बाराबंकी : जिले की एक अदालत ने 12 वर्ष पूर्व पत्नी की गला काटकर की गई हत्या के मामले में आरोपी पति को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना अदा न करने पर 6 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा, जबकि इस मामले में आरोपी बनाए गए महिला के ससुर को दोषमुक्त किया गया है.
पति को आजीवन कारावास
उन्नाव जिले के अजगैन थाना क्षेत्र के झलोतर निवासी शिवराज की बहन की शादी बाराबंकी जिले के थाना जहांगीराबाद के अतरौरा गांव निवासी माता प्रसाद से हुई थी. शिवराज ने थाना जहांगीराबाद पर 10 जनवरी 2009 को लिखित तहरीर दी थी कि उसकी बहन की बांका से गला काटकर हत्या कर दी गई है. वादी शिवराज की तहरीर पर थाना जहांगीराबाद पुलिस ने माता प्रसाद और उसके पिता ईश्वरदीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. जांच के दौरान जुर्म में धारा 3(1) यूपी गैंगेस्टर ऐक्ट की बढोत्तरी की गई. जिसके आधार पर तत्कालीन विवेचक निरीक्षक केडी मिश्रा द्वारा वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन करते हुए माता प्रसाद और उसके पिता ईश्वरदीन के खिलाफ आरोप पत्र माननीय न्यायालय में प्रेषित किया.
अभियोजन पक्ष ने मजबूती से रखा अपना पक्ष
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से रमेश चन्द्र वर्मा ने पक्ष रखा और साक्ष्य प्रस्तुत किये. बचाव पक्ष और अभियोजन द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों और दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय एडिशनल सेशन जज विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर कोर्ट इरफान अहमद ने आरोपी माता प्रसाद को धारा 302 आईपीसी के तहत आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना अदा न करने पर 6 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. जबकि दूसरे आरोपी माता प्रसाद के पिता ईश्वरदीन को आरोपों से मुक्त करते हुए दोषमुक्त कर दिया.