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दिनदहाड़े पत्नी की हत्या कर सिर को धड़ से किया था अलग, अब उम्रभर काटेगा जेल

बाराबंकी में एक युवक ने दहेज के लिए अपनी पत्नी की हत्या (Murder of Wife) कर सिर को धड़ से अलग कर दिया था. कोर्ट ने 4 साल बाद पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 5, 2024, 3:25 PM IST

बाराबंकी: जनपद के जहांगीराबाद थाना क्षेत्र में 4 साल पहले एक युवक ने अपनी पत्नी की गला काटकर हत्या कर दी थी और पैदल ही सिर को लेकर जा रहा था. गुरुवार को बाराबंकी जिला अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई है.

एडीजीसी क्रिमिनल मथुरा प्रसाद वर्मा ने बताया कि सतरिख थाना क्षेत्र के पाराकुंवर गांव निवासी गोविंदकुमार ने अपनी बेटी की शादी मई 2017 को जहांगीराबाद थाना क्षेत्र के बहादुरपुर निवासी अखिलेश कुमार के साथ किया था. ससुराल में उनकी बेटी को पति अखिलेश, उसका देवर विमल और रिश्तेदार ओमप्रकाश उर्फ रामप्रकाश दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे, जिसकी शिकायत मृतका अपने मायके में अपने माता-पिता से की थी.

अखिलेश ने 1 फरवरी 2020 की दोपहर करीब डेढ़ बजे अपनी पत्नी की हंसिया से गला काट कर हत्या कर दी. इसके बाद धड़ से सिर को अलग कर कहीं फेंकने जा रहा था. ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने अखिलेश को कटे हुए सिर के साथ गिरफ्तार कर लिया था. पीड़ित परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने अखिलेश उसके भाई विमल, पिता पलटूराम और रामप्रकाश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की थी.

पुलिस की जांच में सामने आया कि हत्या के आरोपियों में रामप्रकाश उर्फ ओमप्रकाश हत्याकांड में शामिल नहीं हैं. इसके अलावा अन्य आरोपियों में अखिलेश, विमल और पलटूराम के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई. अभियोजन और बचाव पक्ष द्वारा पेश की गई गवाहियों और दोनों पक्षो के अधिवक्ताओं द्वारा बहस हुई. बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर-4 कमलकांत श्रीवास्तव ने महिला के पति अखिलेश को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई. साथ ही आरोपी विमल और पलटूराम को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया.

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बाराबंकी: जनपद के जहांगीराबाद थाना क्षेत्र में 4 साल पहले एक युवक ने अपनी पत्नी की गला काटकर हत्या कर दी थी और पैदल ही सिर को लेकर जा रहा था. गुरुवार को बाराबंकी जिला अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई है.

एडीजीसी क्रिमिनल मथुरा प्रसाद वर्मा ने बताया कि सतरिख थाना क्षेत्र के पाराकुंवर गांव निवासी गोविंदकुमार ने अपनी बेटी की शादी मई 2017 को जहांगीराबाद थाना क्षेत्र के बहादुरपुर निवासी अखिलेश कुमार के साथ किया था. ससुराल में उनकी बेटी को पति अखिलेश, उसका देवर विमल और रिश्तेदार ओमप्रकाश उर्फ रामप्रकाश दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे, जिसकी शिकायत मृतका अपने मायके में अपने माता-पिता से की थी.

अखिलेश ने 1 फरवरी 2020 की दोपहर करीब डेढ़ बजे अपनी पत्नी की हंसिया से गला काट कर हत्या कर दी. इसके बाद धड़ से सिर को अलग कर कहीं फेंकने जा रहा था. ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने अखिलेश को कटे हुए सिर के साथ गिरफ्तार कर लिया था. पीड़ित परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने अखिलेश उसके भाई विमल, पिता पलटूराम और रामप्रकाश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की थी.

पुलिस की जांच में सामने आया कि हत्या के आरोपियों में रामप्रकाश उर्फ ओमप्रकाश हत्याकांड में शामिल नहीं हैं. इसके अलावा अन्य आरोपियों में अखिलेश, विमल और पलटूराम के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई. अभियोजन और बचाव पक्ष द्वारा पेश की गई गवाहियों और दोनों पक्षो के अधिवक्ताओं द्वारा बहस हुई. बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर-4 कमलकांत श्रीवास्तव ने महिला के पति अखिलेश को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई. साथ ही आरोपी विमल और पलटूराम को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया.

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