बाराबंकी: ज्यादातर सेब की खेती (Apple Farming) जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और कुछ पहाड़ी प्रदेशों में ही होती है क्योंकि वहां की जलवायु (Climate) सेब की खेती के लिये अनुकूल है. जल्द ही यूपी के मैदानी इलाकों से भी सेब का बम्पर उत्पादन होगा. चौंकिए नहीं ये सच है. यूपी के एक युवा किसान ने बाराबंकी में सेब की खेती (Apple production in Barabanki) शुरू की है.
उसके बाद उत्तम ने एक नई खेती करने की सोची. तकरीबन 3 वर्ष पहले उत्तम ने गूगल पर किसी नई खेती को सर्च करना शुरू किया. इस दौरान उसे मैदानी इलाके में उगने वाले हरमन-99 (HRMN-99) वरायटी के सेब की जानकारी हुई. उत्तम ने इस वरायटी को विकसित करने वाले हिमाचल प्रदेश के हरमन शर्मा से फोन पर सम्पर्क किया और 300 पौधों का ऑर्डर कर दिया. भाड़े समेत एक पौधे की कीमत ढाई सौ रुपये पड़ी और पौधे आ गए. तकरीबन 10 इंच वाले इन पौधों को उत्तम ने अपने 3 बीघा खेत में लगाया
आज ये पौधे दो वर्ष के होने वाले हैं. अगले वर्ष मार्च में इसमें फ्लावरिंग शुरू हो जाएगी. उसके बाद फल आ जाएंगे. उम्मीद है कि एक पेड़ से पहले वर्ष तकरीबन 10 किलो सेब का उत्पादन होगा. उत्तम वर्मा की सेब की खेती देखने के लिए जिले के दूरदराज से किसान आते हैं. पहली बार लीक से हटकर की जा रही, इस खेती से तमाम किसान खासे प्रभावित है. बागवानी के शौकीन किसानों को उत्तम वर्मा की इस पहल से उम्मीद जगी है कि यहां की जलवायु में भी सेब की खेती हो सकेगी. हार्टिकल्चर (Horticulture) से जुड़े एक्सपर्ट्स के मुताबिक सेब की खेती ठंडे क्षेत्रों में ही की जाती है.
मार्च और अप्रैल के महीने में सेब के पेड़ों में फ्लावरिंग होने लगती है. जून में फल तैयार हो जाते हैं. हरमन-99 किस्म के पौधों की फसल पहाड़ी क्षेत्रों में की जाने वाली खेती से एक महीना पहले हो जाती है. हरमन-99 वरायटी के सेब की खेती मैदानी क्षेत्रों में 40 से 45 डिग्री तापमान में आसानी से हो जाती है. सेब की इस किस्म को फलने और फूलने के लिए चिलिंग आवर्स की आवश्यकता नहीं होती है. उम्मीद है कि आने वाले समय में यूपी के बाराबंकी में सेब का बम्पर उत्पादन होगा.
फायदेमंद है सेब
- सेब में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर्स, शुगर, विटामिन सी,आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम पाया जाता है.
- इसे खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
- इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं.
- इसके सेवन से अस्थमा जैसी बीमारी से बचाव होता है.
- इसे खाने से याददाश्त बढ़ती है और अल्जाइमर रोग से बचाव होता है.
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