बाराबंकी: जिले के किसान चाह कर भी लॉकडाउन का अनुपालन नहीं कर पा रहे हैं, जिससे कि खेती पिछड़ ना जाए. लिहाजा घर से निकलना इनकी मजबूरी है. हालांकि किसान पीएम मोदी के सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की अपील का शत प्रतिशत अनुपालन कर रहे हैं.
मजबूर हैं किसान
पहले बे मौसम बरसात और अब कोरोना के संकट ने किसानों की परेशानी और बढ़ा दी है, जिससे इन्हें आने वाली फसलों के पिछड़ जाने का खतरा है. गेहूं, सरसों और आलू समेत कई फसलें भारी बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई हैं. अब मेंथा की फसल ही इनका सहारा है. जिले में जायद की फसल के रूप में मेंथा की जबरदस्त खेती की जाती है.
यही सीजन है जब मेंथा की रोपाई और सिंचाई की जाती है. पिछड़ जाने पर फसल नहीं हो पाती है. मजबूरन किसान चाह कर भी लॉकडाउन का अनुपालन नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि वह सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन जरूर कर रहे हैं. सोमवार को कई खेतों में किसान पिपरमेंट की रोपाई करते दिखे. यहां ये लोग सोशल दूरी बनाए हुए थे.