बाराबंकी: जिले के एक युवक ने हिंदी भाषा उत्थान के लिए अनोखी पहल की है. हिंदी भाषा की मदद से वह आयुर्वेद और योग को लोगों के घर-घर तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं. क्षितिज श्रीवास्तव जिला के आयुर्वेदिक विभाग में बतौर कनिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत हैं.
क्षितिज ने बताया कि उन्हें बचपन से ही हिंदी कविताएं लिखने और पढ़ने का शौक रहा है. 12वीं पास करने बाद वर्ष 2015 में वे मशहूर हास्य व्यंग्य कवि सर्वेश अस्थाना के सृजन संस्था से जुड़ गए. इस दौरान कविता के जरिए हिंदी भाषा को बढ़ाने का काम करते रहे.
लॉकडाउन के दौरान जब कवि सम्मेलन जैसी गतिविधियां बंद हुईं, तो उन्होंने देश के नामी कवियों से आयुर्वेद और योग की महत्ता बताने वाली रचनाओं के लिए अनुरोध किया. इसके बाद उन कविताओं को एक बैनर पर लिखवाया. यह बैनर हिंदी दिवस के अवसर पर जिले के सभी 30 आयुर्वेदिक अस्पतालों पर लगवाया जाएगा.
इस मुहिम को राष्ट्रीय स्तर तक ले जाने के लिए सीएम योगी और आयुष मंत्रालय को पत्र लिखा जाएगा. इसे प्रदेश के सभी आयुर्वेद अस्पतालों पर लगवाने की मांग की जाएगी, ताकि हिंदी भाषा के साथ-साथ आयुर्वेद और योग को घर-घर पहुंचाया जा सके.क्षितिज श्रीवास्तव, कनिष्ठ लिपिक, आयुर्वेदिक विभाग