बाराबंकी: पश्चिम बंगाल के बाद मां दुर्गा के अलग-अलग नौ रूप एक ही पंडाल के नीचे बाराबंकी जनपद में ही देखने को मिलते है. यहां ये सिलसिला पिछले 50 वर्षो से लगातार चला आ रहा हैं. खास बात यह है कि हर वर्ष यहां महिषासुर मर्दिनी का रूप छोड़कर मां दुर्गा के बाकी आठ रूप बदल दिए जाते हैं. इन 50 वर्षो में दुर्गा मां के 1008 रूपों में से 400 रूप अब तक यहां प्रदर्शित किए जा चुके हैं.
5 दशकों से सजता आ रहा पंडाल
- नौ विभिन्न रूपों से सजा मां दुर्गा का पंडाल पिछले पांच दशकों से यूं ही जगमगाता आ रहा है.
- नगरपालिका हॉल में आयोजित दुर्गा पूजा का आयोजन नगर का यूथ एसोसिएशन करता है.
- साल दर साल इसकी सजावट बढ़ती ही जा रही है.
- गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल बनी यहां की दुर्गा पूजा में नगर के सभी धर्मोंं के लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं.
प्रत्येक वर्ष रखी जाती है अलग-अलग प्रतिमाएं
- खास बात यह है कि महिषासुर मर्दिनी को छोड़कर हर वर्ष मां दुर्गा के आठ अलग-अलग रूप प्रदर्शित किए जाते हैं.
- मां दुर्गा के 1008 रूपों में से हर वर्ष नए आठ रूपों को चुने जाते हैं.
- दुर्गा पूजा से करीब तीन महीने पहले से ही कोलकाता के मूर्तिकार आकर इन मूर्तियों को रूप प्रदान करते हैं.
- जहां दर्शन करने वालों की आंखें इनसे हटने का नाम ही नहीं लेती हैं.
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