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सपा विधायक का आरोप- नहीं मिला सरकार का सहयोग इसलिए क्षेत्र में नहीं हो सके कई काम

धर्मराज सिंह यादव उर्फ सुरेश यादव मूल रूप से ग्राम सैलखा, मजरे जफरपुर पोस्ट सतरिख के निवासी हैं. जून 1963 में जन्मे सुरेश यादव ने लखनऊ विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की है. पढ़ाई के समय से उनकी राजनीति में दिलचस्पी रही.राजनीति में सक्रियता बढ़ी तो पत्नी आशा यादव को दो बार बंकी ब्लॉक का प्रमुख बनवा दिया. लगातार दो बार से बाराबंकी विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे धर्मराज सिंह यादव उर्फ सुरेश यादव ने इस दस वर्ष के कार्यकाल में क्षेत्र के विकास के लिए क्या किया, क्या करना चाहते थे.इन सब मुद्दों पर ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.पेश है बातचीत के प्रमुख अंश...

धर्मराज सिंह यादव उर्फ सुरेश यादव
धर्मराज सिंह यादव उर्फ सुरेश यादव
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Published : Oct 10, 2021, 5:25 PM IST

बाराबंकी: राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले की 6 विधानसभाओं में से एक है बाराबंकी विधानसभा-268. पहले इस विधानसभा का नाम नवाबगंज था. वर्ष 2012 में नवाबगंज से इसका नाम बदलकर बाराबंकी विधानसभा हो गया. अब तक इस सीट पर 4 बार सपा,3 बार कांग्रेस,3 बार जनता पार्टी,3 बार कम्युनिस्ट पार्टी,2 बार सोशलिस्ट पार्टी,1 बार बसपा और एक बार निर्दल का कब्जा रहा. जिले की ये अकेली ऐसी सीट है जिस पर आज तक भाजपा नहीं जीत सकी है. जिला मुख्यालय की इस सीट को अब तक न जीत पाने का मलाल बीजेपी को है. पिछले दो बार से लगातार इस सीट पर सपा का कब्जा है. धर्मराज यादव उर्फ सुरेश यादव लगातार दो बार से इस सीट पर जीतते आ रहे हैं.

धर्मराज सिंह यादव उर्फ सुरेश यादव मूल रूप से ग्राम सैलखा, मजरे जफरपुर पोस्ट सतरिख के निवासी हैं. जून 1963 में जन्मे सुरेश यादव ने लखनऊ विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की है. पढ़ाई के समय से उनकी राजनीति में दिलचस्पी रही. टेंट व्यवसाय और खेती के साथ साथ समाजसेवा में सक्रिय रहे.राजनीति में सक्रियता बढ़ी तो पत्नी आशा यादव को दो बार बंकी ब्लॉक का प्रमुख बनवा दिया. लगातार दो बार से बाराबंकी विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे धर्मराज सिंह यादव उर्फ सुरेश यादव ने इस दस वर्ष के कार्यकाल में क्षेत्र के विकास के लिए क्या किया, क्या करना चाहते थे.इन सब मुद्दों पर ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.पेश है बातचीत के प्रमुख अंश.......

सपा विधायक का आरोप
सवाल: क्षेत्र के विकास के लिए क्या किया?
जवाब: वर्ष 2012 से 2017 के बीच जब तक अखिलेश सरकार थी, इतना विकास हुआ जितना पिछले 40-50 वर्षों में नहीं हुआ. इस बार सरकार का सहयोग नहीं मिला,फिर भी जो बन पड़ा अपनी निधि से काम कराया. वर्ष 2012 से 2017 के बीच सौ बेड का अस्पताल बनवाया,ऑडिटोरियम बना,बस अड्डा बना, जिला अस्पताल में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए अलग से फीडर बनवाया,शहर के चारों तरफ पुल, सड़कों का चौड़ीकरण और शहर में एलईडी लाइटें लगवाईं.
सवाल: दो टर्म का बड़ा कार्यकाल रहा.क्षेत्र के विकास के लिए क्या प्लानिंग बनाई थी और कितना अमल हुआ?
जवाब:शिक्षा,यातायात और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम किया. सोच तो बहुत कुछ थी, लेकिन सरकार चली गई. इस सरकार में सहयोग नहीं मिला और जब सरकार का सहयोग न मिले तो कोई क्या कर सकता है. बाराबंकी में सबसे बड़ी समस्या जाम की है. बंकी टाउनएरिया के लोगों को शहर आने जाने में भारी परेशानी हो रही है. हम अंडरपास नहीं दे पाए. मांग के लिए पत्र लिखे लेकिन हम बंकी टाउनएरिया को शहर से नहीं जोड़ पाए,इसका दुख मुझे आज भी है.
सवाल: सरकार से जो अपेक्षाएं थी क्या पूरी हुई?आपके कितने प्रस्ताव मंजूर हुए?
जवाब: मेरे एक भी प्रस्ताव पूरे नहीं हुए. विकास की बात ही न करिए. विकास के मुद्दे पर कोई सरकार नहीं बनती.अगर विकास पर कोई सरकार बनती होती तो हमारे अखिलेश यादव न हटते.भाजपा वाले जानते हैं कि जाति,धर्म सम्प्रदाय से अगर काम चल जाय तो विकास करने की क्या जरूरत.भाजपा नहीं चाहती कि विकास हो.
सवाल: आपका क्षेत्र इंडस्ट्रियल हब रहा है, लेकिन इधर तमाम मिलें बन्द हो गई,इसके लिए कोई प्रयास किये?
जवाब:यहां स्पिनिंग मिल रही जो पिछले कई वर्षों से घाटे में चल रही थी.हमने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कहकर चलवाने का काम किया.अंतिम समय हम तमाम प्रयासों के बाद उस मिल को नहीं बचा पाए.भाजपा सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया.
सवाल: अगर प्रतिनिधित्व करने का फिर मौका मिला तो कोई योजना है?
जवाब: बाराबंकी को हम डस्टप्रूफ करना चाहते हैं. नाले-नालियों को खुला नहीं रखना चाहते.इसके अलावा यातायात,बिजली और पेयजल की व्यवस्था दुरुस्त करेंगे.
सवाल:आगामी चुनाव की क्या स्ट्रेटजी रहेगी?
जवाब: स्ट्रेटजी तो नेता बनाते हैं. हम तो योगी और अखिलेश के कामों की तुलना कर जनता के बीच जाएंगे और यही सबसे बड़ी रणनीति होगी.

बाराबंकी: राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले की 6 विधानसभाओं में से एक है बाराबंकी विधानसभा-268. पहले इस विधानसभा का नाम नवाबगंज था. वर्ष 2012 में नवाबगंज से इसका नाम बदलकर बाराबंकी विधानसभा हो गया. अब तक इस सीट पर 4 बार सपा,3 बार कांग्रेस,3 बार जनता पार्टी,3 बार कम्युनिस्ट पार्टी,2 बार सोशलिस्ट पार्टी,1 बार बसपा और एक बार निर्दल का कब्जा रहा. जिले की ये अकेली ऐसी सीट है जिस पर आज तक भाजपा नहीं जीत सकी है. जिला मुख्यालय की इस सीट को अब तक न जीत पाने का मलाल बीजेपी को है. पिछले दो बार से लगातार इस सीट पर सपा का कब्जा है. धर्मराज यादव उर्फ सुरेश यादव लगातार दो बार से इस सीट पर जीतते आ रहे हैं.

धर्मराज सिंह यादव उर्फ सुरेश यादव मूल रूप से ग्राम सैलखा, मजरे जफरपुर पोस्ट सतरिख के निवासी हैं. जून 1963 में जन्मे सुरेश यादव ने लखनऊ विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की है. पढ़ाई के समय से उनकी राजनीति में दिलचस्पी रही. टेंट व्यवसाय और खेती के साथ साथ समाजसेवा में सक्रिय रहे.राजनीति में सक्रियता बढ़ी तो पत्नी आशा यादव को दो बार बंकी ब्लॉक का प्रमुख बनवा दिया. लगातार दो बार से बाराबंकी विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे धर्मराज सिंह यादव उर्फ सुरेश यादव ने इस दस वर्ष के कार्यकाल में क्षेत्र के विकास के लिए क्या किया, क्या करना चाहते थे.इन सब मुद्दों पर ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.पेश है बातचीत के प्रमुख अंश.......

सपा विधायक का आरोप
सवाल: क्षेत्र के विकास के लिए क्या किया?
जवाब: वर्ष 2012 से 2017 के बीच जब तक अखिलेश सरकार थी, इतना विकास हुआ जितना पिछले 40-50 वर्षों में नहीं हुआ. इस बार सरकार का सहयोग नहीं मिला,फिर भी जो बन पड़ा अपनी निधि से काम कराया. वर्ष 2012 से 2017 के बीच सौ बेड का अस्पताल बनवाया,ऑडिटोरियम बना,बस अड्डा बना, जिला अस्पताल में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए अलग से फीडर बनवाया,शहर के चारों तरफ पुल, सड़कों का चौड़ीकरण और शहर में एलईडी लाइटें लगवाईं.
सवाल: दो टर्म का बड़ा कार्यकाल रहा.क्षेत्र के विकास के लिए क्या प्लानिंग बनाई थी और कितना अमल हुआ?
जवाब:शिक्षा,यातायात और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम किया. सोच तो बहुत कुछ थी, लेकिन सरकार चली गई. इस सरकार में सहयोग नहीं मिला और जब सरकार का सहयोग न मिले तो कोई क्या कर सकता है. बाराबंकी में सबसे बड़ी समस्या जाम की है. बंकी टाउनएरिया के लोगों को शहर आने जाने में भारी परेशानी हो रही है. हम अंडरपास नहीं दे पाए. मांग के लिए पत्र लिखे लेकिन हम बंकी टाउनएरिया को शहर से नहीं जोड़ पाए,इसका दुख मुझे आज भी है.
सवाल: सरकार से जो अपेक्षाएं थी क्या पूरी हुई?आपके कितने प्रस्ताव मंजूर हुए?
जवाब: मेरे एक भी प्रस्ताव पूरे नहीं हुए. विकास की बात ही न करिए. विकास के मुद्दे पर कोई सरकार नहीं बनती.अगर विकास पर कोई सरकार बनती होती तो हमारे अखिलेश यादव न हटते.भाजपा वाले जानते हैं कि जाति,धर्म सम्प्रदाय से अगर काम चल जाय तो विकास करने की क्या जरूरत.भाजपा नहीं चाहती कि विकास हो.
सवाल: आपका क्षेत्र इंडस्ट्रियल हब रहा है, लेकिन इधर तमाम मिलें बन्द हो गई,इसके लिए कोई प्रयास किये?
जवाब:यहां स्पिनिंग मिल रही जो पिछले कई वर्षों से घाटे में चल रही थी.हमने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कहकर चलवाने का काम किया.अंतिम समय हम तमाम प्रयासों के बाद उस मिल को नहीं बचा पाए.भाजपा सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया.
सवाल: अगर प्रतिनिधित्व करने का फिर मौका मिला तो कोई योजना है?
जवाब: बाराबंकी को हम डस्टप्रूफ करना चाहते हैं. नाले-नालियों को खुला नहीं रखना चाहते.इसके अलावा यातायात,बिजली और पेयजल की व्यवस्था दुरुस्त करेंगे.
सवाल:आगामी चुनाव की क्या स्ट्रेटजी रहेगी?
जवाब: स्ट्रेटजी तो नेता बनाते हैं. हम तो योगी और अखिलेश के कामों की तुलना कर जनता के बीच जाएंगे और यही सबसे बड़ी रणनीति होगी.
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