मुरादाबाद: जनपद में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर लंबे समय से चल रहा रिश्वत का खेल उजागर हुआ है. आरोप है कि लाभार्थियों को आवास दिलाने के नाम पर सर्वे कंपनी के कर्मचारी रिश्वत ले रहे थे.
डूडा विभाग के परियोजना निदेशक ने मुरादाबाद के सिविल लाइन थाने में एक तहरीर देकर सर्वे कंपनी के कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पुलिस ने आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. परियोजना निदेशक द्वारा आरोपी कर्मियों के खिलाफ साक्ष्य भी पुलिस को मुहैया कराए हैं.
आवास योजना के सर्वे के लिए गुजरात की जयेश-ए-दलाल पीएमएसी कंपनी को ठेका दिया गया है. यह कंपनी लाभार्थियों की जियो टैगिंग का काम करती है. सिविल लाइन थाने में दी गई तहरीर में कंपनी के दो कर्मचारियों हिमांशु कुमार और हरदीप सिंह पर महिलाओं से रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है. सर्वे कंपनी के कर्मचारियों में इससे हड़कंप मचा हुआ है.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जहां गरीब परिवारों को आवास दिए जाने है, वहीं आवास दिलाने के नाम पर इन्हीं गरीब परिवारों से रिश्वत की मांग की जा रही है. डूडा विभाग जहां मुकदमा दर्ज करने के बाद मामले को सर्वे कम्पनी से जुड़ा होने का बताकर पल्ला झाड़ रहा है, वहीं पुलिस साक्ष्यों की जांच के बाद कड़ी कार्रवाई का दावा कर रही है.
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कुछ ऑपरेटर गलत तरीके से लोगों को घर दिलाने के नाम पर पैसे की मांग करते थे. परियोजना निदेशक के तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, आगे की कार्रवाई की जा रही है.
-आदित्य, सीओ सिविल लाइन