बाराबंकीः पॉक्सो ऐक्ट के तीन अलग-अलग मामलों में बाराबंकी की सेशन न्यायालय दोषियों को सजा सुनाई है. अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट नम्बर-46 अंकिता शुक्ला ने दो मामलों में सजा सुनाई है. वहीं, अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट नम्बर- 44 राजीव महेश्वरम ने भी एक मामले में सजा सुनाई है.
कोर्ट नम्बर-44 ने सुनाई सजा
एडीजीसी क्रिमिनल योगेंद्र सिंह ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए मंगलवार को बताया कि वादी ने 1 सितंबर 2016 को रामनगर थाने में तहरीर देकर बताया था कि उसकी पुत्री को मोहित पुत्र शिव कैलाश बहला फुसलाकर भगा ले गया है. इस पर पुलिस द्वारा आरोपी मोहित के खिलाफ 363,366 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की गई. इस दौरान विवेचना मामले में 376 आईपीसी और 3/4 पॉक्सो ऐक्ट की बढोत्तरी की गई. मामले में अभियोजन ने ठोस गवाह पेश किए. अभियोजन और बचाव पक्ष द्वारा प्रस्तुत किये गए गवाहों और तर्कों को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट नम्बर-44 राजीव महेश्वरम ने आरोपी मोहित को दोषी करार दे दिया. कोर्ट ने दोषी को 7 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है
कोर्ट नम्बर 46 ने दो मामलों में सुनाई सजा
अभियोजक अधिकारी लव त्रिपाठी और पुरुषोत्तम मिश्रा ने पहले मामले का अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि दरियाबाद थाने के एक गांव के वादी ने पहली मई 2013 को तहरीर देकर अपनी पुत्री को बहला फुसलाकर भगा ले जाने के मामले में जंग बहादुर पुत्र देशराज के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने धारा 363, 366, 376 आईपीसी और एससीएसटी ऐक्ट और 4 पॉक्सो ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना की थी. इस मामले में अभियोजन ने ठोस गवाह पेश किए. दोनों पक्षों की गवाही और बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट नम्बर-46 अंकिता शुक्ला ने आरोपी जंगबहादुर को दोषी करार देते हुए उसे 10 वर्ष के कठोर कारावास और 22 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.
दूसरे मामला ये है
अभियोजक अधिकारी ने अभियोजन कथानक बताया कि टिकैतनगर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी वादी ने 28 अक्टूबर 2016 को थाने में तहरीर देकर संदीप सिंह पुत्र मंशाराम के खिलाफ अपनी पुत्री के साथ दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने इस मामले में 376, 452, 506 आईपीसी और 3/4 पॉक्सो ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश की थी. अभियोजन ने इस मामले में ठोस गवाह पेश किए. अभियोजन और बचाव पक्ष द्वारा प्रस्तुत किये गए गवाहों और दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट नम्बर- 46 अंकिता शुक्ला ने आरोपी संदीप सिंह को दोषी करार देते हुए उसे 10 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई.
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