बाराबंकीः जिला एवं सत्र न्यायालय ने किशोरी के अपहरण के मामले में आरोपी को दोषी ठहराते हुए उसे 10 वर्ष के कठोर कारावास और 27 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. आरोपी ने सात साल पहले एक किशोरी का अपहरण कर उसको पंजाब ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया था. ये फैसला अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट नंबर 45 अजय कुमार श्रीवास्तव ने सुनाया है.
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी फौजदारी अजय सिंह सिसौदिया ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि शिकायतकर्ता ने रामनगर थाना क्षेत्र में 08 जून 2015 को तहरीर दी थी, कि उसकी नाबालिग पुत्री 5 जून को घर से स्कूल गई थी. लेकिन जब वह स्कूल से नहीं लौटी, तो उसने खोज खबर शुरू की. खोजबीन में पता चला कि वीरेंद्र कुमार ने उसका अपहरण कर लिया है.
शिकायतकर्ता की की तहरीर पर पुलिस ने धारा 363,366 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर किशोरी की तलाश शुरू की. करीब 22 दिन बाद पुलिस ने किशोरी को आरोपी के कब्जे से बरामद कर लिया. किशोरी द्वारा मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयानों के मुताबिक जब वह स्कूल जा रही थी, तभी रास्ते मे आरोपी ने उसको जबरन खींच कर गाड़ी में बैठा लिया और धमकाया कि शोर करोगी तो गोली मार देंगे. इसके बाद आरोपी उसे ट्रेन से पंजाब ले गया, जहां उसे एक कमरे में 22 दिन रखा और उसके साथ दुराचार किया.
विवेचक द्वारा मामले की वैज्ञानिक तरीकों से साक्ष्य इकट्ठा करते हुए विवेचना की गई और आरोपी वीरेंद्र कुमार के खिलाफ 363, 366, 376 और 3/4 पॉक्सो एक्ट की धाराओं में चार्जशीट दाखिल की. मामले में अभियोजन पक्ष ने ठोस गवाहियां प्रस्तुत की. अभियोजन और बचाव पक्ष के गवाहों और बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट नंबर 45 अजय कुमार श्रीवास्तव ने आरोपी वीरेंद्र कुमार को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास और 27 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.
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