्यादा पैदावार होती है, क्रय केंद्र वहां पर बनाए जाएं. जहां पर गन्ना उत्पादन किया जाता है, वहां पर धान क्रय केंद्र बना कर क्यों खानापूर्ति की जा रही है.

सस्ती दरों पर धान बेच रहा किसान
किसान यूनियन के ब्लॉक अध्यक्ष राजन प्रसाद ने बताया कि हम महीनों से क्रय केंद्रों पर खड़े हैं, लेकिन हमारे धान तौले नहीं जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाजार में 900 और हजार रुपये कुंतल से ऊपर धान नहीं खरीदा जा रहा है. जबकि सरकारी मूल्य 1868 और 1888 का है. इससे किसान मजबूर होकर अपने धान को सस्ती दरों पर बेच रहा है. किसान यूनियन के सदस्य कृष्ण पाल का कहना है कि उपजिलाधिकारी क्रय केंद्र की जांच करवाएं. क्योंकि क्रय केंद्र में धांधली की जा रही है. रसूखदारों के धान खरीदे जा रहे हैं. जबकि गरीब किसान परेशान है. कुछ क्रय केंद्र केवल कागजों पर ही दर्शाया गया है. जबकि किसान क्रय केंद्रों को ढूंढ़ते-ढूंढ़ते परेशान हो रहा है.

किसानों को सरकार की नीति से नहीं मिल रहा लाभ
कृष्ण पाल ने कहा कि उप जिला अधिकारी महोदय बताएं कि क्रय केंद्रों पर रोज कितने कुंटल धान खरीदी जा रही है. अगर खरीदी जा रहे है तो हम लोगों की धान क्यों नहीं खरीदी जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की जो नीति है, उससे किसानों का भरपूर लाभ नहीं मिल पा रहा है. जब किसान बाजार में 900 और हजार रुपये कुंटल धान बेचेगा तो अपने लिए हुए कर्जे को कैसे भरेगा. अगली फसल की तैयारी किस प्रकार करेगा. क्योंकि गरीब किसान तो कर्ज के बोझ के तले से कभी उभर नहीं पाएगा.

तहसीलदार ने दिया आश्वासन
रामनगर के तहसीलदार आरडी निषाद ने बताया किसानों से बातचीत की जा रही है और क्रय केंद्रों का निरीक्षण करवाया जाएगा. क्रय केंद्र पर तौल बाबू और एसएमआई को बुलाया गया है और उनसे पूछताछ कर किसानों की समस्याओं का निराकरण किया जाएगा. अगर ऐसी कोई गड़बड़ी है तो इसकी जांच की जाएगी और इस बात सूचना उच्च अधिकारियों के संज्ञान में दी जाएगी..

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