बाराबंकीः जनपद में वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने पर वर्तमान भाजपा सांसद उपेन्द्र सिंह रावत (BJP MP Upendra Singh) (उस समय भाजपा से विधानसभा प्रत्याशी) समेत 05 के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे की कार्यवाही समाप्त कर दी है. इस मामले में आरोपियों ने हाईकोर्ट की शरण में आरोप पत्र क्वैश करने की गुहार लगाई थी. जिसके बाद माननीय हाईकोर्ट ने पर्याप्त आधार पाते हुए आरोप पत्र खारिज कर दिया था.
बता दें कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान जैदपुर विधानसभा (zaidpur assembly) से भाजपा ने उपेन्द्र सिंह रावत को प्रत्याशी बनाया गया था. उड़नदस्ता प्रभारी ओमप्रकाश ने बीती 28 जनवरी 2017 को तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी उपेन्द्र रावत , तत्कालीन जिलाध्यक्ष अवधेश श्रीवास्तव, बृजभान वर्मा, हर्षित वर्मा और रामकुमार मिश्रा के खिलाफ असंदरा थाने में आईपीसी की धारा 171-एच, 188 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 127-ए के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप था कि बिना अनुमति के कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया था. बिना अनुमति कार्यालय का उद्घाटन कर 100 लंच पैकेट भी वितरित किया गया. उड़नदस्ता प्रभारी ने इस आख्या के आधार पर असंदरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था.
मामले में विवेचक द्वारा आरोप पत्र एमपी एमएलए कोर्ट बाराबंकी को प्रेषित किया गया था. जिसके विरुद्ध सांसद उपेन्द्र सिंह रावत व चार अन्य माननीय उच्चन्यायालय आरोप पत्र क्वैशिंग में गए थे. उक्त मामले में उच्च न्यायालय के विद्वान अधिवक्ता अजीत कुमार की दलीलें सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने कार्यवाही को स्टे कर दिया. उच्च न्यायालय के इस आदेश को एमपी एमएलए कोर्ट बाराबंकी में अधिवक्ता पुष्पेंद्र कुमार सिंह के द्वारा दाखिल किया गया था.
सुनवाई के दौरान लखनऊ हाईकोर्ट ने पाया कि उक्त आरोप पत्र गलत तथ्यों के आधार पर एमपी एमएलए कोर्ट बाराबंकी को प्रेषित किया गया था. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने उक्त आरोप पत्र को क्वैश करने का पर्याप्त आधार पाते हुए आरोप पत्र को 27 जुलाई 2022 को क्वैश कर दिया था. इस आदेश को अधिवक्ता पुष्पेन्द्र कुमार सिंह ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट नम्बर-19 बाराबंकी विपिन कुमार यादव के न्यायालय में दाखिल किया. इस आदेश के अनुपालन में माननीय कोर्ट ने कार्यवाही समाप्त करते हुए पत्रावली दाखिल दफ्तर करने का आदेश दिया.
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