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बाराबंकी में फिर से सक्रिय हुआ कांग्रेस का 'सेवादल'

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में 'सेवादल' फिर से सक्रिय हो गया है. कभी सेवादल को कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी माना जाता था. जनवरी 1924 में कांग्रेस सेवा दल की स्थापना हुई थी. बीते लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार के बाद इसको सक्रिय करने की जरूरत महसूस की गई.

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Published : Jul 28, 2019, 8:21 PM IST

बाराबंकी में फिर से फिर सक्रिय हुआ कांग्रेस का सेवादल.

बाराबंकी: पिछले एक दशक से हाशिये पर जा चुका कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी माना जाने वाला संगठन 'सेवादल' अब एक नई ऊर्जा के साथ फिर से सक्रिय हो गया है. इसके लिए हर जिले में सेवादल के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने का काम शुरू हो गया है. बाराबंकी में मंडल भर से आए कार्यकर्ताओं को सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रशिक्षित कर उनको कई काम सौंपे.

जानकारी देते संवाददाता.

फिर से सक्रिय कांग्रेस का सेवादल

  • बता दें कि कभी सेवादल को कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी माना जाता था.
  • जब-जब पार्टी हाशिये पर गई तब-तब ये सेवादल के सिपाही आगे आते रहे हैं.
  • हर बार सत्ता मिलते ही संगठन को भूल जाना कांग्रेस की आदत रही है.
  • जनवरी 1924 में जब कांग्रेस सेवा दल की स्थापना हुई थी, उस समय अंग्रेज भी इससे डरते थे.
  • पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर राजीव गांधी इसके सक्रिय सदस्य रहे. नेहरू तो इसके पहले अध्यक्ष भी थे.
  • आजादी के दौर में गांधी टोपी सेवा दल की पहचान हुआ करती थी.
  • आजादी के बाद भी कई बड़े नेता सेवादल से निकले, जिन्होंने राजनीति में अपना योगदान दिया.
  • राजीव गांधी का समय सेवादल के लिए सबसे अच्छा था, लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे इसके अस्तित्व पर संकट खड़ा हो गया.
  • बीते लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार के बाद इसको सक्रिय करने की जरूरत महसूस की गई.
  • कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर सेवादल एक बार फिर से नई ऊर्जा से सक्रिय हो रहा है.

सेवादल के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर कई अहम काम सौंपे जा रहे हैं. शनिवार को बाराबंकी में मध्य जोन के कार्यकर्ताओं को सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नए टिप्स देकर उन्हें फिर से नई ऊर्जा से सक्रिय होने को कहा. सेवादल आगामी नौ अगस्त को तिरंगा मार्च निकालकर अपनी सक्रियता का एहसास दिलाएगा. कार्यकर्ताओं ने इसके लिए एक स्लोगन भी तैयार किया है. स्लोगन है 'देश का झंडा तिरंगा, अब नहीं चलेगा दो रंगा'. उत्साह से लबरेज सेवादल कार्यकर्ताओं ने बताया कि कई पार्ट्स में काम दिए गए हैं, उन्हीं पर फोकस करके संगठन को मजबूत करना है.

बाराबंकी: पिछले एक दशक से हाशिये पर जा चुका कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी माना जाने वाला संगठन 'सेवादल' अब एक नई ऊर्जा के साथ फिर से सक्रिय हो गया है. इसके लिए हर जिले में सेवादल के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने का काम शुरू हो गया है. बाराबंकी में मंडल भर से आए कार्यकर्ताओं को सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रशिक्षित कर उनको कई काम सौंपे.

जानकारी देते संवाददाता.

फिर से सक्रिय कांग्रेस का सेवादल

  • बता दें कि कभी सेवादल को कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी माना जाता था.
  • जब-जब पार्टी हाशिये पर गई तब-तब ये सेवादल के सिपाही आगे आते रहे हैं.
  • हर बार सत्ता मिलते ही संगठन को भूल जाना कांग्रेस की आदत रही है.
  • जनवरी 1924 में जब कांग्रेस सेवा दल की स्थापना हुई थी, उस समय अंग्रेज भी इससे डरते थे.
  • पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर राजीव गांधी इसके सक्रिय सदस्य रहे. नेहरू तो इसके पहले अध्यक्ष भी थे.
  • आजादी के दौर में गांधी टोपी सेवा दल की पहचान हुआ करती थी.
  • आजादी के बाद भी कई बड़े नेता सेवादल से निकले, जिन्होंने राजनीति में अपना योगदान दिया.
  • राजीव गांधी का समय सेवादल के लिए सबसे अच्छा था, लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे इसके अस्तित्व पर संकट खड़ा हो गया.
  • बीते लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार के बाद इसको सक्रिय करने की जरूरत महसूस की गई.
  • कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर सेवादल एक बार फिर से नई ऊर्जा से सक्रिय हो रहा है.

सेवादल के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर कई अहम काम सौंपे जा रहे हैं. शनिवार को बाराबंकी में मध्य जोन के कार्यकर्ताओं को सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नए टिप्स देकर उन्हें फिर से नई ऊर्जा से सक्रिय होने को कहा. सेवादल आगामी नौ अगस्त को तिरंगा मार्च निकालकर अपनी सक्रियता का एहसास दिलाएगा. कार्यकर्ताओं ने इसके लिए एक स्लोगन भी तैयार किया है. स्लोगन है 'देश का झंडा तिरंगा, अब नहीं चलेगा दो रंगा'. उत्साह से लबरेज सेवादल कार्यकर्ताओं ने बताया कि कई पार्ट्स में काम दिए गए हैं, उन्हीं पर फोकस करके संगठन को मजबूत करना है.

Intro:बाराबंकी ,28 जुलाई । पिछले एक दशक से हाशिये पर जा चुका कांग्रेस पार्टी की रीढ़ की हड्डी माना जाने वाला संगठन " सेवादल" अब एक नई ऊर्जा के साथ फिर से सक्रिय हो गया है । इसके लिए हर जिले में सेवादल के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने का काम शुरू हो गया है । बाराबंकी में मंडल भर से आये कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रशिक्षित कर उनको कई काम सौंपे ।


Body:वीओ - कभी सेवादल को कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी माना जाता था । जब जब पार्टी परेशानी में हुई है सेवादल के सिपाही आगे आते रहे हैं । लेकिन हर बार सत्ता मिलते ही संगठन को भूल जाना कांग्रेस की आदत रही है । जनवरी 1924 में जब कांग्रेस सेवा दल की स्थापना हुई थी उस समय अंग्रेज भी इससे डरते थे । पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर राजीव गांधी इसके सक्रिय सदस्य रहे । नेहरू तो इसके पहले अध्यक्ष भी थे । आजादी के दौर में गांधी टोपी सेवा दल की पहचान हुआ करती थी ।आजादी के बाद भी कई बड़े नेता सेवादल से निकले जिन्होंने राजनीति में अपना योगदान दिया । राजीव गांधी का समय सेवादल के लिए सबसे अच्छा था लेकिन उसके बाद धीरे धीरे इसके अस्तित्व पर संकट खड़ा हो गया । बीते लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार के बाद इसको सक्रिय करने की जरूरत महसूस की गई । लिहाजा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर सेवादल एक बार फिर से नई ऊर्जा से सक्रिय हो रहा है । सेवादल के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर कई अहम काम सौंपे जा रहे है । शनिवार को बाराबंकी में मध्यजोंन के कार्यकर्ताओं को सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नए टिप्स देकर उन्हें फिर से नई ऊर्जा से सक्रिय होने को कहा ।
बाईट - लाल जी देसाई , राष्ट्रीय अध्यक्ष सेवादल

वीओ - सेवादल आगामी 9 अगस्त को तिरंगा मार्च निकालकर अपनी सक्रियता का एहसास दिलाएगा । कार्यकर्ताओं ने इसके लिए एक स्लोगन भी तैयार किया है । स्लोगन है "देश का झंडा तिरंगा,अब नही चलेगा दो रंगा । उत्साह से लबरेज सेवादल कार्यकर्ताओं ने बत्तया की कई पार्ट्स में काम दिए गए है उन्ही पर फोकस करके संगठन को मजबूत करना है ।
बाईट - इंदु पांडे , सेवादल कार्यकत्री लखनऊ


Conclusion:निश्चय ही काफी अर्से बाद सक्रिय हुआ ये संगठन न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं को नई स्फूर्ति देगा बल्कि पार्टी को और मजबूत करेगा ।
रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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