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केंद्र की सरकार पहले फेंकू सरकार थी अब बेचू सरकार है: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी

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Published : Sep 15, 2020, 11:13 AM IST

देश की वर्तमान अर्थव्यवस्था और सरकारी कम्पनियों को निजी हाथों में दिए जाने से नाराज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने बाराबंकी में केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया.

प्रदर्शन करते भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता.
प्रदर्शन करते भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता.

बाराबंकी: वर्तमान अर्थव्यवस्था और सरकारी कम्पनियों को निजी हाथों में दिए जाने से नाराज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पार्टी के सदस्यों ने सोमवार को बाराबंकी में जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. यही नहीं कार्यकर्ताओं ने कानून व्यवस्था के नाम पर सूबे की योगी सरकार को भी घेरा. उन्होंने कहा कि योगी सरकार पुलिस प्रशासन को अपने राजनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल कर रही है. जनता की लोकतांत्रिक और राजनीतिक गतिविधियों को बाधित किया जा रहा है.

प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि वर्तमान कोरोना संकट के समय जब सरकार द्वारा लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने चाहिए, तो ऐसे में सरकार रोजगार छीनने का कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को देश की जर्जर अर्थव्यवस्था को सुधारने में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार पहले फेंकू सरकार थी, अब बेंचू सरकार हो गई है. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार लगातार सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों को बेचने के कुचक्र में लगी है. अर्थव्यवस्था के इस पैदा किए हुए संकट ने बड़े पैमाने पर बेरोजगारी पैदा कर दी है.

कार्यकर्ताओं का आरोप है कि विभिन्न कंपनियों में छंटनी, उद्योगबन्दी, निष्कासन, जबरिया रिटायरमेंट के जरिए इसे और बढ़ाया जा रहा है. केंद्रीय वित्तमंत्री देश की अर्थव्यवस्था के बारे में लगातार झूठे दावे कर रही हैं. प्रदर्शन कर रहे आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने मांग की कि लगातार झूठ बोलने वाले वित्त मंत्री को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक आधार नहीं है. उन्हें सत्ता से बाहर किया जाए.

बाराबंकी: वर्तमान अर्थव्यवस्था और सरकारी कम्पनियों को निजी हाथों में दिए जाने से नाराज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पार्टी के सदस्यों ने सोमवार को बाराबंकी में जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. यही नहीं कार्यकर्ताओं ने कानून व्यवस्था के नाम पर सूबे की योगी सरकार को भी घेरा. उन्होंने कहा कि योगी सरकार पुलिस प्रशासन को अपने राजनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल कर रही है. जनता की लोकतांत्रिक और राजनीतिक गतिविधियों को बाधित किया जा रहा है.

प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि वर्तमान कोरोना संकट के समय जब सरकार द्वारा लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने चाहिए, तो ऐसे में सरकार रोजगार छीनने का कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को देश की जर्जर अर्थव्यवस्था को सुधारने में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार पहले फेंकू सरकार थी, अब बेंचू सरकार हो गई है. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार लगातार सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों को बेचने के कुचक्र में लगी है. अर्थव्यवस्था के इस पैदा किए हुए संकट ने बड़े पैमाने पर बेरोजगारी पैदा कर दी है.

कार्यकर्ताओं का आरोप है कि विभिन्न कंपनियों में छंटनी, उद्योगबन्दी, निष्कासन, जबरिया रिटायरमेंट के जरिए इसे और बढ़ाया जा रहा है. केंद्रीय वित्तमंत्री देश की अर्थव्यवस्था के बारे में लगातार झूठे दावे कर रही हैं. प्रदर्शन कर रहे आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने मांग की कि लगातार झूठ बोलने वाले वित्त मंत्री को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक आधार नहीं है. उन्हें सत्ता से बाहर किया जाए.

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