ETV Bharat / state

किशोरियों के साथ दुष्कर्म से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में दोषियों को सजा - Barabanki Court News

बाराबंकी की जिला अदालत ने दुष्कर्म के दो मामलों में दोषियों को कठोर कारावास की सजा सुनाई है. ये दोनों मामले पुलिस महानिदेशक उत्तरप्रदेश द्वारा चलाए जा रहे जघन्य सनसनीखेज अपराध के तहत चिन्हित अभियोग हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 13, 2023, 10:32 PM IST

बाराबंकी: जनपद की एक अदालत ने दो अलग-अलग मामलों में दो आरोपियों को दोषसिद्ध करते हुए उन्हें सजा सुनाई है. ये मामले किशोरियों के साथ दुष्कर्म से जुड़े हैं. एक मामले में जहां दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. वहीं, दूसरे मामले में दोषी को 7 वर्ष के कठोर कारावास और 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. ये दोनों फैसले बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट अजय कुमार श्रीवास्तव ने सुनाए हैं. ये दोनों मामले पुलिस महानिदेशक उत्तरप्रदेश द्वारा चलाए जा रहे जघन्य सनसनीखेज अपराध के तहत चिन्हित अभियोग हैं.


सहायक अभियोजन अधिकारी अजय सिंह और अनूप मिश्रा ने बताया कि पहला मामला कुर्सी थाना क्षेत्र का है. यहां के एक गांव निवासी वादी ने 21 सितंबर 2017 को थाने पर लिखित तहरीर देकर बताया कि 16 सितंबर की रात में लखनऊ के बख्शी का तालाब क्षेत्र निवासी प्रकाश पुत्र कल्लू उसकी बेटी को बहला फुसला कर भगा ले गया है. वादी की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध मुकदमा लिखकर तफ्तीश शुरू की. तत्कालीन विवेचक ने वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य संकलन कर आरोपी प्रकाश के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की. कोर्ट ने अभियोजन गवाहों और बचाव पक्ष के गवाहों की गवाही सुनने और दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी प्रकाश पुत्र कल्लू को दोषसिद्ध करते हुए उसे 10 वर्ष के कठोर कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.


वहीं, हैदरगढ़ थाना क्षेत्र के दूसरे मामले का ब्यौरा देते हुए सहायक अभियोजन अधिकारियों ने बताया कि एक गांव के रहने वाले वादी ने 16 मार्च 2017 को हैदरगढ़ थाने पर आकर लिखित तहरीर देते हुए बताया कि 16 मार्च 2017 को सुबह उसकी बेटी शौच के लिए गई थी. वह उस समय खेत पर गया हुआ था. उसी वक्त बेटी की चिल्लाने की आवाज पर गांव के ही एक और आदमी के साथ दौड़ कर पहुंचा. तो आरोपी महेश प्रजापति भाग खड़ा हुआ. इसके बाद बेटी ने पूरी बात बताई कि महेश ने उसको पकड़ लिया था और बुरा काम करने जा रहा था.

वादी की तहरीर पर आरोपी महेश प्रजापति के विरुद्ध हैदरगढ़ थाने की पुलिस ने मुकदमा लिखकर तफ्तीश शुरू की. तत्कालीन विवेचक द्वारा वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य संकलित कर आरोपी महेश प्रजापति के विरुद्ध धारा 376/511 आईपीसी और 7/8 पॉक्सो ऐक्ट के तहत चार्जशीट समिट की. कोर्ट ने दोनों पक्षों के गवाहों की गवाही और दलील सुनने के बाद आरोपी महेश प्रजापति को दोषसिद्ध करार देते हुए उसे 07 वर्ष के कठोर कारावास और 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. ये दोनों फैसले बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट अजय कुमार श्रीवास्तव ने सुनाए.

यह भी पढ़ें: वसूली करने आए बैंककर्मियों ने किसान को जीप में बैठाकर गांव में घुमाया, हार्ट अटैक से हुई मौत

यह भी पढ़ें: रामपुर तिराहा कांड में पेश नहीं हुए पूर्व गृह सचिव दीप्ती विलास, कोर्ट दो बार जारी कर चुका है समन

बाराबंकी: जनपद की एक अदालत ने दो अलग-अलग मामलों में दो आरोपियों को दोषसिद्ध करते हुए उन्हें सजा सुनाई है. ये मामले किशोरियों के साथ दुष्कर्म से जुड़े हैं. एक मामले में जहां दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. वहीं, दूसरे मामले में दोषी को 7 वर्ष के कठोर कारावास और 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. ये दोनों फैसले बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट अजय कुमार श्रीवास्तव ने सुनाए हैं. ये दोनों मामले पुलिस महानिदेशक उत्तरप्रदेश द्वारा चलाए जा रहे जघन्य सनसनीखेज अपराध के तहत चिन्हित अभियोग हैं.


सहायक अभियोजन अधिकारी अजय सिंह और अनूप मिश्रा ने बताया कि पहला मामला कुर्सी थाना क्षेत्र का है. यहां के एक गांव निवासी वादी ने 21 सितंबर 2017 को थाने पर लिखित तहरीर देकर बताया कि 16 सितंबर की रात में लखनऊ के बख्शी का तालाब क्षेत्र निवासी प्रकाश पुत्र कल्लू उसकी बेटी को बहला फुसला कर भगा ले गया है. वादी की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध मुकदमा लिखकर तफ्तीश शुरू की. तत्कालीन विवेचक ने वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य संकलन कर आरोपी प्रकाश के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की. कोर्ट ने अभियोजन गवाहों और बचाव पक्ष के गवाहों की गवाही सुनने और दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी प्रकाश पुत्र कल्लू को दोषसिद्ध करते हुए उसे 10 वर्ष के कठोर कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.


वहीं, हैदरगढ़ थाना क्षेत्र के दूसरे मामले का ब्यौरा देते हुए सहायक अभियोजन अधिकारियों ने बताया कि एक गांव के रहने वाले वादी ने 16 मार्च 2017 को हैदरगढ़ थाने पर आकर लिखित तहरीर देते हुए बताया कि 16 मार्च 2017 को सुबह उसकी बेटी शौच के लिए गई थी. वह उस समय खेत पर गया हुआ था. उसी वक्त बेटी की चिल्लाने की आवाज पर गांव के ही एक और आदमी के साथ दौड़ कर पहुंचा. तो आरोपी महेश प्रजापति भाग खड़ा हुआ. इसके बाद बेटी ने पूरी बात बताई कि महेश ने उसको पकड़ लिया था और बुरा काम करने जा रहा था.

वादी की तहरीर पर आरोपी महेश प्रजापति के विरुद्ध हैदरगढ़ थाने की पुलिस ने मुकदमा लिखकर तफ्तीश शुरू की. तत्कालीन विवेचक द्वारा वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य संकलित कर आरोपी महेश प्रजापति के विरुद्ध धारा 376/511 आईपीसी और 7/8 पॉक्सो ऐक्ट के तहत चार्जशीट समिट की. कोर्ट ने दोनों पक्षों के गवाहों की गवाही और दलील सुनने के बाद आरोपी महेश प्रजापति को दोषसिद्ध करार देते हुए उसे 07 वर्ष के कठोर कारावास और 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. ये दोनों फैसले बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट अजय कुमार श्रीवास्तव ने सुनाए.

यह भी पढ़ें: वसूली करने आए बैंककर्मियों ने किसान को जीप में बैठाकर गांव में घुमाया, हार्ट अटैक से हुई मौत

यह भी पढ़ें: रामपुर तिराहा कांड में पेश नहीं हुए पूर्व गृह सचिव दीप्ती विलास, कोर्ट दो बार जारी कर चुका है समन

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.