बाराबंकीः यूपी के बाराबंकी में अवैध और नकली दवाइयों की खरीद-बिक्री का धंधा जोरों पर है. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा लगातार की जा रही छापेमारी में ये खुलासा हुआ है. लगातार दो दिनों से हो रही कार्यवाही में अवैध रूप से बिना लाइसेंस के एक गोडाउन और एक दुकान में भंडारित की गई करीब 7.5 लाख रुपये की एलोपैथिक दवाइयां सीज की गई हैं और 18 दवाइयों के सैम्पल लेकर उन्हें जांच के लिए भेजा गया. खास बात यह कि इनमें तमाम औषधियां नारकोटिक्स श्रेणी की हैं. इनमें कई ब्रांड ऐसे भी हैं जिनके नकली होने की आशंका है.
बताते चलें कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन कमिश्नर द्वारा अवैध औषधि क्रय विक्रय भंडारण पर रोकथाम के लिए दिए गए दिशा निर्देशों के क्रम में जिले का औषधि प्रशासन अभियान चला रहा है. विभाग को मिली सूचना के आधार पर गुरुवार को अयोध्या मंडल के सहायक आयुक्त (औषधि) जीसी श्रीवास्तव के निर्देशन में बाराबंकी औषधि निरीक्षक सीमा सिंह, औषधि निरीक्षक, अमेठी कमलेश मिश्रा और पुलिस की संयुक्त टीम ने नगर कोतवाली के दशहरा बाग पटेल नगर में स्थित एक मे बने गोडाउन में छापा मारा.
टीम ने जब गोदाम के अंदर देखा तो दवाइयों का जखीरा मिला. इस गोदाम को सिद्धौर के अमसेरूआ निवासी करण गुप्ता पुत्र माता फेर ने किराए पर ले रखा था और अवैध रूप से बिना लाइसेंस अवैध गोडाउन बनाकर इसमें औषधियों का भंडारित कर रखा था. टीम ने 6,80,000 रुपए की एलोपैथिक दवाइयां सीज कर दीं.
इन दवाइयों में सेफिक्सिम टैबलेट लैक्टोबैसिलस के साथ एमोक्सिसिलिन और क्लैवुलेनिक एसिड लेक्टोबेसिलस के साथ, रेबिप्राजोल सोडियम और डोमेपेरिडोन कैप्सूल, एसेक्लोफेनाक पेरासिटामोल और सेरेटियोपेप्टिडेज़ टैबलेट, न्यूरोबियन टैबलेट, सेट्रिज़िन टैबलेट थीं. इनमें नारकॉटिक्स श्रेणी की औषधि अल्प्राजोलम 0.5 एमजी भी शामिल हैं. टीम ने इन औषधियों के कई ब्रांड सीज किए.
ड्रग निरीक्षक सीमा सिंह ने बताया कि इनमें कई दवाइयों के नकली होने की प्रबल संभावना है. इसके लिए कुल 17 औषधियों के सैम्पल लेकर उनकी जांच और एनालिसिस के लिए लैब भेजा गया है. इसी तरह गायत्रीपुरम मकदूमपुर के पास स्थित एक मकान में स्थित एक दुकान पर रेड की गई थी लेकिन दुकान बंद थी लिहाजा नायब तहसीलदार नवाबगंज की मौजूदगी में टीम ने उसे सील कर दिया था. शुक्रवार को इस दुकान को टीम ने खोला जिसमे लगभग 52 हजार की 15 प्रकार की औषधियां भंडारित पाई गई. इनको भी सीज किया गया और एक सैम्पल को जांच के लिए लैब भेजा गया. ड्रग इंस्पेक्टर सीमा सिंह ने बताया कि टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध औषधि एवं प्रशासन सामग्री अधिनियम 1940 की सुसंगत धाराओं में कोर्ट में कम्प्लेंट फाइल की जाएगी.